तीसरे दिन हमास ने 17 और बंधकों को रिहा किया

  • 10:25 pm
  • 27 November 2023

चार दिन के युद्धविराम समझौते के तहत हमास ने तीसरे दिन बंधक बनाए लोगों में से 17 और बंधकों को रिहा किया. इनमें 14 इस्राइली नागरिक हैं. इसके बदले में इस्राइल की जेलों में बंद लोगों में से 39 फ़लस्तीनी रिहा किए गए. ‘द हिंदू’ की ख़बर के मुताबिक, 50 बंधकों के बदले 150 फ़लस्तीनी नागरिकों को छोड़ा जाना है. इस्राइल ने चरमपंथी समूह हमास ने 7 अक्टूबर को सीमा पार करके इस्राइल में 1200 लोगों की हत्या कर दी थी और 240 लोगों को बंधक बना लिया था.
इस्राइली लेखक हेन मैज़िग ने अपने एक्स हैंडिल पर हमास की क़ैद से आज़ाद हुई एक बच्ची अबीगैल की तस्वीर साझा करते हुए लिखा है- हमास के आतंकवादियों ने अबीगैल के माता-पिता की हत्या कर दी और उसे अनाथ कर दिया. 50 दिनों से ज़्यादा समय तक उसे बंधक बनाकर रखा था. वापस आने के बाद इस्राइल में उसे अपनी चाची के साथ मुस्कुराते हुए देखकर मुझे कितनी ख़ुशी हो रही है, उसका मैं बयान नहीं कर सकता हूँ. अबीगैल हीरो है, लेकिन उसे ऐसा नहीं होना चाहिए. वह तो बच्ची है, उसे बच्ची ही रहना चाहिए.

सुरंग के मलबे की मैनुअल खुदाई शुरू
उत्तरकाशी में निर्माणाधीन सुरंग के धंसने से 16 दिन से उसके मलबे में फंसे मजदूरों को बाहर निकालने के लिए अब मैनुअल खुदाई शुरू हो गई है. बचाव दल को मजदूरों तक पहुँचने के लिए क़रीब 12 मीटर खुदाई करनी है. खुदाई के विशेषज्ञ दल के साथ सेना के इंजीनियर और तकनीकी कर्मचारी भी होंगे. खुदाई के दौरान अगर चट्टान या लोहे की रुकावटें आती हैं, तो गैस कटर और जैकहैमर का इस्तेमाल करने की योजना है. उम्मीद है कि यह काम 24 से 32 घंटों के बीच पूरा हो सकेगा.

चीन में फैली बीमारी के बाद भारत में सतर्कता को कहा
उत्तरी चीन में तेजी से फैल रही श्वसनतंत्र के संक्रमण की बीमारी को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार ने सभी राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों को सतर्क किया है. उनसे अपने अस्पतालों और प्राथमिक-सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में श्वास संबंधी बीमारियों के इलाज की व्यवस्था चुस्त कर लेने को कहा है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि चीन में अधिकतर बच्चे ही इस बीमारी की चपेट में आ रहे हैं. इसलिए देश में भी इस तरह की बीमारी से बचाव की व्यवस्थाओं की समीक्षा करने का फ़ैसला किया गया है. मंत्रालय के एक बयान के हवाले से ‘हिंदुस्तान टाइम्स’ ने लिखा है कि राज्यों को यह भी ध्यान दिलाया गया है कि इन दिनों इनफ्लूएंजा और सर्दी का मौसम भी श्वास संबंधी बीमारियों में इजाफ़े की वजह बनता है. ‘द हिंदू’ की ख़बर के मुताबिक, श्वास संबंधी बीमारियों के मरीज़ों की बहुत गंभीरता से जांच किए जाने के निर्देश दिए गए हैं.

