पेटीएम पर रोक अब 15 मार्च के बाद

  • 9:49 pm
  • 16 February 2024

रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया ने पेटीएम के ज़रिये लेन-देन की मोहलत 15 और दिनों के लिए बढ़ा दी है. यह फ़ैसला ग्राहकों की सहूलियत के ख़्याल से लिया गया है. रिज़र्व बैंक ने 31 जनवरी को पेटीएम पेमेट्स बैंक (पीपीबीएल) को आदेश दिया था कि पेटीएम के ग्राहकों के खाते में किसी तरह का जमा बंद करने के साथ ही वॉलेट और फ़ास्ट टैग रिचार्ज जैसी सहूलियतों पर रोक लगाने के लिए 29 फ़रवरी तक का समय दिया था. ‘द हिंदू’ में रिपोर्ट है कि रिज़र्व ने पेटीएम पर बंदिशें लगाने की आख़िरी तारीख़ बढ़ाकर 15 मार्च कर दी है. आरबीआई ने कहा है कि व्यापक जनहित को ध्यान रखकर समय सीमा बढ़ाई गई है ताकि पीपीबीएल के ग्राहक और कारोबारियों को वैकल्पिक इंतज़ाम करने के लिए मुनासिब वक़्त मिल सके. रिज़र्व बैंक ने पेटीएम के ग्राहकों और कारोबारियों के सवालों और जिज्ञासाओं के समाधान के लिए विस्तृत एडवाइज़री भी जारी की है.

धरती पर बैठे डॉक्टर ने अंतरिक्ष में कराई सर्जरी
पहली बार ऐसा हुआ कि धरती पर बैठे डॉक्टरों ने अंतरिक्ष में रोबोट के जरिए सर्जरी करने का सफल प्रयोग किया. अमेरिका के नेब्रास्का स्थित मेडिकल टेक कंपनी वर्चुअल इंसीजन के मुख्यालय से इस सर्जरी को अंजाम दिया गया. यहां मौजूद छह डॉक्टर ने इंटरनेशनल स्पेस सेंटर (आईएसएस) भेजे गए मिनी रोबोट ‘मिरा’ को जीरो ग्रेविटी में कंट्रोल करके सफलता हासिल की. दो घंटे चली सर्जरी में डॉक्टरों ने दो आर्म वाले रोबोट से रबर से बने टिशू को पकड़ना, हेरफेर करना और काटने जैसे मानक सर्जिकल प्रक्रिया कराई. कंपनी द्वारा जारी वीडियो में चिमटे से लैस रोबोटिक आर्म बैंड को पकड़कर खींचते और वहीं कैंची से लैस दूसरी आर्म सर्जरी के लिए कट बनाती दिख रही है. ‘दैनिक भास्कर’ के मुताबिक, डॉक्टरों का कहना है कि यह प्रयोग अंतरिक्ष में चलने वाले मानव मिशन के दौरान आपात स्थिति में इलाज के लिए अहम साबित होगा. एक्सपर्ट्स का कहना है कि भविष्य में रोबोट मानव ऑपरेटरों पर निर्भर रहे बिना स्वतंत्र रूप से सर्जरी करने में सक्षम होंगे.

बोर्ड पर आधे से ज्यादा कन्नड़ नहीं तो लाइसेंस रद्द
कर्नाटक में कहीं भी दुकान चलाते हैं या रेस्टोरेंट, क्लीनिक है या अस्पताल या फिर कोई अन्य व्यावसायिक संस्थान, इसके साइन बोर्ड पर नाम आदि कन्नड़ में लिखना अनिवार्य होगा. खास यह कि बोर्ड का 60 प्रतिशत हिस्सा यदि कन्नड़ में नहीं लिखा पाया गया तो लाइसेंस रद्द कर दिया जाएगा. कर्नाटक के कन्नड़ और संस्कृति मंत्री शिवराज टंगाडगी ने विधानसभा में इसकी घोषणा की. दरअसल, यह नियम कन्नड़ भाषा व्यापक विकास (संशोधन) विधेयक-2024 पारित होने के बाद लागू हो गया है. उन्होंने बताया कि इसे लागू कराने के लिए प्रवर्तन शाखा का गठन किया जाएगा. इसमें पुलिस के अलावा संस्कृति विभाग के अधिकारी शामिल होंगे. ये लोग विशेष रूप से बेंगलूरु में बोर्ड की मॉनिटरिंग करेंगे. ‘द हिंदू’ ने लिखा है कि जल्द ही एक एप लॉन्च किया जाएगा जिस पर लोग किसी संस्थान के साइन बोर्ड नियम के अनुसार न होने पर उनके ख़िलाफ़ शिकायतें अपलोड कर सकेंगे.

