ग़रीबी पर जीत की कहानी है मजदूर महिलाओं का बैंड
खेतों में मजदूरी करने वाले हाथ, एक तो औरतें, ऊपर से दलित. हर क़दम ग़रीबी और अनादर से जूझती इन महिलाओं ने 2015 में वाद्ययंत्र बजाना सीखा और फिर अपना बैंड बना लिया- सरगम. आज वे न केवल ढंग की आमदनी कर पाती हैं, बल्कि आदर की नज़र से भी देखी जाती हैं. पटना ज़िले के दो गांवों धिबरा और समर की इन महिलाओं ने अपने श्रम और संघर्ष से ग़रीबी के ख़िलाफ़ जो पटकथा लिखी है, वह अद्भुत है. इन्हें इसके लिए प्रेरित करने वाली पद्मश्री सुधा वर्गीज ने ‘द टाइम्स ऑफ़ इंडिया’ को बताया कि उन्हें ख़ुशी है कि केवल महिलाओं की बैंड पार्टी का उनका आइडिया आज इन महिलाओं की ज़िंदगी बदल रहा है. दूसरे बैंड की तरह वे न केवल बॉलीवुड के गानों की धुनें बल्कि भोजपुरी गीत भी बजाती हैं. केवल बिहार भर में ही नहीं, यह बैंड अहमदबाद, बेंगलुरू और दिल्ली तक बुलाया जाता है. यह बैंड ही है कि कभी बमुश्किल सौ रुपये रोज़ की दिहाड़ी पर काम करने वाली पंचम देवी अब बीस हजार रुपये महीना कमा रही हैं. रामरती देवी बताती हैं कि कभी मज़ाक उड़ाने वाले घर और पड़ोस के लोग अब उनका लोहा मानते हैं. हाँ, बजाना सीखने में कड़ी मेहनत ज़रूर करनी पड़ी.
इसरो ने आदित्य यान पर लगाया ‘मैग्नेटोमीटर बूम’
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने अंतरिक्ष में कम तीव्रता वाले अंतरग्रहीय चुंबकीय क्षेत्र को मापने के लिए तैयार किए गए ‘मैग्नेटोमीटर बूम’ को आदित्य-एल1 उपग्रह पर सफलतापूर्वक तैनात कर दिया है. अंतरिक्ष एजेंसी ने बताया कि छह मीटर लंबे ‘मैग्नेटोमीटर बूम’ को 11 जनवरी को ‘एल1’ (सूर्य-पृथ्वी लैंग्रेंजियन बिदु) पर ‘हालो’ कक्षा में तैनात किया गया था. यह ‘आदित्य-एल1’ के प्रक्षेपण के बाद से 132 दिन तक संग्रहीत स्थिति में था. ‘मैग्नेटोमीटर बूम’ एक वैज्ञानिक उपकरण है जिसका उपयोग ‘मैग्नेटोस्फीयर (चुंबकीय क्षेत्र) का विश्लेषण करने के लिए किया जाता है. इसरो के मुताबिक, ‘मैग्नेटोमीटर’ में अत्याधुनिक और उच्च सटीकता वाले चुंबकीय सेंसर के दो सेट होते हैं. सेंसर अंतरिक्ष यान से तीन और छह मीटर की दूरी पर स्थापित किए गए हैं. इन दूरियों पर उन्हें स्थापित करने से माप पर अंतरिक्ष यान द्वारा उत्पन्न चुंबकीय क्षेत्र का प्रभाव कम हो जाता है और उनमें से दो का उपयोग करने से इस प्रभाव का सटीक अनुमान लगाने में सहायता मिलती है. दोहरी सेंसर प्रणाली अंतरिक्ष यान के चुंबकीय प्रभाव को खत्म करने में सहायक होती है. इसरो ने सूर्य का अध्ययन करने के लिए देश के पहले सौर मिशन यान ‘आदित्य-एल1’ को छह जनवरी को पृथ्वी से लगभग 15 लाख किलोमीटर दूर अपनी अंतिम गंतव्य कक्षा में स्थापित करा दिया था. ‘राष्ट्रीय सहारा’ ने खबर दी है कि ‘आदित्य-एल1’ का दो सितंबर 2023 को सफल प्रक्षेपण किया गया था. ‘आदित्य-एल1’ को सूर्य परिमंडल के दूरस्थ अवलोकन और पृथ्वी से लगभग 15 लाख किलोमीटर दूर ‘एल1’ पर सौर वायु का वास्तविक अवलोकन करने के लिए तैयार किया गया है.
