करवाचौथ का व्रत नहीं रखना कोई क्रूरता नहीं

  • 10:27 pm
  • 23 December 2023

करवाचौथ पर व्रत न रखना पत्नी की अपनी पसंद हो सकती है. निष्पक्ष रूप से सोचा जाए तो इसे ऐसी क्रूरता नहीं कहा जा सकता जो शादी जैसे बंधन को तोड़ देने की अनुमति देने के लिए काफ़ी हो. यह अलग आस्था के चलते भी हो सकता है. दिल्ली हाईकोर्ट ने यह टिप्पणी तलाक़ के एक मामले में सुनवाई करते हुए की. इस मामले में पति ने यह कहते हुए तलाक़ मांगा था कि उसकी पत्नी बेरुख़ी बरतती है और वैवाहिक परंपराओं के निर्वाह में उसे कोई रुचि नहीं है. हालांकि अन्य आधार पाते हुए हाईकोर्ट ने फ़ैमिली कोर्ट के उस फैसले को बरकरार रखा, जिसमें पत्नी की क्रूरता के आधार पर तलाक़ मंजूर किया गया था. ‘द हिंदू’ ने लिखा है कि पत्नी ने कोर्ट को बताया कि शादी के बाद पहले करवाचौथ पर वह मोबाइल रिचार्ज नहीं कराने की वजह से वह पति से नाराज़ थी और इसीलिए उसने व्रत नहीं रखा था.

गुजरात में 6वीं से 8वीं तक गीता भी पढ़ाएंगे
गुजरात में अगले सत्र से छठवीं से आठवीं तक के विद्यार्थी भगवद्गीता भी पढ़ेंगे. इसके लिए पाठ्यक्रम में जोड़ी गई सहायक पाठ्य पुस्तक जारी भी कर दी गई है. शिक्षा राज्यमंत्री प्रफुल्ल पंसरिया ने बताया कि यह निर्णय केंद्र की नई शिक्षा नीति के तहत लिया गया है. इससे विद्यार्थी भारत की पुरानी और समृद्ध संस्कृति के साथ-साथ आध्यात्मिक सिद्धांतों और मूल्यों से भी परिचित होंगे. ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ ने उनके हवाले से लिखा है कि गीता ‘महाभारत’ का हिस्सा है. इसके जरिये विद्यार्थियों में नैतिक मूल्यों का भी विकास होगा. मंत्री के मुताबिक जारी की गई पुस्तक के बाद इसके दो और भाग आएंगे, जो नौवीं से 12वीं तक के विद्यार्थियों को पढ़ाए जाएंगे.

उत्तराखंड में जनवरी से लागू हो सकता है सिविल कोड
यूनिफ़ार्म सिविल कोड (यूसीसी) सबसे पहले उत्तराखंड में लागू करने की तैयारी है. इसका ड्राफ़्ट लगभग तैयार है. सरकार को ड्राफ़्ट मिलते ही विधानसभा का सत्र बुलाकर इसे लागू कर दिया जाएगा. उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ‘दैनिक भास्कर’ से ख़ास बातचीत में कहा कि यूसीसी के लिए ही लोगों ने उनकी सरकार को चुना है. इसीलिए सरकार ने 27 मई 2022 को पहली ही कैबिनेट बैठक में ही जस्टिस रंजना प्रकाश की अध्यक्षता में इसका ड्राफ़्ट तैयार करने के लिए कमेटी बना दी थी. इस कमेटी ने विभिन्न वर्गों, धर्मों व दलों के हज़ारों लोगों से संवाद किया. सभी माध्यमों से क़रीब ढाई लाख लोगों के सुझाव मिले. इन्हें मिलाकर अंतिम रिपोर्ट बनाई गई है.

गाज़ा के लोगों की ख़ातिर युद्ध विराम ज़रूरी
संयुक्त राष्ट्र ने गाज़ा पट्टी में युद्धविराम की ज़रूरत पर ज़ोर दिया है. महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने मीडिया को बताया कि गाज़ा में लोगों की मूलभूत ज़रूरतों को पूरा करने के लिए मानवीय आधार पर संघर्ष विराम ही एकमात्र रास्ता है. उन्होंने इस्राइल से यह सुनिश्चित करने को कहा कि सहायता कर्मचारी सुरक्षित माहौल में काम कर सकें. मुख्य समस्या इस्राइल के हमले करने के तरीक़े हैं, जिससे गाज़ा में मानवीय सहायता पहुँचाने में काफ़ी परेशानी हो रही है. ‘आकाशवाणी’ ने अपनी ख़बर में गुटेरेस के सोशल मीडिया पोस्ट के हवाले से बताया है कि इस्राइल और हमास के बीच चल रहे संघर्ष में पिछले 75 दिनों में 136 संयुक्त राष्ट्र कार्यकर्ता मारे गए हैं. संयुक्त राष्ट्र के कई कर्मचारियों को उनके घरों से निकाल दिया गया है. विश्व संगठन के इतिहास में इतनी बड़ी तादाद में संयुक्त राष्ट्र कर्मचारी हताहत नहीं हुए.

रोहतक पीजीआई में मरीजों के लिए फ्री रिक्शा
रोहतक के पंडित भगवत दयाल शर्मा पीजीआईएमएस में मरीजों को कैंपस में एक जगह से दूसरी जगह तक जाने के लिए अब मुफ़्त ई-रिक्शा की सहूलियत मिलेगी. पीजीआईएमएस की ओपीडी में रोज़ क़रीब 8,000 मरीज़ आते हैं. इनमें से तमाम को भर्ती करने की ज़रूरत भी पड़ जाती है. मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ.कुंदन मित्तल ने ‘द ट्रिब्यून’ को बताया कि शुरू में तीन ई-रिक्शा लगाए जा रहे हैं. ज़रूरत पर इनकी तादाद बढ़ाई जाएगी. इसमें एक कर्मचारी भी तैनात होगा, जो मरीज़ों की मदद करेगा.

चयन-संपादन | शरद मौर्य


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