24 साल बाद लौट आया छम छम भालू

  • 9:29 pm
  • 12 March 2024

आख़िरकार भालू लौट ही आया. वही, लाठी लेकर भालू आया छम छम छम, ढोल बजाता मेंढक आया ढम ढम ढम…वाला भालू. कितनी ही पीढ़ियों को ज़बानी याद रहने वाली यह लोकप्रिय बाल कविता सत्र 24-2025 से उत्तर प्रदेश के सवा लाख प्राथमिक विद्यालयों की कक्षा एक में पढ़ाई जाएगी. राज्य शिक्षण संस्थान (एसआईई) ने बताया कि नेशनल काउंसिल ऑफ़ एजूकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग (एनसीईआरटी) की अनुमति के बाद ऐसा संभव हुआ है. एसआईई की निदेशक दीप्ति मिश्रा ने ‘हिंदुस्तान टाइम्स’ को बताया कि इसे पुनः पाठ्यक्रम में लेने पर गहन विचार-विमर्श भी हुआ क्योंकि पहली बार जब इसे शामिल करके किताब भेजी गई तो एनसीईआरटी ने इस कविता को ख़ारिज कर दिया. उसका कहना था कि मनोरंजन या खेलों के लिए पशुओं के इस्तेमाल पर रोक है, इसलिए इस कविता को किताब में नहीं रखा जा सकता. उन्हें जब यह तर्क दिया गया कि इस कविता में किसी आदमी या जादूगर का जिक्र नहीं है. प्राकृतिक वातारण में केवल पशुओं की गतिविधियां हैं, तब इस कविता को पाठ्य पुस्तक में रखने की इज़ाजत मिली है. इससे पहले सन् 1970 से 2000 तक पुस्तक बेसिक ज्ञान भारती में यह कविता शामिल थी. अब इसे एनसीईआरटी के फ़न सॉन्ग…मुर्गा बोला कुकड़ूं कूं…. की जगह रखा गया है.

बेंगलुरु जलसंकटः लोग नए ठिकानों की तलाश में
बेंगलुरु में गहराता जलसंकट वहां रहने वाले क़रीब 1.4 करोड़ लोगों में से तमाम लोगों को विभिन्न वैकल्पिक समाधान तलाशने को मजबूर कर रहा है. इनमें से जो भी बेंगलुरु छोड़ सकते हैं, वे इस पर मंथन करने में जुटे हैं मगर जो लोग घर-संपत्ति खरीदना चाहते थे, वे अपना मन बदलने रहे हैं. दक्षिणी बेंगलुरु के उत्तरहल्ली में रहने वाले एक सज्जन पहले उसी इलाक़े में संपत्ति खरीदने की सोच रहे थे लेकिन भीषण जलसंकट स्थितियों के कारण वह अब इस तरह के निवेश से बचने की क़सम तक खाने लगे हैं. इस भीषण जलसंकट ने उन किराएदारों पर भी प्रतिकूल प्रभाव डाला है, जिनके पास दूसरे घर में स्थानांतरित होने का विकल्प नहीं है. एक ऊंचे अपार्टमेंट परिसर के एक निवासी ने पानी की कमी के कारण बुनियादी ज़रूरतों को पूरा करने के अपने संघर्ष को साझा किया. पर्याप्त किराया चुकाने के बावजूद निवासी पानी की कमी के कारण शौचालय का उपयोग करने में असमर्थ था. वहीं, 15 सालों से ज्यादा वक्त से बोरवेल पर निर्भर रजनी श्रीवास्तव अब पानी की भारी कमी और वितरण पर सामुदायिक तनाव का सामना कर रही हैं. ये तनाव संकट की गंभीरता को उजागर करते हैं. जल समस्याओं से घिरे बेंगलुरु में लोग भावी पीढ़ी को पानी की बर्बादी से सचेत करने के लिए घरों से निकल रहे हैं. बेंगलुरु-होसुर रोड पर बेगुर में नोबल रेजीडेंसी के निवासियों ने 10 मार्च को “पानी का दुरुपयोग बंद करो, भावी पीढ़ियों के लिए पानी बचाओ” नारे के साथ एक ‘वॉकथॉन’ का आयोजन किया.

हिमाचल में भारी बर्फ़बारी के आसार
हिमाचल प्रदेश के ऊंचाई वाले इलाकों में भारी बर्फ़बारी हुई है. मौसम विभाग ने आने वाले दिनों में और भी बर्फ और बारिश पड़ने का अनुमान लगाया है. लाहौल स्पीति और किन्नौर जिलों में बर्फ पड़ने से करीब 300 सड़कों पर यातायात ठप हो गया है. वहीं, लाहौल में सिस्सू के पास ग्लेशियर के टूटकर गिरने से केलांग को जाने वाली सड़क बंद हो गई है. राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने बताया, हालांकि सड़क सीमा संगठन ने बर्फ हटाने का काम शुरू करा दिया है लेकिन लाहौल-स्पीति में लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. ‘द टाइम्स ऑफ इंडिया’ के मुताबिक, इस बीच मौसम विभाग द्वारा जारी पूर्वानुमान में मध्य व निचली पहाड़ियों पर 13 मार्च को भी बर्फबारी की संभावना जताई गई है. बर्फ पड़ने से इन इलाकों में ठंड बढ़ गई है. सोमवार को राज्य में कुकुमसेरी सबसे ठंडा रहा. यहां न्यूनतम तापमान माइनस 6.3 डिग्री दर्ज हुआ.

