सुलेमानी की बरसी पर विस्फोट, 103 लोगों की जान गई

  • 10:35 pm
  • 3 January 2024

तेहरान से क़रीब 820 किलोमीटर दूर करमान में मरहूम ईरानी जनरल क़ासिम सुलेमानी के सम्मान में एक कार्यक्रम में हुए विस्फोटों में कम से कम 103 लोग मारे गए और 141 लोग घायल हो गए. यह कार्यक्रम रिवोल्यूशनरी गार्ड के विशिष्ट कुद्स फ़ोर्स के प्रमुख जनरल क़ासिम सुलेमानी की हत्या की चौथी बरसी के मौक़े पर आयोजित किया गया था. जनवरी, 2020 में अमेरिकी ड्रोन हमले में उनकी मौत हो गई थी.

ईरान की सरकारी समाचार एजेंसी ‘इरना’ ने करमन में आपातकालीन सेवा के प्रमुख डॉ. मोहम्मद साबेरी के हवाले से हताहतों के बारे में बताया हैं. रिपोर्टों के अनुसार, क़ासिम सुलेमानी की कब्र के पास दो तेज़ विस्फोट सुने गए. करमन के डिप्टी गवर्नर रहमान जलाली ने इसे “आतंकवादी हमला” ठहराया है, हालांकि, उन्होंने इस बारे में विस्तार से कुछ नहीं कहा. किसी समूह ने अभी तक आज हुए विस्फोटों में शामिल होने का दावा नहीं किया है.

मेट्रो में भीड़ के हिसाब से दिल्ली अपवाद
यह हैरानी की बात हो सकती है लेकिन दिल्ली-एनसीआर को छोड़कर देश के किसी शहर में मेट्रो ट्रेनों को मिल रही सवारियां अपेक्षित के मुकाबले एक तिहाई से भी कम हैं. यह जानकारी आईआईटी-दिल्ली और द इंफ्राविजन फाउंडेशन की रिपोर्ट में दी गई है. दरअसल, जब मेट्रो ट्रेन चलाने का प्रोजेक्ट बनाया जाता है तो उसके साथ यह अनुमान भी रखा जाता है कि कितनी सवारियां मिलने से घाटा नहीं होगा. इसे प्रोजेक्ट प्लान में सवारियों की अपेक्षित संख्या कहा जाता है. ‘दैनिक भास्कर’ ने लिखा है कि ज्यादातर मेट्रो ट्रेनों में अपेक्षित सवारियों की संख्या 25 से 30 प्रतिशत ही है. दिल्ली अपवाद है, इसने अनुमानित सवारियों का 47.45 प्रतिशत लक्ष्य पा लिया है. आवास और शहरी मामलों के संसदीय पैनल ने जुलाई 2022 की रिपोर्ट में कम सवारियों का जिक्र किया था. इसमें बताया गया था कि 2020-21 में दिल्ली मेट्रो की औसत रोजाना सवारियां 50.6 लाख थीं, जो दिल्ली मेट्रो रेल कारपोरेशन को घाटे से बचाने के लिए 38.4 लाख से ज्यादा हैं.

पढ़ने के लिए कनाडा जाने वालों में 40 फ़ीसदी कमी
कनाडा में पढ़ाई के लिए आवेदन करने वालों की संख्या में बीते साल जुलाई तक 40 प्रतिशत तक की कमी आई है. सामने आए नए आंकड़ों के मुताबिक, कनाडा की सरकार ने 2022 में जुलाई से अक्टूबर के बीच 1,46,000 भारतीयों के लिए नए शिक्षा परमिट जारी किए थे. वर्ष 2023 में इसी अवधि में 87,000 ही परमिट जारी किए गए. ‘द ट्रिब्यून’ ने यह जानकारी अप्लाई बोर्ड द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के हवाले से दी है. अप्लाई बोर्ड विदेशों में शिक्षा के लिए आवेदन करने का ऑनलाइन प्लेटफॉर्म है. इसका मतलब यह हुआ कि 2023 में 2022 के मुकाबले 60,000 कम छात्रों के लिए वीजा जारी हुआ. हालांकि इससे पहले बीते साल जनवरी से जून तक कनाडा सरकार ने 2022 के मुकाबले 25 प्रतिशत ज्यादा भारतीय छात्रों के आवेदन मंजूर किए थे. माना जा रहा है कि आवेदनों में कमी का सबसे बड़ा कारण कनाडा सरकार द्वारा इस साल एक जनवरी से ‘कास्ट ऑफ लिविंग’ में भारी बढ़ोतरी किया जाना है.

