ओलंपिक रिपोर्ट | भारत चौथे रोज़ भी ख़ाली हाथ

7, जुलाई 2021 | टोक्यो ओलंपिक में प्रतिस्पर्धाओं का चौथा दिन.
ओलंपिक खेल क्या पूरा ओलंपिक आंदोलन अपनी प्रकृति में एमेच्योर है. इसमें कोई भी प्रोफ़ेशनल खिलाड़ी भाग नहीं ले सकता है. लेकिन इन खेलों में पदक जीतना हर छोटे-बड़े खिलाड़ी का सपना होता है, भले ही उसने अपने खेल में दुनिया का सबसे बड़ा ख़िताब या पदक जीता हो. और इसमें पदक जीतना उतना ही कठिन! भले ही ये खेल एमेच्योर हो लेकिन बिना प्रोफ़ेशनल एप्रोच के यहां जीतना मुश्किल ही नहीं, असंभव है. यहां उम्मीदों से नहीं जीता जाता बल्कि जीत के लिए परफ़ॉर्म करना होता है.

चौथे दिन भी भारत के हाथ ख़ाली रहे. भारतीय खिलाड़ियों के हाथ थोड़ी जीत लगी और ज़्यादा हार. तमाम खिलाड़ियों का ओलंपिक का सफ़र ख़त्म हुआ. उम्मीदें बनी कम और टूटी ज़्यादा. भारत के नाम आज केवल तीन जीत रहीं. पुरुष हॉकी, मुक्केबाज़ी और बैडमिंटन में. इनमें भी दो जीत में पदक की संभावनाएं बनी. बैडमिंटन में जीतकर भी भारत बाहर हो गया.

दिन की शुरुआत भारत ने ठीक वैसी की जैसी हर भारतावासी की ख़्वाहिश थी. हर अंधेरी रात के बाद सवेरा आता ही है. भारत के हिस्से भी आया. भारत की हॉकी टीम दो दिन पहले ऑस्ट्रेलिया से मिली करारी हार से न केवल उबर चुकी थी बल्कि उसे कहीं बहुत पीछे छोड़ कर टीम नई ऊर्जा और उत्साह के साथ मैदान में उतरी. शानदार खेल दिखाया और स्पेन को 3-0 से हराया. पहला गोल सिमरनजीत किया और दूसरा गोल रुपिंदर पाल ने किया. पहले ही क्वार्टर में भारत 2-0 की बढ़त ले चुका था. चौथे क्वार्टर में रुपिंदर ने एक और गोल किया. इस जीत के साथ ही भारत अपने पूल में अब दूसरे स्थान पर है और नॉक आउट में पहुंचना लगभग तय है.

शूटिंग में भारत के निशानेबाज़ों का ख़राब प्रदर्शन आज भी जारी है. आज निशानेबाज़ी में पहली स्पर्धा 10 मीटर मिक्स्ड एयर पिस्टल की थी. इसमें भारत की दो जोड़ियां भाग ले रही थीं. यशस्विनी देशवाल व अभिषेक वर्मा और सौरभ चौधरी व मनु भाकर भाग ले रहे थे. अभिषेक यशस्विनी की जोड़ी 17वें स्थान पर रहकर पहले ही दौर में बाहर हो गए.

उम्मीद थी कि मनु भाकर इससे पहले के मुक़ाबले में पिस्टल खराब होने के हादसे से उबर गई होंगी, शायद ऐसा हो नहीं पाया. उन्होंने पहले राउंड में प्रथम रहकर अगले राउंड में प्रवेश किया. लेकिन अगले राउंड में सातवें स्थान पर रहे और पदक की दौड़ से बाहर हो गए.

एक बार फिर निशानेबाज़ डिलीवर करने में विफल रहे. सौरभ ने तो बेहतरीन प्रदर्शन किया पर मनु भाकर का प्रदर्शन दूसरे राउंड के 16 प्रतिभागियों में सबसे ख़राब था. अगर मनु थोड़ा अच्छा करती तो परिणाम कुछ और होता. पर परिणाम अगर-मगर नहीं देखता. इसके बाद सम्पन्न हुई 10 मीटर एयर राइफल मिक्स्ड टीम स्पर्धा में भी दो भारतीय जोड़ी भाग ले रही थीं पर दोनों ही फ़ाइनल में नहीं पहुंच सकीं. क्वालिफ़िकेशन राउंड में इलावेनिल और दिव्यांश पंवार की जोड़ी 626.5 अंकों के साथ 12वें स्थान पर और अंजुम मौदगिल व दीपक कुमार की जोड़ी 623.8 अंकों के साथ 18वें स्थान पर रहीं. इस स्पर्धा का स्वर्ण चीन ने रजत दक्षिण कोरिया ने और कांस्य यूक्रेन ने जीता.