लिबरल डेमोक्रेसी का स्तर 1975 से भी नीचे
भारत में चुनावी तानाशाही वाले देशों में “सबसे ख़राब तानाशाही वाले देशों” में से एक के रूप में उभरा है. 2018 में इसे जिन मापदंडों पर ख़राब कहा गया था, अब उनमें और अधिक गिरावट आई है. यह बात गोदेनबर्ग-स्थित वी-डेम संस्थान द्वारा जारी लोकतंत्र रिपोर्ट-2024 में कही गई है. यह रिपोर्ट लिबरल डेमोक्रेटिक इंडेक्स (एलडीआई) में उनके स्कोर के आधार पर देशों को चार शासन प्रकारों में वर्गीकृत करती है- लिबरल डेमोक्रेसी, इलेक्टोरल डेमोक्रेसी, इलेक्टोरल तानाशाही और बंद तानाशाही. रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत, जिसमें विश्व की 18% जनसंख्या है, तानाशाही वाले देशों में रहने वाली जनसंख्या का लगभग आधा हिस्सा है. रिपोर्ट में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, स्वच्छ चुनाव और संघ/सिविल समाज की स्वतंत्रता को तानाशाही करने वाले देशों में लोकतंत्र के तीन सबसे खराब प्रभावित घटकों के रूप में अलग से चिह्नित किया गया. ‘द हिंदू’ ने लिखा है कि लिबरल डेमोक्रेसी का स्तर 1975 के स्तर से भी नीचे देखा जा रहा है, जब तत्कालीन पीएम इंदिरा गांधी ने आपातकाल की घोषणा की थी.

पिछली सीट बेल्ट के लिए अलार्म होगा अनिवार्य
कार में पिछली सीट पर बैठने वालों ने भी सीट बेल्ट न लगाई हो तो अलार्म बजे, कार बनाने वाली कंपनियों को अब यह व्यवस्था अनिवार्य रूप से करनी होगी. ‘दैनिक भास्कर’ में सूत्रों के हवाले से छपी इस खबर में कहा गया है कि केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्रालय जल्द ही इस संबंध में नोटिफिकेशन जारी कर सकता है. नई सुविधा जोड़ने के लिए कार निर्माता कंपनियों को छह माह का वक्त दिया जाएगा. टाटा संस के पूर्व चेयरमैन साइरस मिस्त्री की सड़क हादसे में निधन के बाद जारी नोटिफिकेशन सभी कारों में अलार्म के अलावा पिछली सीट पर तीन बेल्ट और छह एयरबैग को अनिवार्य किया गया था. हालांकि छह एयरबैग अनिवार्य करने का प्रस्ताव टलने के कारण नोटिफिकेशन स्वतः समाप्त हो गया था. मोटर व्हीकल एक्ट में पिछली सीट बेल्ट न लगाने पर 1000 रुपये जुर्माने का प्रावधान है. हालांकि ज्यादातर लोग इसे नजरअंदाज करते हैं.

400 करोड़ की ड्रग्स के साथ छह गिरफ्तार
चार सौ करोड़ रुपए की नशीली दवाओं के साथ एक नाव पर सवार छह पाकिस्तानी नागरिकों को गुजरात के पोरबंदर के पास गिरफ्तार कर लिया.
ई-रिक्शा से डंपर भिड़ा, सात लोगों की जान गई
पश्चिम बंगाल के हुगली जिले में गुराप के पास नेशनल हाईवे पर मंगलवार को एक डंपर और ई-रिक्शा की टक्कर के बाद एक बच्चे सहित सात लोगों की मौत हो गई.
ट्रॉली बरात में घुसी, छह लोगों की मौत
मध्य प्रदेश के रायसेन से हादसे की ख़बर है. कलेक्टर अरविंद कुमार दुबे ने बताया कि एक अनियंत्रित ट्रॉली के बारात में घुस जाने से छह लोगों की मौत हो गई जबकि दस अन्य लोग घायल हैं.
कई सूबों में एनआईए की छापेमारी
एनआईए की छापेमारी कई राज्यों में जारी है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पंजाब, राजस्थान और मध्य प्रदेश में ये छापे खालिस्तान गैंगस्टर लिंक मामले को लेकर चल रहे हैं.

चयन-संपादन | शरद मौर्य/ सुमित चौधरी


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