प्लास्टिक में 16 हज़ार से ज़्यादा केमिकल्स

  • 8:05 pm
  • 16 March 2024

प्लास्टिक में 16 हज़ार से ज्यादा केमिकल मौजूद होते हैं, जो पहले के अनुमान से तीन हज़ार से भी अधिक हैं. बृहस्पतिवार को छपी एक नई रिपोर्ट में यह तथ्य सामने आया है. मौजूदा वक़्त में खाद्य पदार्थों की पैकेजिंग से लेकर खिलौनों तक में प्लास्टिक का बड़े पैमाने पर उपयोग किया जाता है, यहां तक की चिकित्सा उपकरणों में भी प्लास्टिक का उपयोग होता है. ‘डाउन टू अर्थ’ के मुताबिक, संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम और अन्य अंतर्राष्ट्रीय संस्थानों ने इससे पहले प्लास्टिक में क़रीब 13,000 केमिकल्स की पहचान की थी. अब यूरोपियन वैज्ञानिकों की टीम ने अपनी नई रिपोर्ट में प्लास्टिक में 16,325 केमिकल्स के होने की पुष्टि की है. यह ऐसे केमिकल्स हैं, जो जाने-अनजाने प्लास्टिक में मौजूद रहते हैं. इनमें से केवल छह फ़ीसदी केमिकल्स ही ऐसे हैं, जिन्हें अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर विनियमित किया जाता है, इसके बावजूद कई रसायनों का उत्पादन बड़ी मात्रा में किया जाता है और उनसे बेहद गंभीर ख़तरे की आशंका होती है. इस नई रिपोर्ट में यह भी सामने आया है कि इनमें से क़रीब 26 फीसदी यानी 4,200 केमिकल इंसानी सेहत और पर्यावरण दोनों के लिए चिंता का विषय हैं. प्लास्टिक में उपयोग के लिए 1,300 से अधिक केमिकल्स का व्यापार किया जाता है और अच्छी तरह से अध्ययन किए गए प्लास्टिक प्रकारों में पाए जाने वाले 29 से 66 फ़ीसदी रसायन चिंता का विषय हैं. इसका मतलब है कि पैकेजिंग से लेकर प्लास्टिक के सभी प्रमुख प्रकारों में 400 से अधिक ऐसे केमिकल्स मौजूद हो सकते हैं, जो चिंता का विषय हैं.

सारागढ़ी म्यूज़ियम राष्ट्र को समर्पित
पंजाब में सारागढ़ी के ऐतिहासिक युद्ध में अप्रतिम शौर्य का प्रदर्शन करने वाले 21 सिख सैनिकों के बलिदान की याद यहां बना संग्रहालय दिलाएगा. 12 सितंबर, 1897 में 10,000 अफ़गानों से सारागढ़ी में तैनात 36 सिख सैनिकों ने लोहा लिया था. अपने ढ़ंग के अकेले इस युद्ध में असाधारण वीरता दिखाते हुए 21 सैनिकों ने शहादत पाई थी. उन सैनिकों को श्रद्धांजलि स्वरूप यह संग्रहालय बनाया गया है. इसके उद्घाटन के मौके पर फ़िरोजपुर (शहर) से विधायक रनबीर सिंह भुल्लर ने कहा कि यह संग्रहालय नई पीढ़ी को पंजाब के इतिहास और पंजाबियों के बलिदान से परिचित कराएगा. साथ ही, राज्य में पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा. फ़िरोजपुर के उपायुक्त राजेश धीमान ने ‘द ट्रिब्यून’ को बताया कि सात गैलरियों वाले इस संग्रहालय में सारागढ़ी युद्ध में इस्तेमाल हुए हथियार और सिग्नल देने वाले उपकरण आदि प्रदर्शित किए गए हैं. यहाँ लगाई गई तस्वीरों में युद्ध से पहले और बाद के सारागढ़ी की झलक भी दिखेगी. यहां युद्ध स्मारक का निर्माण भी चल रहा है.

