अगर हम हमेशा जीवित रह सकते तो…

  • 11:35 pm
  • 18 February 2024

अगर हम हमेशा के लिए जी सकते…यह एक ऐसा प्रश्न है, धरती पर जिसका एक ही जवाब है – यह संभव नहीं है. हां, पर फ़िल्म में ऐसा मुमकिन है. इटालियन साइंस फ़िक्शन ‘अनदर एंड’ रोमांटिक फ़िल्म भी है, पिएरो मेसिना की निर्देशित इस फ़िल्म के प्रमुख किरदार गेल गार्सिया बर्नाल, रेनेटे रीन्स्वे और बेरेनिस बेजो हैं. 18 फरवरी को 74वें बर्लिन अंतर्राष्ट्रीय फ़िल्म महोत्सव में इसका प्रीमियर हुआ.

यह भविष्य के तकनीक की फ़िल्म है. ऐसी तकनीक, जो एक मृत व्यक्ति की यादें जीवित शरीर में रखने में सफल है. बर्नाल एक ऐसे आदमी का किरदार निभाते हैं, जो अपनी पत्नी के मौत सहन नहीं कर पा रहा है. उसकी बहन (बेजो), जो मृत व्यक्ति को जीवित शरीर के साथ ‘मिलाती’ है. वह पत्नी की चेतना को रीन्स्वे के शरीर में ‘प्रतिस्थापित’ कराती है. बेजो का काम संगठन में ‘मैचिंग’ और ‘आवंटन’ का है, और जब उसका भाई ‘और थोड़ा समय’ मांगता है, तो वह नियमों को तोड़ने से बाज नहीं आती, जिसका नतीजा नुकसान भरा होता है. ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ ने लिखा है कि रीन्स्वे ने अपनी दूसरी फिल्म “ए डिफ़रेंट मैन” की तरह ही शानदार अभिनय किया है, जो हमें हमारी जटिल भावनाओं का सामना करने के लिए मजबूर करता है.

नवाज़ का त्याग राजनीति नहीं, पाकिस्तान सेना का खेल
पाकिस्तान में हुए आम चुनाव में किसी भी दल को स्पष्ट बहुमत न मिलने पर गठबंधन सरकार बनानी पड़ रही है. नवाज़ शरीफ़ की मुस्लिम लीग (नवाज) ने इसके लिए पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी से हाथ मिला लिया है. लेकिन लाख टके का सवाल यह था कि पहले की घोषणाओं से इतर नवाज़ शरीफ़ ने पीएम पद के लिए अपने भाई को नामित क्यों किया? ‘द टेलीग्राफ’ की रिपोर्ट में इसका खुलासा किया गया है. रिपोर्ट के मुताबिक, सेना के कारण ऐसा हुआ, जिसके इशारे पर पाकिस्तान में सरकारें बनती या गिरती हैं. सेना ने नवाज़ शरीफ़ को दो विकल्प दिए थे- एक तो वह खुद पीएम बनें व अपने भाई को पंजाब का सीएम बनाएं. दूसरा, वह भाई को पीएम बनवाएं और बेटी को पंजाब का मुख्यमंत्री. बेटी मरयम के भविष्य की सोचते हुए नवाज़ शरीफ़ ने दूसरा विकल्प चुना और रिकार्ड चौथी बार पीएम बनने का मौका छोड़ दिया. इसके बाद शहबाज शरीफ़ का नाम पीएम और मरयम का पंजाब के मुख्यमंत्री के लिए घोषित किया गया.

महिंद्रा तालवाद्य महोत्सव 23-24 मार्च को
अपने ढंग के अकेले संगीत समारोह महिंद्रा तालवाद्य महोत्सव का दूसरा संस्करण 23 व 24 मार्च को बेंगलूरु के प्रेस्टीज श्रीहरि खोदे सेंटर फ़ॉर परफ़ॉर्मिंग आर्ट्स में आयोजित किया जाएगा. शुरुआत चारु हरिहरन क्वार्टेट के विशिष्ट प्रदर्शन से होगी, जिसमें केरल-कर्नाटक के ढोलक और जनजातीय संगीत को एक साथ प्रस्तुति होगी. इसके बाद, विवेक राजगोपाल और आनंद आर.कृष्णन की मृदंगम की प्रस्तुति होगी. दक्षिण भारतीय वाद्ययंत्रों के सम्मानस्वरूप प्रसिद्ध विक्कु विनायक्रम के घटम सिम्फोनी को भी बुलाया गया है, जिसमें ग्रैमी अवार्ड विजेता वी. सेल्वगणेश, वी. उमाशंकर, और स्वामिनाथन सेल्वगणेश शामिल हैं. दिन का समापन थविल राजा और बीट गुरुओं के ‘स्वराथ्मा’ से होगा. दूसरा दिन “रिदम्स ऑफ़ इंडिया” एंसेंबल के साथ शुरू होगा, जिसमें दर्शन दोशी, वारिजश्री वेनुगोपाल, बी.सी. मंजुनाथ और प्रवीण राव होंगे. टाऊक क़ुरेशी के “सूर्य” के साथ उत्सव का समापन होगा. आयोजन में सहप्रायोजक ‘द हिंदू’ से महिंद्रा ग्रुप के सांस्कृतिक आउटरीच उपाध्यक्ष जय शाह ने कहा, “महिंद्रा ने हमेशा नई पीढ़ी को उनके धरोहर और संस्कृति से जोड़े रखने की कोशिश की है. साथ ही वंचित कलाकारों को मंच भी प्रदान किया है.”

