यूक्रेन पर रूस के ड्रोन हमले में आठ लोगों की मौत

रूस ने यूक्रेन के ओडेसा शहर पर ड्रोन हमला कर दिया. इस हमले में आठ लोगों की मौत हो गई, आठ लोगों के घायल होने की ख़बर है. यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने कहा कि ईरान द्वारा आपूर्ति किए गए शहीद ड्रोन का इस्तेमाल करके यह हमला किया गया है. इस हमले का कोई सैन्य अर्थ नहीं है और इसका उद्देश्य केवल लोगों को मारना था. अगर यूक्रेन को हथियारों की आपूर्ति में देरी का सामना नहीं करना पड़ रहा होता तो इस हमले से बचा जा सकता था. बचावकर्मी मलबे के नीचे और लोगों की तलाश कर रहे हैं. रात में अपने वीडियो संबोधन में जेलेंस्की ने कहा कि दुनिया जानती है कि आतंक का विरोध किया जा सकता है. हथियारों, मिसाइल रक्षा प्रणालियों की आपूर्ति में देरी की वजह से हमें ऐसे नुकसान देखने को मिलते हैं. जेलेंस्की ने हमले के सबसे कम उम्र के पीड़ितों के नाम का जिक्र किया.

किसानों का ‘रेल रोको’ अभियान 10 को
किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने कहा, हमारा दिल्ली कूच करने का कार्यक्रम जस का तस है, हम उससे पीछे नहीं हटे हैं. तय हुआ है कि हम बॉर्डर पर अपनी ताक़त बढ़ाएंगे. 6 मार्च को किसान पूरे देश से ट्रेन, बस, हवाई मार्ग से (दिल्ली) आएंगे और हम देखेंगे कि सरकार उन्हें वहां बैठने की इजाज़त देगी या नहीं. 10 मार्च को हम 12 बजे से दोपहर 4 बजे तक देश भर में रेलें रोककर विरोध प्रदर्शन करेंगे.

यूएई के मंदिर में चुस्त कपड़ों पर रोक
भारत में भी तमाम मंदिर हैं, जहां निर्धारित वस्त्रों में ही प्रवेश की इजाज़त है. इसी तर्ज पर संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के पहले मंदिर में दर्शन करने आने वालों को कैसे कपड़े पहनने चाहिए, मंदिर की वेबसाइट पर इस बाबत निर्देश जारी किए गए हैं. मंदिर आने वाले के लिए तय ड्रेस कोड के मुताबिक उनकी गर्दन, कोहनी और टख़नों तक शरीर को ढंकना ज़रूरी है. आपत्तिजनक डिजाइन वाली टोपी, टी-शर्ट और दूसरे भड़काऊ कपड़े पहनकर आने की इजाज़त नहीं होगी. पारदर्शी और चुस्त फिटिंग के कपड़े भी नहीं पहनने हैं. ‘दैनिक भास्कर’ ने लिखा है कि मंदिर की वेबसाइट के अनुसार ऐसे वस्त्रों से दूसरों लोगों का ध्यान भटकता है. ‘न्यूज 18’ के मुताबिक, मंदिर के अंदर पालतू जानवरों और बाहरी भोजन-पेय ले जाने की अनुमति भी नहीं है. साथ ही, मंदिर परिसर के भीतर ड्रोन उड़ाना सख़्त वर्जित है.

सफलता के लिए ईमानदारी ज़रूरी शर्त
‘किसी भी टीम की सफलता में ईमानदारी (अपने दायित्वों के प्रति) महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है. किसी भी लीडर को बनी-बनाई टीम नहीं मिलती. नेतृत्व एक भूमिका है, न कि लोकप्रियता की प्रतियोगिता.’ यह बात लेखक और वक्ता शिवखेड़ा ने नवउद्यमियों के कार्यक्रम ‘टाईकॉन चंडीगढ़ 2024’ में बतौर मुख्य वक्ता कही. उन्होंने अपने निजी व व्यावसायिक अनुभवों, लोगों व संगठनों से संवाद और दर्शन के आधार पर उन्नति, नेतृत्व और जीवन व काम में मास्टरी के मंत्र दिए. ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ ने लिखा है कि कई बेस्टसेलर समेत 15 किताबों के लेखक शिवखेड़ा सफलता के सवाल पर अक्सर कहा करते हैं- ‘विजेता कोई अलग काम नहीं करते, वे हर काम को अलग ढंग से जरूर करते हैं.’ उन्होंने अपने संघर्षों के हवाले से कहा कि कहा- ‘खुद के भीतर झाकें. अपनी असफलता के लिए आप दुनिया को दोष नहीं दे सकते. संघर्ष प्रकृति का नियम है. शांति तक के लिए युद्ध लड़ना पड़ता है. हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधक प्रणाली भी हर समय बीमारियों को रोकने के लिए लड़ती रहती है. चाहे कारोबार हो या जीवन, लड़ने और जीतने के लिए हर किसी को साहस और योग्यता की तैयारी रखनी ही होती है.’