किसी भी उम्र में धूम्रपान से किनारा फ़ायदेमंद
अक्सर लोग यही सोचते हैं कि धूम्रपान छोड़ने के लिए अब बहुत देर हो चुकी है, खासकर अधेड़ उम्र के लोग. मगर, धूम्रपान किसी भी उम्र में छोड़ा जा सकता है, इसके फ़ायदे हर उम्र में सामने आते हैं. टोरंटो विश्वविद्यालय से जुड़े शोधकर्ताओं द्वारा किए एक नए अध्ययन के मुताबिक, जो लोग धूम्रपान छोड़ते हैं, उन्हें कुछ सालों बाद ही जीवन प्रत्याशा में बड़ा लाभ दिखने लगता है. जर्नल एनईजेएम एविडेंस में प्रकाशित इस अध्ययन के नतीजे बताते हैं कि जो लोग 40 की उम्र से पहले धूम्रपान छोड़ देते हैं, उनके जीवित रहने की सम्भावना करीब-करीब उन लोगों जितनी ही होती है, जिन्होंने कभी धूम्रपान नहीं किया. इसी तरह जो लोग किसी भी उम्र में धूम्रपान छोड़ते हैं, तो अगले दस वर्षों बाद उनकी जीवन प्रत्याशा करीब-करीब उन लोगों के बराबर हो जाती है, जिन्होंने कभी भी धूम्रपान नहीं किया. इसका क़रीब आधा फ़ायदा धूम्रपान छोड़ने के तीन वर्षों के बाद ही दिखने लगता है. ‘डाउन टू अर्थ’ में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, यह अध्ययन अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा और नॉर्वे के 15 लाख वयस्कों पर किया गया था, जिन पर 15 वर्षों तक नजर रखी गई थी. अध्ययन के मुताबिक कभी धूम्रपान न करने वालों की तुलना में 40 से 79 वर्ष की आयु के धूम्रपान करने वालों में मृत्यु का जोख़िम करीब तीन गुणा था. इसकी वजह से उनको अपने जीवन के औसतन 12 से 13 वर्षों का नुकसान झेलना पड़ा था. सेंटर फ़ॉर ग्लोबल हेल्थ रिसर्च और अध्ययन से जुड़े शोधकर्ता डॉक्टर प्रभात झा का इस बारे में कहना है कि धूम्रपान से दूरी मृत्यु के जोख़िम को कम करने में अविश्वसनीय रूप से प्रभावी है. लोगों को आश्चर्यजनक रूप से जल्द ही इसके लाभ दिखना शुरू हो सकते हैं.

हिमाचल में 18 से 21 तक बर्फ़बारी-बारिश का अलर्ट
हिमाचल प्रदेश के लोगों के लिए भले ही परेशानी की बात हो लेकिन मौसम विभाग की भविष्यवाणी सैलानियों के लिए उत्साहजनक हो सकती है. राज्य की मध्य और ऊंची पहाड़ियों पर 18 से 21 फ़रवरी तक भारी बर्फबारी-बारिश और गरज के साथ ओले पड़ने की चेतावनी जारी की गई है. ताज़ा पश्चिमी विक्षोभ के आगमन के बाद फिर से मौसम ख़राब हो सकता है. बारिश 17 फरवरी से ही शुरू होने की संभावना है. चेतावनी 18 फरवरी से जारी की गई है, जिसमें अधिकतम बारिश 19-20 फरवरी को हो सकती है. ‘द ट्रिब्यून’ की रिपोर्ट के मुताबिक, मौसम विभाग ने जल, बिजली, संचार और संबंधित सेवाओं में खराबी आने की चेतावनी दी है. राज्य के विभिन्न स्थानों पर दृश्यता को प्रभावित होने की भी संभावना है.

चयन-संपादन | शरद मौर्य/ सुमित चौधरी


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