सुरक्षा में सेंध लगाकर संसद में घुसे, पाँच लोग पकड़े
बुधवार को संसद की सुरक्षा में सेंध लगाकर दो लोग अंदर दाख़िल हो गए और लोकसभा की कार्यवाही के दौरान दर्शक दीर्घा से अचानक सदन के अंदर छलांग लगा दी. इन लोगों ने कैन से पीले और लाल का धुंआ फैला दिया. हालांकि, घटना के तुरंत बाद दोनों लोगों को पकड़ लिया गया और उनके पास से सारी सामग्री ज़ब्त कर ली गई. संसद के बाहर भी प्रदर्शन कर रहे दो और लोगों को भी पकड़ा गया है. ‘प्रभात खबर’ के मुताबिक, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने बताया कि इस मामले की उच्च स्तरीय जांच शुरू हो गई है. सदन की कार्यवाही बृहस्पतिवार को सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई. दर्शक दीर्घा में जाने के अनुमति पत्र और दूसरे एंट्री पास बनाने की प्रक्रिया अगले आदेश तक रद्द करने का आदेश दिया है.
लोकसभा में कूदने वाले लोगों की पहचान मनोरंजन डी तथा सागर शर्मा और संसद भवन परिसर के बाहर प्रदर्शन कर नीलम और अमोल शिंदे के तौर पर की गई है. ‘द टेलीग्राफ़’ ने पुलिस के हवाले से लिखा है कि छह आरोपियों ने सुरक्षा में सेंध लगाने का यह काम समन्वित और योजनाबद्ध तरीके से अंजाम दिया था, जिनमें से पांच को पकड़ लिया गया है. ललित और विक्रम पर उनके साथी होने का संदेह है. सूत्रों ने बताया कि विक्रम को गुरुग्राम से हिरासत में लिया गया है, जबकि ललित की तलाश में दिल्ली पुलिस की टीमें भेजी गई हैं. सुरक्षा एजेंसियां यह पता लगाने की कोशिश कर रही हैं कि क्या उन्हें किसी ने या किसी संगठन ने ऐसा करने के लिए तैयार किया था.
सौ में 74 भारतीयों को पौष्टिक भोजन नसीब नहीं
संयुक्त राष्ट्र की खाद्य एवं कृषि संगठन की मंगलवार को जारी हुई रिपोर्ट में कहा गया है कि वर्ष 2021 में भारत में 74 प्रतिशत लोगों को वर्ष 2021 में स्वास्थ्यवर्धक और संतुलित भोजन नहीं मिल सका था. हालांकि इसे मामूली सुधार कह सकते हैं क्योंकि 2020 में यह 76.2 प्रतिशत था. वहीं, पाकिस्तान में 82.2 और बांग्लादेश में 66.1 प्रतिशत लोगों के संतुलित भोजन नहीं जुट सका. खाद्य सुरक्षा एवं पोषण पर एक अन्य रिपोर्ट के मुताबिक, खाद्य पदार्थों के दाम में वृद्धि के सापेक्ष जब लोगों की आय में इजाफ़ा नहीं होता तो उनके सामने ऐसी ही मुश्किल आती है. ‘द हिंदू’ ने इस रिपोर्ट के हवाले से लिखा है कि यदि खाद्य पदार्थों के दाम बढ़ जाएं और लोगों की आय में और कमी हो जाए तो उस सूरत में उनके सामने सेहत के लिहाज़ से बेहतर भोजन जुटाना और भी ज्यादा मुश्किल हो जाता है. आज की तारीख़ में भी भारतीय उप महाद्वीप में 370.7 मिलियन लोग कुपोषण का शिकार हैं, जो पूरी दुनिया में कुपोषितों की संख्या का आधा है.
ईरान ने कहाः इस्राइल व अमेरिका भी हमास को ख़त्म नहीं कर सकते
ईरान के विदेश मंत्री हुसैन अमीरअब्दुलाहिन ने कहा कि इस्राइल और अमेरिका का हमास के ख़ात्मे का सपना पूरा नहीं होगा. वह जेनेवा संयुक्त राष्ट्रसंघ की बैठक को संबोधित कर रहे थे, जहां मध्य-पूर्व देशों के विदेश मंत्री उपस्थित थे. वहीं, फ़लीस्तीन पर शासन कर रहे हमास के साथ युद्ध बंद करने की अंतरराष्ट्रीय अपील पर इस्राइल और उसका साथ दे रहा अमेरिका पूरी दुनिया में अलग-थलग पड़ गए हैं. इस्राइल ने उल्टे हमास के ख़िलाफ़ हमले तेज़ कर दिए हैं. उसका कहना है कि यह लड़ाई हफ्तों या महीनों तक चल सकती है. ‘द ट्रिब्यून’ ने लिखा है कि इसका नतीजा यह हो रहा है कि गाज़ा पट्टी में सुरक्षित क्षेत्र कम होते जा रहे हैं. उत्तरी गाज़ा से भागकर दक्षिणी गाज़ा में शरण लिए हुए लोग अब यहां हो रहे हमलों का शिकार हो रहे हैं. सोमवार को पूरी रात और मंगलवार को हुए इस्राइली हमले में, जिसमें नागरिक इलाक़े भी शामिल थे, कम से कम 23 लोग मारे गए.
मौत के 46 साल बाद भुट्टो की फांसी की सज़ा पर फिर सुनवाई
पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व प्रधानमंत्री जुल्फ़िकार अली भुट्टो को 46 साल पहले दी गई मौत की सज़ा पर फिर से सुनवाई शुरू की है. पूर्व राष्ट्रपति आसिफ़ अली ज़रदारी ने 2 अप्रैल 2011 को सुप्रीम कोर्ट से मौत की सज़ा पर फिर से विचार करने का औपचरिक अनुरोध किया था. मुख्य न्यायाधीश काज़ी फैज़ ईसा की अध्यक्षता शीर्ष अदालत की नौ सदस्यीय पीठ ने मामले की सुनवाई की. भुट्टो को हत्या के एक मामले में उकसाने का दोषी ठहराए जाने के बाद 1979 में फांसी दे दी गई थी. ‘दैनिक भास्कर’ के मुताबिक, कई लोगों का यह मानना है कि जनरल ज़ियाउल हक़ के दबाव के कारण सात सदस्यीय पीठ ने यह फ़ैसला बरकरार रखा था. हक़ ने 1977 में भुट्टो की सरकार का तख़्तापलट कर दिया था. भुट्टो के नाती बिलावल भुट्टो ज़रदारी के अनुरोध पर मामले की कार्यवाही का सीधा प्रसारण किया जा रहा है.
चयन-संपादन | शरद मौर्य/ सुमित चौधरी
कवर | राजदीप सरदेसाई वाया एक्स
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