आख़िरकार चंदौली से दुधवा पहुंच गया मिट्ठू
दुधवा | मिट्ठू उर्फ मिथुन सोमवार को आख़िरकार दुधवा नेशनल पार्क पहुंच ही गया. चंदौली से चार महावतों के साथ ख़ास ट्रक में आए मिट्ठू को दक्षिणी सोनारीपुर रेंज की गुलरा चौकी पर लाया गया.
पार्क के डिप्टी डायरेक्टर मनोज कुमार सोनकर ने बताया कि दुधवा में अब 25 हाथी हो गए हैं. उन्होंने कहा कि 45 साल के मिट्ठू को पांच-छह महीने के चिकित्सीय परीक्षण के दौरान फ़िलहाल दूसरे हाथियों से अलग रखा जाएगा.
अभी तक मिट्ठू का ठिकाना काशी वाइल्डलाइफ़ ऑफ़िस कम्पाउण्ड था. जुलूसों-बारातों में शान बनकर शामिल होने वाले मिट्ठू की काशी में लंबी क़ैद का वाक़या ख़ासा अजीब है. यह बात 26 अक्टूबर 2019 की है, जब रामनगर की रामलीला में शरीक होने के लिए जाते समय रमाशंकर नाम का एक शख़्स मिट्ठू के काफ़ी क़रीब आ गया था.
यों मेले-ठेले में लोगों का मिट्ठू के क़रीब आना या उसे छूकर महसूस करना कोई नई बात नहीं. और अब तक तो उसे इसी आदत भी पड़ गई थी मगर उस रोज़ जाने क्या हुआ कि मिट्ठू इतना भड़क गया कि महावत की तमाम कोशिशों के बावजूद उसका ग़ुस्सा नहीं थमा. उसने रमाशंकर को सूंड में लपेटकर उठाया और फिर पटक दिया. उनकी मौत हो गई तो मुक़दमा क़ायम हुआ. मिट्ठू के महावत तुलसीराम को पुलिस ने गिरफ़्तार कर लिया.
महावत ने पुलिस को बताया कि हाथी जौनपुर के पीके तिवारी का है, जो उन्होंने हमीरपुर के मोहम्मद अहमद ने लिया है. पुलिस ने जाँच शुरू की तो न पीके तिवारी और न ही मोहम्मद अहमद मिट्ठू की मिल्कियत के काग़ज़ात दिखा पाए. अब वाइल्डलाइफ़ एक्ट में भी मुक़दमा दर्ज कर लिया गया.
चूंकि मिट्ठू अब मुक़दमे का हिस्सा हो चुका था, इसलिए वह वन विभाग के लोगों की सुपुर्दगी में था. तभी से वाइल्डलाइफ़ ऑफ़िस का कम्पाउण्ड मिट्ठू की रिहाइश बन गया. इस मामले में कोर्ट में चार्जशीट दाख़िल करने के साथ ही वन विभाग ने मिट्ठू को दुधवा नेशनल पार्क भेजने के लिए सीजेएम कोर्ट से इज़ाजत मांगी.
कोर्ट ने मिट्ठू को शिफ़्ट करने की इज़ाजत दे दी. महामारी और लॉकडाउन के बीच उसे दुधवा लाने की तैयारियाँ थोड़ी देर से शुरू हुईं. मथुरा के एलीफ़ैंट केयर सेंटर के एक ख़ास ट्रक चंदौली भेजा गया, दुधवा से महावतों और पशु चिकित्सकों की टीम भी. अब डेढ़ साल के बाद उम्मीद है कि दुधवा में मिट्ठू को नए दोस्त मिल सकेंगे.
कवर | दुधवा में मिट्ठू
सम्बंधित
मिट्ठू को दुधवा लाने एलीफ़ैंट केयर सेंटर का ख़ास ट्रक जाएगा
अपनी राय हमें इस लिंक या feedback@samvadnews.in पर भेज सकते हैं.
न्यूज़लेटर के लिए सब्सक्राइब करें.
अपना मुल्क
-
हालात की कोख से जन्मी समझ से ही मज़बूत होगा अवामः कैफ़ी आज़मी
-
जो बीत गया है वो गुज़र क्यों नहीं जाता
-
सहारनपुर शराब कांडः कुछ गिनतियां, कुछ चेहरे
-
अलीगढ़ः जाने किसकी लगी नज़र
-
वास्तु जौनपुरी के बहाने शर्की इमारतों की याद
-
हुक़्क़ाः शाही ईजाद मगर मिज़ाज फ़क़ीराना
-
बारह बरस बाद बेगुनाह मगर जो खोया उसकी भरपाई कहां
-
जो ‘उठो लाल अब आंखें खोलो’... तक पढ़े हैं, जो क़यामत का भी संपूर्णता में स्वागत करते हैं