स्मरण | ट्वीटर पर ऋषि कपूर का आख़िरी संदेश सचिन तेंदुलकर को
ऋषि कपूर नहीं रहे. तबियत ख़राब होने पर कल रात उन्हें मुंबई के अस्पताल में भर्ती कराया गया था. आज सुबह सवा आठ बजे उनका निधन हो गया. कपूर परिवार की ओर से जारी संदेश में अस्पताल के स्टाफ़ के हवाले से कहा गया है कि आख़िरी सांस तक उन्होंने ज़िंदादिली का दामन नहीं छोड़ा. दोस्तों के बीच उनकी पहचान बेबाक़, ख़ुशमिज़ाज और ज़िंदादिल इंसान की ही रही है.
फ़िल्म ‘मेरा नाम जोकर’ में ऋषि कपूर ने अपने पिता राज कपूर के बचपन का रोल किया था और बतौर हीरो अपनी पहली फ़िल्म ‘बॉबी’ से उन्होंने जो ख्याति अर्जित की, वह लम्बे समय तक उनके साथ चलती रही.
कभी चिंटू जी फ़िल्म की दुनिया और राजनीति के बारे में अपना नज़रिया, गंभीर और कई बार परिहास वाले तमाम वाक़यों से ट्वीटर पर अपने मुरीदीनों के बीच दिन भर मौजूद रहा करते थे. चिंटू यानी अपने घर के नाम से ट्वीटर पर ख़ूब सक्रिय रहने वाले ऋषि कपूर के ट्वीटर हैंडिल पर आख़िरी पोस्ट उनके जन्मदिन के मौक़े पर सचिन तेंदुलकर का बधाई संदेश और ऋषि कपूर का लिखा जवाब है. पिछले साल 4 सितम्बर के बाद ट्वीटर पर कोई पोस्ट नहीं है.
उनके ट्वीटर हैंडिल से कुछ और संदेश…
अपने फ़ेसबुक पेज का नाम अलबत्ता उन्होंने जनवरी में बदला और अपनी आत्मकथा के नाम पर पेज का नाम ‘खुल्लम खुल्लाः ऋषि कपूर अनसेंसर्ड’ कर दिया था. खुल्लम खुल्ला ‘खेल-खेल में’ फ़िल्म में उन पर फ़िल्माये गए गीत का मुखड़ा भी है और ख़ुद की बेबाकी को दिया हुआ उनका विशेषण भी. जनवरी 2017 में इंडिया टुडे टीवी से बातचीत में ऋषि कपूर ने कहा था कि अपनी फ़िल्म बॉबी के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का फ़िल्मफ़ेयर अवॉर्ड उन्होंने तीस हज़ार रुपये में ख़रीदा था. हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि अब वह इस बात पर शर्मिंदा हैं, मगर तब वह नौजवान थे और अमीर भी. हाल के कुछ वर्षों में अपने राजनीतिक विचारों की अभिव्यक्ति में भी उन्होंने इसी तरह की बेबाकी दिखाई थी.
(@chintskap उनका एक और ट्विटर हैंडिल है, और यह वेरीफ़ाइड भी है. इस ट्विटर हैंडिल पर अलबत्ता वह लगातार सक्रिय रहे.)
2.30 बजे अपडेट किया गया.
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