कोटा के हॉस्टल्स पर नियमों का शिकंजा
राजस्थान के कोचिंग हब कोटा में छात्रों की आत्महत्या की घटनाओं को रोकने के लिए जारी शासन के निर्देशों का हॉस्टल्स, पीजी और छात्रों के लिए किराए के आवासों में पालन कराने के लिए सख्ती बढ़ गई है. कोटा प्रशासन ने नौ सदस्यों की टीम बनाकर जांच के निर्देश दिए हैं. इनका उल्लंघन पाए जाने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी. इस टीम की मुखिया और नोडल राजस्व अधिकारी सुनीता डागा ने ‘हिंदुस्तान टाइम्स’ को बताया कि आत्महत्या के पिछले पांच मामलों में एक बात समान थी. इन सभी स्थानों पर सीलिंग फैन के साथ एंटी सुसाइड डिवाइस नहीं लगा था, जिसे अनिवार्य किया गया था. पांच मामलों में दो कोचिंग सेंटर और हॉस्टल अधिकारियों को नोटिस जारी किए गए हैं कि उन्होंने छात्रों में अवसाद के लक्षणों और पढ़ाई में ख़राब हो रहे प्रदर्शन की जानकारी उनके अभिभावकों को क्यों नहीं दी. इसी महीने नियमों के उल्लंघन पर दो हॉस्टल सील भी किए गए हैं.

दो साल में दोगुने हो गए पारिवारिक विवाद
पति-पत्नी के रिश्तों में दरार के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. देश भर के फैमिली कोर्ट में 2021 में पारिवारिक विवाद 4,97,447 मामले चल रहे थे. 2023 में इनकी संख्या 8.25,502 तक पहुंच गई. केंद्रीय कानून एवं न्याय मंत्रालय और परिवार एवं स्वास्थ्य कल्याण मंत्रालय ने सभी उच्च न्यायालयों से 2021, 2022 और 2023 के पारिवारिक कलह के मामलों का डाटा एकत्र किया है. पारिवारिक विवाद में घरेलू कलह, तलाक, गुजारा भत्ते की मांग, बच्चे की कस्टडी और मायके गई पत्नी को वापस लाने के लिए केस दायर किए गए हैं. पिछले तीन साल से ऐसे लंबित केसों की संख्या 11 लाख से अधिक है. दरअसल, हर साल जितने केस फैमिली कोर्ट निपटा रही है, उतने ही नए केस दर्ज हो जा रहे हैं. ‘दैनिक भास्कर’ ने लिखा है कि कुल 812 फैमिली कोर्ट में 31 दिसंबर 2023 तक 11, 43,915 केस लंबित थे. यानी एक जज पर औसतन 1,408 मामलों का बोझ है. दिल्ली में पारिवारिक मामलों के विशेषज्ञ वकील मनीष भदौरिया ने कहा कि इन विवादों के बढ़ने का बड़ा कारण संयुक्त परिवारों का टूटना और एकल का बढ़ना है. संयुक्त परिवार में समझाने वाले दूसरे लोग होते थे. अब के हालात में ऐसा कोई नहीं होता.

ट्रक और टेम्पो की टक्कर में चार लोगों की मौत
महाराष्ट्र के अमरावती में इतवार की सुबह टेम्पो और ट्रक की टक्कर में टेम्पो सवार चार लोगों की मौत हो गई. ये लोग क्रिकेट मैच खेलने जा रहे थे. ‘प्रभात खबर’ के मुताबिक, पुलिस अधीक्षक विशाल आनंद ने बताया कि टेम्पो में अमरावती शहर की एक क्रिकेट टीम के 21 सदस्य सवार थे. यह दुर्घटना सुबह करीब साढ़े सात बजे नंदगांव खंडेश्वर तालुका के शिंगणापुर फाटा में हुई. चार लोगों की मौके पर ही मौत हो गई और 10 घायल हो गए जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है. ट्रक चालक को गिरफ्तार कर लिया गया है. उन्होंने बताया कि टेम्पो सवार खिलाड़ी क्रिकेट मैच खेलने के लिए यवतमाल जा रहे थे.

चयन-संपादन | शरद मौर्य/ सुमित चौधरी

कवर | बर्लिन फ़िल्म फ़ेस्टिवल के सौजन्य से


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