जंज़ीरों में 50 साल बिताने वाले राजू की आज़ादी के दस साल

आगरा | राजू वही हाथी है, जिसे क़रीब दस साल पहले वाइल्डलाइफ़ एसओएस की टीम ने गंभीर परिस्थितियों से बचाया था, अपने पैरों में जंज़ीरें खुलने पर जिसकी आँखों में ख़ुशी और राहत के आँसू थे. एनजीओ की देखरेख में हिफ़ाज़त से जीने के लिए राजू को मथुरा के हाथी संरक्षण और देखभाल केंद्र में लाया गया, जहां वह आजादी के 10 साल पूरे कर चुका है.

पचास वर्षों तक, यानी किसी हाथी की ज़िंदगी का आधे से ज़्यादा समय तक, राजू नुकीली जंज़ीरों में जकड़ कर रखा गया था, जिसकी वजह से उसके पैरों में तमाम घाव हो जाते थे. चलता हुए, उसे यक़ीनन तक़लीफ़ होती रही होगी. पाँच दशकों के इस दुर्व्यवहार ने राजू को उसके जंगली स्वभाव से पूरी तरह दूर रखा.

राजू को केवल पैसा बनाने वाली मशीन के रूप में इस्तेमाल किया जाता था, उन वर्षों कई बार उसके मालिक कई बार बदलते रहे. उसके बारे में मालूम होने पर प्रयागराज ज़िले से उसको रेस्क्यू किया गया.

राजू को जब मथुरा लाया गया, तो उसके शरीर पर अंकुश की चोटों के कई निशान थे, उसके कूल्हों और पैरों पर फोड़े थे, और उसकी पूंछ पर घाव थे, जो साफ़-साफ़ उसकी दुर्दशा बयान करते थे. वाइल्डलाइफ़ एसओएस की पशु चिकित्सक टीम की मेहनत और कोशिशों से, आज राजू की हालत में अविश्वसनीय सुधार है. उसकी पूंछ का घाव ठीक हो रहा है और नियमित उपचार से उसके दूसरे घावों में भी उल्लेखनीय सुधार दिख रहा है.

वाइल्डलाइफ़ एस.ओ.एस के सह-संस्थापक और सी.ई.ओ, कार्तिक सत्यनारायण ने कहा, “राजू ने हमारे साथ अपनी आजादी के 10 वर्ष पूरे कर लिए है और यह वाइल्डलाइफ़ एस.ओ.एस के लिए यादगार मौक़ा है. इंसानों ने राजू को जो दर्द दिए, उसे समझना अकल्पनीय है. राजू को वापस उसकी आज़ादी लौटाने के लिए कड़ी मेहनत की है और अब वह हमारे डॉक्टरों की और कर्मचारियों की निगरानी में ख़ुशहाल जीवन जी रहा है.

मथुरा के हाथी देखभाल केंद्र में राजू.

वाइल्डलाइफ़ एस.ओ.एस की सह-संस्थापक और सचिव, गीता शेषमणि ने कहा, “राजू के जीवन का यह दूसरा चरण करुणा और स्नेह से भरपूर है. हाथी अस्पताल परिसर में हाथी देखभाल कर्मचारी यह सुनिश्चित करते हैं कि वे राजू के लिए आवश्यक तैयारियों के साथ हमेशा तत्पर रहें. ताज़े फल और सब्जियों की ज़रूरी मात्रा राजू का आहार है. राजू अपने बाड़े के पूल में घंटों बिताना पसंद करता है, ख़ासकर गर्मी के मौसम में.

वाइल्डलाइफ़ एस.ओ.एस के डायरेक्टर कंज़रवेशन प्रोजेक्ट्स, बैजूराज एम.वी. ने कहा, “राजू का वर्तमान में पैर के फोड़े और पूंछ के घाव का इलाज चल रहा है, जिसमे काफी हद तक सुधार हुआ है, रोज़ उसके नाख़ून और फुटपैड भी बनाये जाते हैं. राजू की स्थिति में सुधार, एक दशक के लंबे प्रयास का परिणाम है. उसे हमारी देखरेख में एक स्वस्थ और आज़ाद जीवन जीते हुए देखना हमारे लिए अनुभव की गई सबसे बड़ी खुशियों में से एक है.”

(विज्ञप्ति)


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