गोकुलपुरी मेट्रो स्टेशन पर हादसे में एक शख़्स की मौत
दिल्ली में गोकुलपुरी मेट्रो स्टेशन की चहारदीवारी का एक हिस्सा सड़क पर गिर जाने से मलबे में दबकर गंभीर रूप से घायल हुए एक शख़्स की मौत हो गई और चार लोग घायल हो गए. हादसा बृहस्पतिवार की दोपहर में हुआ. इस हादसे के बाद पिंक लाइन पर पड़ने वाले गोकुलपुरी मेट्रो स्टेशन को अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया है. डीएमआरसी के मुताबिक पिंक लाइन के बाक़ी हिस्सों पर मेट्रो की सेवाएं सामान्य रूप से चल रही हैं.
दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (डीएमआरसी) के एक बयान के अनुसार, डीएमआरसी के सिविल सेक्शन में तैनात दो अफ़सरों, एक प्रबंधक और एक जूनियर इंजीनियर, को जाँच पूरी होने तक निलंबित कर दिया गया है. डीएमआरसी ने दुर्घटना पर अफ़सोस जताते हुए मृतक के घर वालों को 25 लाख रुपये का मुआवजा, गंभीर रूप से घायल को पांच लाख और मामूली रूप से जख्मी हुए व्यक्तियों को एक-एक लाख रुपये देने की घोषणा की है.
मंशा अच्छी हो तो भी बच्चों से झूठ बोलना नुकसानदेह
कोई मिलने आया, आपने बच्चे से कहलवा दिया कि घर में नहीं हैं. या उसके सामने फोन पर किसी से कह दिया कि अभी ड्राइव कर रहा हूं, जबकि आप कमरे में बैठे होते हैं. ये कुछ उदाहरण हैं. अपनी बात मनवाने या बहलाने के लिए ऐसे ही जाने कितने झूठ बच्चों से या उनके सामने अभिभावक बोलते रहते हैं. समाजविज्ञानियों का मानना है कि हम जितना ज्यादा झूठ बोलते हैं, बच्चों को आगे चलकर उतना ही बड़ा झूठा बनने की आशंका ज्यादा रहती है. यह बात जर्नल ऑफ एक्सपेरिमेंटल चाइल्ड साइकोलॉजी में प्रकाशित रिपोर्ट में कही गई है. ‘दैनिक भास्कर’ ने लिखा है कि शोधकर्ताओं ने 564 माता-पिता और उनके बच्चों (11-12 साल) का विश्लेषण किया. रिपोर्ट की लेखक पेइपे सेतोह कहती हैं कि हर स्थिति में झूठ बोलना गलत है, भले इसके पीछे कोई अच्छी मंशा क्यों न हो. माता-पिता को समझना चाहिए कि सच सबसे अच्छा है. उन्होंने कहा कि बच्चे मानते हैं कि माता-पिता जो कहते हैं वह सच होता है. इस तरह जाने-अनजाने झूठ उनकी आदत में शामिल हो जाता है और बाद में वे सामाजिक व भावनात्मक चुनौतियों का सामना करते हैं.