टेक कंपनी जिसने गांवों में खोले हैं अपने दफ़्तर

तमिलनाडु का छोटा-सा शहर तेनकासी केरल की सीमा से लगा हुआ है. 48 हज़ार करोड़ के लेनदेन वाली टेक कंपनी जोहो ने यहां अपना दूसरा सबसे बड़ा दफ़्तर खोला है, जिसमें 800 लोग काम करते हैं. कंपनी के मालिक श्रीधर वेम्बू कहते हैं कि यह देश का पहला टेक दफ़्तर है, जो किसी मेट्रो सिटी में नहीं बल्कि खेत, तालाब और गोशाला के बीच स्थित है. वेम्बू ख़ुद तेनकासी से 20 किलोमीटर दूर अपने गांव गोविंदपेरी में रहते हैं. 2019 में अमेरिका से लौटकर उन्होंने गांव में ही रोज़गार के मौक़े बनाने की कोशिश शुरू की. फ़िलहाल अलग-अलग 30 गांवों में जोहो के दफ़्तर चल रहे हैं. यह हब एंड स्पोक मॉडल है, जो गांवों में काम करने और बेहतर जीवन शैली के लिए प्रेरित करता है. ‘दैनिक भास्कर’ ने लिखा है कि जोहो ट्रांसनेशनल लोकलिज़्म के सिद्धांत को बढ़ावा देता है. इसका अर्थ है, जड़ों के करीब रहकर वैश्विक संपर्क बनाए रखना. वेम्बू ने बताया कि जोहो के नए आफिस टियर 2 व 3 के क़स्बों में खोले जाएंगे.

हमले में बचे सबसे छोटे बच्चे के दादा ने भारत का आभार जताया

इस्राइली नागरिक और हमले में बचे सबसे छोटे बच्चे मोशे होल्ट्बर्ग के दादा रब्बी गैब्रिएल होल्ट्बर्ग ने 26/11 की बरसी पर भारत का आभार जताया है. उन्होंने मोशे और अपने व अन्य इस्राइली परिवारों की सहायता करने और उनका दर्द समझने के लिए सभी भारतीयों का भी शुक्रिया अदा किया है. कहा कि उस दिन की त्रासदी को जितना हम याद करते हैं, उतना ही सभी भारतीय भी करते हैं. हमास के साथ युद्ध के बीच उन्होंने कहा कि यह साफ़ दिखा था कि आतंकवादी किस तरह सभी यहूदियों को मार देना चाहते थे जबकि हम पूरी दुनिया में शांति की कामना करते हैं. ‘द ट्रिब्यून’ ने बताया है कि मोशे के माता-पिता मुंबई के यहूदी केंद्र चावड़ हाउस में काम करते थे. वे वहीं रहते भी थे. आतंकवादी हमले में अन्य लोगों के साथ तब दो साल के रहे मोशे के माता-पिता भी मारे गए थे. माता-पिता की लाशों के पास खड़े होकर रो रहे मोशे को उसकी आया सैंड्रा ने बचाया. मोशे को अपने सीने से चिपकाए सैंड्रा की फोटो ने पूरी दुनिया का ध्यान खींचा था.

बुशरा के पूर्व पति ने कहा-इमरान ख़ान की शादी ग़ैर-इस्लामी

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पत्नी बुशरा बीवी के पूर्व पति खाबर मनेका ने कहा है कि दोनों ने धोखाधड़ी से शादी की है, जो अवैध और ग़ैर-इस्लामी है. उन्होंने आरोप लगाया कि आध्यात्मिक उपचार लेने की आड़ में इमरान ख़ान उनके घर में घंटों रहा करते थे. इस दौरान वह बुशरा के साथ संबंध भी बनाते थे. इमरान देर रात बुशरा को अलग-अलग नंबरों से फ़ोन करते थे. ‘अमर उजाला’ ने मनेका को यह कहते हुए खबर दी है कि बुशरा ने इद्दत पूरी नहीं की, इसलिए यह शादी ग़ैर-इस्लामी है. जेल में बंद इमरान के लिए यह और बड़ा संकट है. क्योंकि पाकिस्तान में शादी ग़ैर-इस्लामी साबित होने पर इसकी सज़ा मौत है.

चयन-संपादन | शरद मौर्य

कवर | हेन मैज़िग/एक्स


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