कछुओं को बचाने के लिए मिसाइलों का परीक्षण रोका

  • 10:34 pm
  • 9 December 2023

भारतीय सेना की अनुसंधान एजेंसी डिफेंस रिसर्च डेवलपमेंट आर्गनाइजेशन (डीआरडीओ) ने जनवरी से मार्च तक ओडिशा के व्हीलर द्वीप पर मिसाइलों का परीक्षण नहीं करने का फ़ैसला किया है. यह फ़ैसला दरअसल संकटग्रस्त समुद्री कछुओं ओलिव रिडले को बचाने के लिए किया गया है. दुनिया का दूसरा सबसे छोटा यह समुद्री कछुआ लुप्त हो रहा है. यह हर साल जाड़ों में ओडिशा के तट पर अंडे देने आता है और गर्मियों में लौट जाता है. ‘द टाइम्स ऑफ़ इंडिया’ की ख़बर के मुताबिक इस बार करीब पांच लाख ओलिव रिडले ने ओडिशा में समुद्र तट पर घोंसले बनाए हैं. अगर यहां मिसाइलों का परीक्षण किया जाता है तो नावों और लोगों की आवाजाही से उनके प्रजनन पर बुरा असर पड़ेगा. यही नहीं, तटरक्षक गश्त के दौरान इस बात का ध्यान रखेंगे कि खाड़ी और इसके मुहाने पर बालू में जहां कछुओं ने अंडे दिए हों, नावें उसके नज़दीक न जाने पाएं. डीआरडीओ कुछओं की सुरक्षा के लिए वन विभाग से समन्वय के लिए एक नोडल अधिकारी भी नियुक्त करेगा.

शिमला में बनेगा दुनिया का दूसरा सबसे लंबा रोपवे

दुनिया का दूसरा सबसे लंबा रोपवे शिमला में बनेगा. नेशनल हाईवे स्थित प्रवेशद्वार तारादेवी से शिमला तक इसकी लंबाई 13.55 किलोमीटर होगी. इसमें तीन लेन होंगी और 660 टॉलियां चलेंगी. हर ट्रॉली में 8 से 10 लोग सवार हो सकेंगे. ‘दैनिक भास्कर’ की रिपोर्ट में बताया गया है कि अभी दुनिया का सबसे लंबा रोपवे दक्षिण अमेरिका में है, जिसकी लंबाई 32 किलोमीटर है. रोपवे का मुख्य उद्देश्य पर्यटन को बढ़ावा देना और पर्यटकों और स्थानीय लोगों को यहां-वहां लगने वाले जाम से बचाना है. इस परियोजना की जानकारी देते हुए उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने मीडिया को बताया कि रोपवे के 13 स्टेशन होंगे और हर दो से तीन मिनट में ट्रॉली उपलब्ध होगी. रोपवे का निर्माण न्यू डेवलपमेंट बैंक की मदद से कराया जाएगा, जिस पर 1555 करोड़ रुपये ख़र्च होने का अनुमान है.

फ़लीस्तीनी लेखक रेफ़ात अलारेर की इस्राइली हमले में मौत
फ़लस्तीनी कवि-लेखक रेफ़ात अलारेर की इस्राइली हमले में मौत हो गई. वह अंग्रेज़ी में लेखन करने वाले गाज़ा के युवा कहानी लेखकों के मार्गदर्शकों में से एक थे. ‘द हिंदू’ में ख़बर है कि अक्टूबर में इस्राइल के ज़मीनी हमले शुरू होने के कुछ दिन पहले ही उन्होंने उत्तरी गाज़ा छोड़ने से मना कर दिया था. ‘अल जज़ीरा’ की ख़बर के मुताबिक, हवाई हमलों में लेखक के परिवार के छह सदस्य भी मारे गए. अपने लेखन में अलारेर ने एक लचीले समुदाय की कहानियों को कहीं और फ़लस्तीनियों के अधिकारों की वक़ालत की. वह गाज़ा के इस्लामिक यूनिवर्सिटी में अंग्रेज़ी साहित्य के प्रोफ़ेसर थे. ‘द टाइम्स ऑफ़ इस्राइल’ ने उनके दोस्त और गाज़ा के कवि मोसाब अबू की फ़ेसबुक पर दी गई प्रतिक्रिया छापी है. इसमें अबू ने कहा है, ‘मेरा दिल टूट गया. मेरे सहयोगी और दोस्त रेफ़ात कुछ मिनटों पहले अपने परिवार के साथ मारे गए. मेरे लिए इस पर विश्वास करना मुश्किल है. हम साथ-साथ स्ट्राबेरी चुनना पसंद करते थे.’

