बर्फ़ और बारिश से लोग हलकान, सेब को नुक़सान
शिमला | मनाली, लाहौल-स्पीति और रोहतांग दर्रे समेत कुल्लू घाटी में बर्फ़ की चादर बिछ गई है. बारिश और भूस्खलन से कई जगह रास्ते बंद होने से लोग हलकान हो रहे हैं. ऊंचाई वाले इलाक़ों में हिमपात से सेब के बाग़ान को भारी नुक़सान का अंदेशा है.सेब के फूल बर्फ़ से दब गए हैं.
अप्रैल के आख़िरी दिनों में मनाली शहर में शुक्रवार को हिमपात ने लोगों को 1996 के दिनों की याद दिला दी. उस साल भी इन दिनों मनाली शहर में बर्फ़ गिरी थी. सुबह अपने होटलों से निकले सैलानियों ने मॉल रोड पर बर्फ़ की फुहियाँ गिरती देखीं.
लाहौल-स्पीति के साथ ही कुल्लू में भी चार दिनों से मौसम बिगड़ा हुआ है. कल रात हुई भारी बारिश और बर्फ़बारी से यों काफ़ी नुकसान हुआ. रोहतांग दर्रा के साथ अटल टनल रोहतांग तथा हाईवे 305 पर यातायात ठप हो गया है. रोहतांग में 140, बारालाचा में 160, कुंजुम दर्रा में सौ सेंटीमीटर बर्फ़बारी दर्ज की गई.
भरमौर और पांगी में भी इन दिनों हिमपात दो दशक बाद हुआ है. छह इंच से लेकर दो फ़ीट तक बर्फ़ गिरने से कई रास्ते बंद हो गए हैं.
किन्नौर में चार दिनों से मौसम के बदले मिजाज के चलते कई इलाक़ों के लोगों की दुश्वारियां बढ़ गई हैं. राष्ट्रीय राजमार्ग और संपर्क मार्ग इस बेमौसमी बर्फ़बारी और बारिश से बंद हो गए हैं. तापमान शून्य से नीचे चला गया है. छितकुल में 90 सेंटीमीटर, कल्पा और सांगला में 45 सेंटीमीटर और रिकांगपिओ में 15 सेंटीमीटर ताज़ा हिमपात हुआ है. सेब उगाने वालों के लिए बारिश और बर्फ़ का यह मौसम ख़तरे की घंटी है.
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