एच-125 हेलिकॉप्टर भारत में ही बनेगा
मेक-इन-इंडिया को बढ़ावा देते हुए गणतंत्र दिवस के अवसर पर भारत में ही हेलिकॉप्टर बनाने के लिए एयरबस हेलिकॉप्टर और टाटा ग्रुप मिलकर यहां फाइनल एसेंबली लाइन (एफएएल) को स्थापित करेंगी. दोनों के बीच इस प्रोजेक्ट को लेकर पार्टनरशिप पर साइन किए गए. हेलिकॉप्टर के क्षेत्र में देश में एयरबस की यह पहली यूनिट होगी. इसे यहां भारत की जरूरतों को पूरा करने के साथ ही दूसरे मुल्कों को बेंचने के मकसद से भी तैयार किया जाएगा. इसमें सिविल रेंज में दुनिया में सबसे ज्यादा बिकने वाले एच-125 हेलिकॉप्टर बनाए जाएंगे. 2026 तक एफएएल बनने और इससे पहला मेक-इन-इंडिया हेलिकॉप्टर मिलने की उम्मीद जताई गई है. एयरबस के सीईओ गिलाउरी फाउरी ने ‘नवभारत टाइम्स’ को बताया कि भारत में एयरबस की यह दूसरी यूनिट होगी. पहली यूनिट गुजरात के वड़ोदरा में सी-295 मिलिट्री एयरक्राफ्ट बनाने की लगाई गई है. टाटा सन्स के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने कहा कि टाटा ग्रुप भारत के निजी क्षेत्र में पहली हेलिकॉप्टर एसेंबली यूनिट को लेकर बेहद खुश है. यह दुनिया का सबसे अधिक बिकने वाला हेलिकॉप्टर है.
जेनिफ़र लोपेज के साथ फ़िल्म में जग्गी वासुदेव
सद्गुरु जग्गी वासुदेव अब जल्द ही हॉलीवुड फ़िल्म में नज़र आने वाले हैं. वो हॉलीवुड की पॉपुलर स्टार जेनिफ़र लोपेज के साथ उनकी फ़िल्म ‘दिस इज़ मी नॉवः अ लवस्टोरी’ में नज़र आने वाले हैं. इस फ़िल्म का ट्रेलर भी आ गया है. जेनिफ़र लोपेज ने अपने इंस्टाग्राम पर फ़िल्म का ट्रेलर पोस्ट किया है. इस ट्रेलर में तो सद्गुरु जग्गी वासुदेव की झलक देखने को नहीं मिली है लेकिन फ़िल्म की स्टारकास्ट में उनका नाम शामिल है.
पंजाबः कार-ट्रक की टक्कर से चार लोगों की मौत
जम्मू-जालंधर राष्ट्रीय राजमार्ग पर एक कार और ट्रक के बीच भिड़ंत हो गई. इस हादसे में चार लोगों की जान चली गई और दो लोग बुरी तरह जख्मी हो गए. मामले की जानकारी देते हुए दसूहा के एसएचओ हर प्रेम सिंह ने बताया कि हादसा कैसे हुआ हम इसकी जांच कर रहे हैं.
चयन-संपादन | शरद मौर्य/ सुमित चौधरी
कवर फ़ोटो | PARI से साभार
अपनी राय हमें इस लिंक या feedback@samvadnews.in पर भेज सकते हैं.
न्यूज़लेटर के लिए सब्सक्राइब करें.
दुनिया जहान
-
बेसबब नहीं अपनी जड़ों की तलाश की बेचैनीः राजमोहन
-
और उन मैदानों का क्या जहां मेस्सी खेले ही नहीं
-
'डि स्टेफानो: ख़िताबों की किताब मगर वर्ल्ड कप से दूरी का अभिशाप
-
तो फ़ैज़ की नज़्म को नाफ़रमानी की दलील माना जाए
-
करतबी घुड़सवार जो आधुनिक सर्कस का जनक बना
-
अहमद फ़राज़ः मुंह से आग लगाए घूमने वाला शायर
-
फॉर्म या कंटेंट के मुक़ाबले विचार हमेशा अहम्
-
सादिओ मानेः खेल का ख़ूबसूरत चेहरा