बीसीसीआई ने जर्सी नंबर 7 को रिटायर किया

  • 10:34 pm
  • 15 December 2023

भारतीय क्रिकेट टीम में कोई खिलाड़ी आइंदा जर्सी नंबर 7 पहन कर खेलता नहीं दिखेगा. यह जर्सी नंबर अब रिटायर्ड घोषित कर दिया गया है. यानी, इस नंबर की जर्सी अब कोई नहीं पहन सकेगा. इस नंबर की जर्सी कैप्टन कूल महेंद्र सिंह धोनी पहना करते थे. क्रिकेट के प्रति उनकी महान सेवाओं को देखते हुए बीसीसीआई ने धोनी के सम्मान में यह फ़ैसला किया है. इसी तरह का सम्मान पहली बार 2017 में सचिन तेंदुलकर को दिया गया था. उनकी 10 नंबर जर्सी रिटायर की गई थी. यह सम्मान पाने वाले धोनी दूसरे खिलाड़ी होंगे.
‘द इंडियन एक्सप्रेस’ ने बीसीसीआई के अफ़सरों के हवाले से लिखा है कि आईसीसी का नियम है कि खिलाड़ी अपनी जर्सी के लिए 1 से 100 तक कोई भी नबंर चुन सकते हैं. भारत में स्थिति थोड़ी अलग है. 60 विषम नंबर भारतीय टीम के रेगुलर खिलाड़ियों के लिए निश्चित कर दिए गए हैं. इसलिए टीम में आने वाले नए खिलाडि़यों के लिए बाक़ी बचे नंबरों में से ही अपने लिए चुनने की विवशता होगी. खिलाड़ियों के सम्मान में उनके जर्सी नंबर को रिटायर किया जाना पुरानी खेल परंपरा है, जिसे फुटबाल में भी देखा जा सकता है.

डैनियल बरेनबोइम और अली अबू को शांति पुरस्कार
इंदिरा गांधी शांति पुरस्कार-2023 के लिए अर्जेंटीना मूल के पियानोवादक डैनियल बरेनबोइम और फ़लस्तीनी शांति कार्यकर्ता अली अबू अव्वाद को संयुक्त रूप से दिया जाएगा. यह पुरस्कार उन्हें निरस्त्रीकरण और विकास के साथ इस्राइल-फ़लस्तीन विवाद के अहिंसक समाधान के लिए किए जा रहे उनके प्रयासों के लिए दिया जाएगा. इंदिरा गांधी मेमोरियल ट्रस्ट की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि इन दोनों ही ने समाधान की दिशा में अनथक काम किया. जस्टिस टीएस ठाकुर की अध्यक्षता वाली अंतरराष्ट्रीय ज्यूरी ने इन दोनों लोगों को चुना है. इस्राइल और फ़लस्तीनी लोगों के बीच शांति संबंधों के लिए संवाद और संगीत को इन्होंने अपना हथियार बनाया. ‘द हिंदू’ ने लिखा है कि अव्वाद और बरेनबोइम ने राजनीतिक और मानवीय संघर्षों को दूर करने और शांतिपूर्ण सार्वजनिक सहयोग की स्थापना में सामाजिक व सांस्कृतिक समझ को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. इस्राइल-हमास युद्ध के बीच जारी यह घोषणा महत्वपूर्ण है.

टांक में आत्मघाती हमले में तीन पुलिस वालों की जान गई

पाकिस्तान के ख़ैबर पख्तूनख्वाह राज्य के टांक जिले में शुक्रवार को सुबह पुलिस मुख्यालय पर हुए आत्मघाती हमले में तीन पुलिसकर्मियों की जान चली गई, और दो पुलिसकर्मी घायल हो गए. सुरक्षा बलों ने जवाबी कार्रवाई में तीनों हमलावरों को मार गिराया. इलाक़े की घेराबंदी कर दी गई है. हमलावरों के साथियों के छुपे होने की आंशका में तलाशी अभियान चलाया जा रहा है. ‘द डॉन’ के मुताबिक, पुलिस लाइंस में घुसते हुए अंधाधुंध गोलियां बरसाईं गईं. पाकिस्तान पुलिस के जवानों की तरफ़ से की गई फायरिंग में दो हमलावर मारे गए जबकि तीसरे हमलावर ने खुद को उड़ा लिया. पुलिस अधिकारी इफ्तियार शाह के अनुसार, हमलावर के शरीर पर बंधे बम से हुए धमाके में एक सब इंस्पेक्टर सहित तीन पुलिसकर्मियों की जान गई है. पुलिस लाइंस में मौजूद सभी टुकड़ियों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है.

हरियाणा के विधायक तय करेंगे ‘राज्यगान’
राष्ट्रगान की तर्ज पर जल्द ही हरियाणा के पास अपना राज्यगान होगा. मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने मीडिया को बताया कि राज्यगान के लिए प्रतियोगिता कराई गई थी. इसके बाद श्रेष्ठ तीन गीतों का चुनाव किया गया था. इन गीतों को विधानसभा में सदस्यों को सुनाया जाएगा. जिस गीत को सदस्यों का सबसे ज्यादा वोट मिलेगा, उसे साल भर के लिए राज्यगान का दर्जा दिया जाएगा. ‘द डेली गार्जियन’ के मुताबिक, सीएम ने बताया कि सत्ता में आते ही उनकी सरकार ने तय किया था कि विधानसभा के कम से कम तीन… बजट, मानसून और शीत सत्र ज़रूर बुलाए जाएंगे ताकि विधायकों को अपनी बात रखने का ज्यादा मौक़ा मिल सके. उन्होंने याद दिलाया कि पिछली सरकार में दो ही सत्र हुआ करते थे.

सीता के मायके में उपहार भेजने की तैयारी
अयोध्या के नए मंदिर में विराजमान भगवान राम के साथ माता सीता भी होंगी. यह नए घर में उनका प्रवेश भी माना जा रहा है. उनका मायका कहे जाने वाले नेपाल के जनकपुर में परंपरा है कि जब बेटी नए घर में प्रवेश करती है तो मायके से उपहार भेजे जाते हैं. यही उपहार लेकर वहां से 500 लोग 3 जनवरी को चलकर 5 जनवरी को अयोध्या आएंगे. ‘दैनिक भास्कर’ को यह जानकारी वाराणसी के जानकी मंदिर के महंत रोशन दास ने दी है. ये लोग अपने साथ 1100 डलियों में आभूषण, फल-मेवे के अलावा देवी सीता के लिए श्रृंगार सामग्री लाने वाले हैं. भगवान राम के लिए भी वस्त्रादि होंगे. वहां इस परंपरा को ‘घर बास’ कहा जाता है. अय़ोध्या से जनकपुर की दूरी क़रीब पांच सौ किलोमीटर है. पौराणिक मान्यता है कि जनकपुर वही स्थान है, जहां खेत में हल चलाते समय सीता राजा जनक को मिली थीं.

चयन-संपादन |
शरद मौर्य/ सुमित चौधरी


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