आख़िर मिल ही गईं लापता कोरियन वृद्धा

इस केस को दिल्ली पुलिस की चुस्त कार्यशैली के रूप में भी देखा जा सकता है. दूतावास से ख़बर मिली कि भारत आई 70 साल की दक्षिण कोरियाई महिला एक महीने से लापता हैं. दो दिन लगे. आठ अफ़सरों की टीम ने मुख़बिरों का जाल बिछाया. संभावित इलाक़े के लोगों से पूछताछ की. 500 सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली और अंततः उन्हें दिल्ली रेलवे स्टेशन के नज़दीक एक भीड़ भरी गली में ढूंढ निकाला. अफ़सरों ने अपना और महिला का नाम बताने की मनाही करते हुए ‘हिंदुस्तान टाइम्स’ को इस दिलचस्प खोज की जानकारी दी. महिला घर में बगैर बताए अकेले ही भारत आ गई थीं. घरवालों को उनके कमरे मिले टुअर प्लान के मुताबिक उसे 10 फरवरी को लौट आना था. एक महीने बाद भी उनके नहीं लौटने पर उन लोगों ने दूतावास में संपर्क किया. दरअसल, उनके झगड़ालू बर्ताव के कारण कंपनी ने उन्हें 10 फरवरी को फ्लाइट में सवार नहीं होने दिया था. तब से वह दिल्ली की गलियों में भटक रही थीं. भोजन के लिए वह मंदिरों के भंडारे में जाती और नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के पास स्काईवॉक के नीचे सोती थीं. खोज लिए जाने के बाद भी वह पुलिस के साथ कोई सहयोग नहीं कर रही हैं. औपचारिकताएं पूरी होने के बाद अब उन्हें उनके देश भेजा जाएगा.

ऋतिका व ग्रीष्मा को चमेली देवी जैन अवार्ड
उत्कृष्ट महिला मीडिया पर्सन के लिए चमेली देवी जैन पुरस्कार-2024 इंडियन एक्सप्रेस की ऋतिका चोपड़ा और स्वतंत्र पत्रकार ग्रीष्मा कुठार को संयुक्त रूप से दिया गया. ऋतिका इंडियन एक्सप्रेस के राष्ट्रीय ब्यूरो की प्रमुख और शिक्षा संपादक हैं. वह एनसीईआरटी की पाठ्य पुस्तकों के लिए इतिहास पुनर्लेखन के लिए चर्चित रही हैं. ग्रीष्मा स्वतंत्र पत्रकार हैं. मणिपुर पर उनकी खोजी रिपोर्टें ख़ूब सराही गई थीं. पुरस्कार वितरण समारोह में बिजनेस स्टैंडर्ड के चेयरमैन टीएन निनान ने कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) के प्रयोग के ख़तरों से आगाह किया. कहा कि दुनिया भर में 15 प्रतिशत कामगारों को कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) द्वारा प्रतिस्थापित किया जा सकता है. लेकिन सवाल यह पूछा जाना चाहिए कि क्या यह हमें साझा समृद्धि की ओर ले जा सकता है. कृषि क्षेत्र पर, उन्होंने आशंका जताई कि भारत अपनी प्रति हेक्टेयर उत्पादकता को सुधार सकता है. किसानों की लागत पर उपभोक्ताओं की सुरक्षा बंद कर सकता है और कपास और चावल आदि जैसी श्रम संबंधित फसलों में अधिक निवेश कर सकता है. उन्होंने ध्यान भी दिलाया कि हमारी कृषि श्रमशक्ति घट रही है.

सेना का दबाव, लंदन लौटेंगे नवाज़ शरीफ़
पाकिस्तान की सियासत में लगभग 45 साल से सक्रिय रहे पूर्व पीएम नवाज़ शरीफ़ का राजनीतिक सफ़र अब पूरा होने को है. सेना ने नवाज़ शरीफ के रूप में पाकिस्तान की राजनीति में आख़िरी बड़े नाम को भी हाशिये पर डालने की तैयारी कर ली है. ‘दैनिक भास्कर’ ने सूत्रों के हवाले से ख़बर दी है कि आर्मी चीफ़ आसिम मुनीर ने नवाज़ को जल्दी लंदन लौटने के आदेश दिए हैं. नवाज़ के क़रीबी एक सूत्र का कहना है कि वे कथित रूप से ख़राब सेहत का हवाला देकर लंदन वापसी का अपना प्लान ज़ाहिर करेंगे. लेकिन, नवाज़ की राजनीतिक विदाई होने वाली है. नवाज़ के लंदन लौटने से सेना देश के प्रमुख नेताओं पर अपनी पकड़ और मज़बूत कर लेगी. पूर्व पीएम इमरान ख़ान पहले से जेल में हैं. इमरान को 24 में से अब तक 5 मामलों में सज़ा हो चुकी है. इनमें अधिकतम सजा 14 साल की है.

चयन-संपादन | शरद मौर्य/ सुमित चौधरी


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