रेलवे के सफ़र में 500 ग्राम से ज्यादा गहने तो जांच
रेलगाड़ियों में सफ़र के दौरान अगर कोई निर्धारित सीमा से ज़्यादा वज़न के गहने पहने हुए मिलता है तो उससे पूछताछ हो सकती है. संतोषजनक जवाब न मिलने पर सुरक्षाबल ज़ब्ती की कार्रवाई भी कर सकते हैं. लोकसभा चुनाव से पहले सरकार इस आशय के निर्देश जारी कर सकती है. चुनाव के दौरान नक़दी और शराब पर सख़्ती के चलते कुछ राजनीतिक दल या प्रत्याशी सोने के आभूषणों के जरिए रक़म यहाँ-वहाँ पहुँचाते हैं. रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने ‘दैनिक भास्कर’ को बताया कि पुरुष यात्रियों के लिए 100 ग्राम, अविवाहित महिला के लिए 250 ग्राम और विवाहित महिला के लिए सफ़र में 500 ग्राम तक सोने के गहने पहनने की सीमा तय है. अभी अधिक गहने होने पर पूछताछ नहीं होती. अधिकारी ने बताया कि अधिक आभूषण के साथ यात्रा कर रहे यात्रियों को उसका बिल दिखाना होगा या स्रोत के संबंध में संतोषजनक जवाब देना होगा. यात्री को यह भी बताना होगा कि आभूषण कहां से और किस उद्देश्य से मिले हैं, तो ज़ब्ती नहीं होगी.
पंजाब का स्कूल जहां एक छात्र के लिए एक टीचर
पंजाब का जिला बठिंडा. यहां का गांव है कोठे बुधसिंह वाला. गांव में सरकारी स्मार्ट प्राइमरी स्कूल है. हैरान करने वाली बात यह है कि यहां सिर्फ एक छात्र भिंडर सिंह पढ़ने आता है. वह पांचवीं में पढ़ता है. उसे पढ़ाने के लिए यहां अकेली टीचर सरबजीत कौर तैनात हैं. एक छात्र होने के बाद भी सरबजीत उसे स्कूल में उपलब्ध प्रोजेक्टर, पुस्तकालय और मिडडे मील आदि सभी सुविधाएं उपलब्ध कराती हैं. 400 की आबादी वाले इस गांव के सरकारी स्कूल में एल-केजी से लेकर पांचवीं तक की पढ़ाई के इंतज़ाम हैं लेकिन गांव के लोग अपने बच्चों को निजी संस्थानों में ही पढ़ाना पसंद करते हैं. सरबजीत ने ‘द ट्रिब्यून’ को बताया कि वह गांव में घर-घर जाती हैं कि लोग अपने बच्चों को स्कूल भेजें. उनका कहना कि अधिकांश परिवारों में एक ही बच्चा है और वे सरकारी से अधिक निजी स्कूलों पर भरोसा करते हैं. इससे ज्यादा, उनके लिए बच्चों को निजी स्कूलों में पढ़ाना प्रतिष्ठा की बात भी है. उनकी चिंता यह है कि मार्च में परीक्षा पास करने के बाद जब भिंडर मिडिल स्कूल में चला जाएगा तो वहां कोई छात्र ही नहीं रह जाएगा.
दिल्ली-मेरठ रैपिड ट्रेन सौर ऊर्जा से दौड़ाने की तैयारी
दिल्ली-मेरठ रीज़नल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (आरआरटीएस) के 82 किलोमीटर लंबे कॉरीडोर पर पड़ने वाले सभी 24 स्टेशनों की छत पर सौर ऊर्जा के लिए पैनल लगाए जाएंगे. राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (एनसीआरटीसी) साहिबाबाद, गुलधर, दुहाई और दुहाई डिपो स्टेशनों पर रूफटॉप पैनल लगवा भी चुका है. एनसीआरटीसी के अधिकारियों ने ‘द हिंदू’ को बताया कि सभी पैनलों के लग जाने के बाद इनसे 11 मेगावाट बिजली उत्पन्न होगी. यह इस रूट पर ट्रेनों के संचालन के लिए जरूरत का बड़ा हिस्सा होगी. उन्होंने बताया कि एनसीआरटीसी का इरादा है कि दिल्ली-मेरठ रैपिड रूट पर कुल जरूरत की बिजली का 70 फीसदी सौर ऊर्जा से पूरा किया जाए. इससे प्रतिवर्ष 11,500 टन कार्बन का उत्सर्जन रोकने में मदद मिलेगी.
इराक-सीरिया में अमेरिकी हमले, 40 लोगों की मौत
इराक और सीरिया में ईरान के रिवोल्युशनरी गार्ड और आतंकियों से जुड़े करीब 85 ठिकानों पर अमेरिका ने हवाई हमले किए जिसमें 40 लोगों की जान गई. ये हमले गत दिनों जॉर्डन में अमेरिकी सैनिकों पर हुए जानलेवा हमले के जवाब में किए गए. ईरान समर्थित आतंकियों के इस हमले में तीन अमेरिकी सैनिक मारे गए थे. ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ ने लिखा है कि हमले के लिए लंबी दूरी तक मार करने वाले बी-1 बाम्बर विमानों ने अमेरिका से उड़ान भरी थी. ईरान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नासीर कन्नानी ने हमले पर कहा कि अमेरिका ने एक और बड़ी और रणनीतिक गलती की है जिससे क्षेत्र में अस्थिरता और तनाव में इजाफा होगा. वहीं, इराक ने बगदाद स्थित अमेरिकी राजनयिक को तलब कर हमले पर कड़ा विरोध जताया है. हमास ने प्रतिक्रिया में कहा है कि अमेरिका आग में तेल डाल रहा है.
संक्षेप मेंः
इमरान खान-बुशरा को 7-7 साल की सजा सुनाई
पाकिस्तान की एक कोर्ट ने जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान और उनकी पत्नी बुशरा बीबी के ‘गैर-इस्लामी शादी’ मामले में 7-7 साल की सजा सुनाई है. केस बुशरा के पहले पति खावर मनेका ने दर्ज कराया था. आरोप था कि बुशरा ने इद्दत की प्रथा का पालन किए बिना दूसरी शादी की.
अमीरों को देनी होगी ज्यादा जानकारी
अमीर करदाताओं को इस वर्ष आयकर रिटर्न में ज्यादा जानकारी देनी होगी. मूल्यांकन वर्ष 2024-25 के लिए आईटीआर-2 और आईटीआर-3 जारी कर दिए गए हैं. ये 1 अप्रैल से प्रभावी होंगे. इन्हें जमा करने की अंतिम तारीख 31 जुलाई है.
चयन-संपादन | शरद मौर्य
अपनी राय हमें इस लिंक या feedback@samvadnews.in पर भेज सकते हैं.
न्यूज़लेटर के लिए सब्सक्राइब करें.
दुनिया जहान
-
बेसबब नहीं अपनी जड़ों की तलाश की बेचैनीः राजमोहन
-
और उन मैदानों का क्या जहां मेस्सी खेले ही नहीं
-
'डि स्टेफानो: ख़िताबों की किताब मगर वर्ल्ड कप से दूरी का अभिशाप
-
तो फ़ैज़ की नज़्म को नाफ़रमानी की दलील माना जाए
-
करतबी घुड़सवार जो आधुनिक सर्कस का जनक बना
-
अहमद फ़राज़ः मुंह से आग लगाए घूमने वाला शायर
-
फॉर्म या कंटेंट के मुक़ाबले विचार हमेशा अहम्
-
सादिओ मानेः खेल का ख़ूबसूरत चेहरा