भारत-म्यांमार के बीच बिना वीजा आवाजाही ख़त्म होगी
भारत-म्यांमार के बीच बिना वीजा के मुक्त आवाजाही व्यवस्था (फ्री मूवमेंट रिजीम) जल्द ही ख़त्म हो जाएगी. केंद्र सरकार के एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने ‘द हिंदू’ को बताया कि दोनों ओर सीमा पर रहने वाले लोग जो बिना रोकटोक सीमा के आर-पार आ-जा सकते थे, उन्हें जल्दी ही वीजा की आवश्यकता होगी. भारत और म्यांमार के सीमावर्ती लोगों के बीच परिवारिक और नस्ली संबंध हैं. इस कारण 1970 के दशक में मुक्त पारगमन व्यवस्था लागू की गई थी. इसे 2016 में आखिरी बार संशोधित किया गया था. इस संधि के मुताबिक लोग सीमा से 16 किलोमीटर अंदर तक बिना वीजा जा सकते हैं. अधिकारी ने बताया कि अब लगभग 300 किलोमीटर की सीमा को बाड़बंदी से घेरा जाएगा. इसके लिए कुछ दिनों में टेंडर जारी किया जाएगा. ड्रोन की मदद से सीमा क्षेत्रों का सर्वेक्षण पूरा कर लिया गया है. ऐसे क़दम का नागालैंड और मिजोरम जैसे राज्यों में विरोध हो सकता है, इस सवाल पर उन्होंने कहा, “सीमा सुरक्षा केंद्र का क्षेत्र है. हम उनकी चिंताओं का संज्ञान ले सकते हैं लेकिन अंतिम निर्णय केंद्र सरकार का है. हम म्यांमार के साथ बातचीत कर रहे हैं.”

नामीबियाई चीता आशा ने तीन शावकों को जन्म दिया
नामीबिया से आई चीता आशा ने तीन शावकों को कूनो जंगल में जन्म दिया है. तीनों शावक स्वस्थ हैं. केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने शावकों के वीडियो शेयर किए हैं. वीडियो में तीनों स्वस्थ्य दिख रहे हैं. केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने एक्स पर लिखा है कि यह बताते हुए हमें खुशी हो रही है कि कूनो नेशनल पार्क ने तीन नए सदस्यों का स्वागत किया है. नामीबियाई चीता आशा ने शावकों को जन्म दिया है.
दरअसल, कूनो जंगल में इससे पहले 24 मार्च 2023 को मादा चीता ज्वाला ने चार शावकों को जन्म दिया था. इनमें से तीन शावकों की मौत हो गई थी. चार में से एक शावक जीवित है और कूनो में बड़ा हो रहा है. प्रधानमंत्री के जन्मदिन पर सबसे पहले 17 सितंबर 2022 को नामीबिया से लाए गए आठ चीते छोड़े गए थे. इसके बाद 18 फरवरी 2023 को दक्षिण अफ्रीका से 12 चीते कूनो जंगल में लाकर छोड़े गए थे. कूनो जंगल में कुल 20 चीते लाए गए थे, इनमें से छह चीतों की मौत हो गई है. कूनो जंगल में अभी कुल 14 बड़े चीते बचे हुए हैं और एक शावक है. वहीं, तीन नए शावकों के जन्म के बाद कूनो में चीतों का कुनबा बढ़ गया है.

चयन-संपादन | शरद मौर्य/ सुमित चौधरी

कवर | फ़ाइल फ़ोटो


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