दूसरी जीत मुक्केबाज़ी के रिंग से आई. पिछले तीन दिनों में तीन भारतीय पुरूष मुक्केबाज़ पहले ही राउंड में हारकर बाहर हुए. लेकिन लवलीना बोरगोइन ने वेल्टरवेट 69 किलोग्राम वर्ग में एक बहुत ही क़रीबी मुक़ाबले में जर्मनी की नाडिन अपेटज़ को 3-2 से हरा दिया. वे पदक से एक जीत दूर हैं. क्वार्टर फ़ाइनल में उनका मुक़ाबला ताइपे की चिन चेन से होगा.

आज की तीसरी जीत बैडमिंटन में आई. लेकिन चिराग शेट्टी और ऋत्विक रेड्डी की जोड़ी जीत के बावजूद क्वार्टर फ़ाइनल की रेस से बाहर हो गई. उन्होंने इंग्लैंड के बेनलेन व सीन वेंडी की जोड़ी को 21-17, 21-19 से हराया. अपने ग्रुप में वे दो जीत और एक हार के साथ तीसरे स्थान पर रहे. आगे बढ़ने के लिए भारतीय जोड़ी को इंग्लिश जोड़ी को हराना भी ज़रूरी था और ताइपे की जोड़ी का इंडोनेशिया की जोड़ी से हारना भी ज़रूरी था. पर ताइपे की जोड़ी ने इंडोनेशिया की जोड़ी को 2-1 से हरा दिया.

सेलिंग में भी प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा. पुरुषों की एकल डिंगी लेज़र स्पर्धा में भारत के विष्णु सरवनन चौथी रेस में 23वें और पांचवी रेस में 22वें और छठी रेस में 12वें स्थान पर रहे. जबकि महिला वर्ग की एकल डिंगी लेज़र रेडियल स्पर्धा में नेत्रा कुमानन पांचवी रेस में 32वें और छठी रेस में 38वें स्थान पर रही. सेलिंग की युगल स्किफ 49वें और स्पर्धा में वरुण ठक्कर और के सी गणपति की जोड़ी पहली रेस में 18वें स्थान पर रही. ख़राब मौसम के कारण रेस 2 और 3 स्थगित कर दी गईं.

इसके साथ ही टेबल टेनिस में भी भारत की चुनौती समाप्त हो गई. तीसरे दौर में शरथ कमल वर्तमान चैंपियन चीन के मा लांग से 1-4 से हार गए. वे लोंग से केवल दूसरा गेम 11-8 से जीत पाए. लांग के पक्ष में स्कोर रहा 11-7,8-11,13-11, 11-4,11-4.

और ये भी कि क़ाबिलियत की कोई उम्र नहीं होती. 100 मीटर ब्रैस्टस्ट्रोक स्पर्धा में अमेरिका की 17 साल की लीडिया जैकोबी ने अपनी साथी और वर्तमान चैंपियन लिली किंग को हराकर स्वर्ण पदक जीता. एक इतिहास बरमूडा की 33 वर्षीया फ़्लोरा डफ़ी ने लिखा. उन्होंने ट्राइथलोन में स्वर्ण पदक जीता. ये छोटे से देश, जिसकी जनसंख्या 70 हज़ार है, का ओलंपिक में पहला स्वर्ण पदक है. टेनिस की महिला एकल स्पर्धा में स्वर्ण की प्रबल दावेदार जापान की विश्व नंबर दो खिलाड़ी नाओमी ओसाका तीसरे दौर में चेक गणराज्य की मार्केता वोन्ड्रॉसोवा से 1-6,4-6 से हार कर बाहर हो गईं.

और ये ख़बर भी टोक्यो ओलंपिक एरीना से कि तैराकी में समलैंगिक टॉम डीन ने 200 मीटर फ्रीस्टाइल स्पर्धा का स्वर्ण पदक अपने ही साथी डंकन स्कोट को हराकर जीत लिया. उन्होंने 17 वर्ष की उम्र में अपने कैंसर पीड़ित पिता को खोया और उसके बाद समलैंगिक होने के कारण लगातार लोगों के निशाने पर रहे. भारोत्तोलन के 59 किलोग्राम भार वर्ग में ताइवान ने तीनों कैटेगरी में ओलंपिक रिकॉर्ड बनाया. स्नैच में 103 किलो, क्लीन एंड जर्क में 133 किलो और कुल 236 किलोग्राम नए ओलंपिक रिकॉर्ड हैं. इसी स्पर्धा का रजत पदक जीतकर तुर्केमेनिस्तान की पोलिना गुरयेवा ने एक इतिहास बनाया. उन्होंने अपने देश के लिए पहला ओलंपिक पदक जीता.

पदक तालिका में जापान 10 स्वर्ण पदकों सहित 18 पदक जीत कर पहले स्थान पर, अमेरिका 9 स्वर्ण सहित कुल 25 पदक लेकर दूसरे स्थान पर और चीन 9 स्वर्ण पदक सहित कुल 21 पदक जीतकर तीसरे स्थान पर है. भारत एक रजत के साथ पदक तालिका में 39वें स्थान पर पहुंच गया है.

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