शंकर महादेवन बोले- यह तो सपने के सच होने जैसा
दुनिया के सर्वोच्च संगीत पुरस्कार ग्रैमी अवार्ड जीतने के बाद गायक-संगीतकार शंकर महादेवन ने कहा कि यह सपने के सच होने जैसा है. शंकर महादेवन और जाकिर हुसैन के बैंड शिवशक्ति ने भी ग्रैमी अवार्ड से सम्मानित हुआ है. उन्होंने कहा कि अब तो मैं दावा कर सकता हूं कि सपने निश्चित रूप से सच हो सकते हैं. ‘द ट्रिब्यून’ के मुताबिक, महादेवन ने इंस्टाग्राम पर ग्रैमी अवार्ड समारोह की कई तस्वीरें पोस्ट की हैं. इनमें एक तस्वीर में वह सुनहरे ग्रामोफोन के पास खड़े होकर पोज दे रहे हैं. उन्होंने लिखा है कि हमने वह कर दिखाया जिसकी कभी कल्पना भी नहीं की थी. मैंने जिस बैंड में संगीत सीखा, जिसके लिए गाता रहा उसने ग्रैमी अवार्ड जीता. शक्ति (बैंड) भी एक सपना था जो साकार हुआ है. शक्ति बैंड में शामिल शंकर महादेवन, वी सेल्वागणेश व गणेश राजगोपालन ने एक-एक ग्रैमी अवार्ड जीता. इनके अलावा तबलावादक जाकिर हुसैन को कुल तीन और बांसुरीवादक राकेश चौरसिया को दो तीन ग्रैमी पुरस्कार मिले.
तेंदुएं ने मारा झपट्टा तो कार खाई में गिरी, एक की मौत
हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर में दुखद और हैरान कर देने वाली घटना हुई. रास्ते पर आ रही कार पर जंगल से निकले तेंदुए ने छलांग लगा दी. इस झपट्टे से घबराए चालक का नियंत्रण कार से हट गया और वह खाई में जा गिरी. इससे चालक की मौत हो गई और तीन सवार घायल हो गए. सरकारी प्रवक्ता के हवाले से ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ ने लिखा है कि कार सवार सभी लोग मंडी जिले में एक विवाह समारोह में शामिल होकर बीती रात लौट रहे थे. कार हिम्मत सिंह चला रहे थे. कार जिले के हावान गांव की जिस खाई में गिरी वह डेढ़ सौ फुट गहरी है. ग्रामीणों को हादसे का पता चला तो उन्होंने पुलिस को सूचना दी. पुलिस ने गांववालों की मदद से सभी को खाई से निकलवा कर अस्पताल भिजवाया. वहां हिम्मत सिंह को मृत घोषित कर दिया. बाकी को भर्ती कर उनका इलाज किया जा रहा है. लोगों का कहना कि इस तरह की पहली घटना है जब किसी वन्यजीव के कारण कोई वाहन खाई में गिरा हो.
आवारा कुत्तों के हमले में 32 साल की महिला की जान गई
पशुप्रेमियों द्वारा संरक्षण की मांग के बीच स्ट्रीट डाग्स के हमले प्रायः सभी जगह विवाद और चिंता का कारण बने रहते हैं. ताज़ा घटना पंजाब के कपूरथला जिले के कदीम गांव में हुई है. आमतौर पर बच्चों को शिकार बनाने वाले कुत्ते यहां बड़ी उम्र के लोगों पर भी हमले करने लगे हैं. गांव की 32 साल की परी देवी को 20 कुत्तों के झुंड ने हमला कर मार डाला. परी बीती शाम पशुओं को चारा डालने गई थीं और तभी से लापता थीं. उनका शव अगली सुबह गांव के मैदान में पड़ा मिला. शव की हालत सिहरा देने वाली थी. गले चेहरे समेत पूरे शरीर पर कुत्तों द्वारा नोचे जाने के निशान थे. गांव के सरपंच गुरदेव सिंह ने ‘हिंदुस्तान टाइम्स’ से कुत्तों के आतंक पर गहरी चिंता जताते हुए कहा कि अब पानी नाक से ऊपर हो रहा है. उन्होंने बताया कि गांव के लोगों को लगातार इनके हमलों का सामना करना पड़ रहा है. एक अन्य महिला भी कुत्तों के हमले में घायल होने के बाद इलाज के लिए जलंधर के सिविल अस्पताल में भर्ती है. पिछले हफ्ते ऐसे ही हमले में एक बालक की मौत हो गई थी. कपूरथला के डिप्टी कमिश्नर ने कहा है कि रोकथाम के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देश दे दिए गए हैं.
चयन-संपादन | शरद मौर्य
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