मीम्स से तकनीकी विषय समझा रहे हैं आईआईटी के प्रोफ़ेसर
पढ़ाई में प्रयोग तस्वीर कैसे बदलते हैं, यह देखना हो तो इंडियन इस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, दिल्ली (आईआईटी-डी) में प्रोफ़ेसर आर लक्ष्मी नारायण से मिलना होगा. डिपार्टमेंट ऑफ़ मैटेरियल साइंस एंड इंजीनियरिंग (डीएमएसई) के इस शिक्षक का टेक्निकल पेपर्स समझाने के लिए किया गया नवाचार दिलचस्प है. सबसे बड़ी बात, विद्यार्थियों को पूरा पेपर पढ़ना पड़ता है. उन्होंने छह-छह छात्रों की छह टीमें बनाईं और उन्हें जर्नल एक्टा मैटेरिलिया से मैकेनिकल विहैवियर ऑफ़ मैटेरियल्स पर पेपर पढ़ने के बाद उसका सारांश नाटक, संगीत, नृत्य, वीडियो, मीम्स स्टोरी, शार्ट मूवी या रील्स के ज़रिए प्रस्तुत करने को कहा. ऐसे ही एक प्रेजेंटेशन के जज और फोर्थ ईयर स्टूडेंट लोविश राज ने कहा कि इसके ज़रिए हमें छात्रों में छिपे अभिनय, संगीत जैसी दूसरी प्रतिभाओं का भी पता चला. ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ ने लिखा है कि विद्यार्थी भी इश प्रयोग से ख़ुश हैं. प्रोफ़ेसर नारायण के प्रयोग का यह दूसरा साल है.

कनाडा में पढ़ाई करने वालों पर वित्तीय बोझ बढ़ा
ख़र्च योग्य फ़ंड को लगभग दो गुना बढ़ा दिए जाने से कनाडा में पढ़ाई के लिए छात्र वीजा के आवेदकों पर बोझ बढ़ गया है. इसे कॉस्ट ऑफ़ लिविंग या गारंटीड इनवेस्टमेंट सर्टिफिकेट (जीआईसी) नाम से जाना जाता है. स्टूडेंट वीजा के लिए अभी उन्हें अपने खाते में 10,000 कनाडाई डॉलर (6.20 लाख रुपये) दिखाने पड़ते थे. कनाडा ने अब यह सीमा बढ़ाकर बढ़ाकर 20,635 डॉलर (12.67 लाख रुपये) कर दी है. कनाडा के इमिग्रेशन मंत्री मार्क मिलर ने बताया कि नया नियम पहली जनवरी से लागू होगा. यानी पंजाब के क़रीब सवा लाख आवेदक विद्यार्थियों को अब 6.5 लाख रुपये का अलग से इंतज़ाम करना होगा. ‘द ट्रिब्यून’ ने लिखा है कि वर्ष 2022 में कनाडा में पढ़ाई के लिए वीजा हासिल करने वाले विदेशी छात्रों में सबसे अधिक संख्या भारतीयों की थी. इनमें भी अकेले पंजाब के 3.19 लाख स्टूडेंट थे.

चयन-संपादन | शरद मौर्य


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