मज़ा तभी जब शादी का वीडियो भी वायरल हो
इन दिनों अनंत अंबानी और राधिका मर्चेंट के प्री-वेडिंग उत्सव की भव्यता सोशल मीडिया में छाई हुई है. तीन दिनों के इस उत्सव में पॉप स्टार रिहाना और बॉलीवुड के तमाम सितारों ने प्रस्तुति दी. 2500 हज़ार तरह के व्यंजन परोसे गए. नए तरीक़े से शादी रचाने का ट्रेंड लेकिन केवल अमीरों में ही नहीं है. उदाहरण गुजरात का वह युगल भी हो सकता है, जिसने नया करने की धुन में हिमाचल प्रदेश की स्पीति घाटी में बर्फ़बारी और माइनस 25 डिग्री सेल्सियस तापमान के बीच शादी रचाई. इसका वीडियो सोशल मीडिया पर ख़ूब वायरल हुआ. क्रिकेटर हार्दिक पांड्या और नताशा स्तांकोविक की शादी के प्लानर श्रीम इवेंट्स के संस्थापक देवांशी पटेल ने ‘फाइनेंशियल एक्सप्रेस’ को बताया कि ग़ैरपांरपिरक तरीक़े से होने वाली शादियों को सोशल मीडिया पर ख़ूब प्रचार मिल रहा है. प्रायः इसी से प्रेरित होकर बड़ी संख्या में युवा ऐसे हैं, जो कुछ अलग तरीक़े से विवाह रचाना चाहते हैं. ताकि वह न केवल यादगार रहे, बल्कि सोशल मीडिया पर भी चर्चा में आए. यह उनके ख़ुद के लिए भी ख़ास अनुभव होता है. यही कारण है कि यह ट्रेंड बढ़ रहा है. जाहिर है, इस पर ख़र्च भी काफी आता है और लोग भरने को भी तैयार रहते हैं. उन्होंने बताया कि 50 हज़ार से लेकर लाखों और उससे अधिक तक में होने वाली इन शादियों के बजट में कम से कम 20 प्रतिशत मनोरंजन पर ख़र्च होता है.

पोंटी चड्ढा का फार्म हाउस ढहाया
कभी लिकर किंग कहे जाने वाले गुरदीप सिंह उर्फ़ पोंटी चड्ढा का छतरपुर में 10 एकड़ ज़मीन पर बना फार्म हाउस दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) ने ढहा दिया है. फार्म हाउस की क़ीमत क़रीब 400 करोड़ रुपये आंकी गई थी. डीडीए अधिकारियों के अनुसार, सरकारी ज़मीन पर अतिक्रमण हटाने के अभियान के तहत यह कार्रवाई शुक्रवार व शनिवार को की गई. इससे पांच एकड़ ज़मीन को क़ब्जामुक्त कराया गया है. पोंटी चड्ढा वेब ग्रुप के मालिक थे, जो शराब और रियल एस्टेट का कारोबार करती है. ‘द टाइम्स ऑफ़ इंडिया’ ने लिखा है कि इस कार्रवाई की बाबत पूछे जाने पर भी उसे वेब ग्रुप की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली. ख़ास बात यह है कि वर्ष 2012 में इसी फार्म हाउस में पोंटी और उनका भाई हरदीप मारे गए थे. संपत्ति विवाद पर बातचीत के दौरान हरदीप ने पोंटी पर गोलियां चलाईं, तभी पोंटी के अंगरक्षक ने हरदीप पर फायर किए थे. घटना में दोनों मारे गए. माना जाता है कि फार्म हाउस का निर्माण तब अधूरा ही था.

चयन-संपादन | शरद मौर्य/ सुमित चौधरी


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