मर्सी राफ़ा. खेल को इतना ख़ूबसूरत बनाने के लिए

दुनिया भर के खेल मैदान दुनिया की सबसे ख़ूबसूरत जगहों में से होते हैं. घोर प्रतिद्वंद्विताओं और भीषण संघर्षों के वातावरण में भी इन मैदानों में सद्भाव, मैत्री और प्रेम की भीनी-भीनी ख़ुशबू जो फैली रहती है. ये खेल मैदान ही होते हैं, जहां हर जीत के बाद भी गले मिलने के दृश्य नमूदार होते हैं और हर हार के बाद भी. आंखें सबकी बहती हैं जीत में भी, हार में भी. और फिर ये मैदान प्रेम के शहर पेरिस का हो, तो बात ही अलग है.

हां, यह पिछले इतवार की ही तो बात है. दिवस का अवसान होने को है. और साथ ही एक कहानी का समापन भी. एक प्रेम कहानी का. एक मैदान से उसके सबसे बड़े चैंपियन की जुदाई की कहानी का. शायद तभी पेरिस के रोलां गैरों के फ़िलिप कार्टियर एरीना के सेंटर कोर्ट की लाल मिट्टी शर्म ओ हया से थोड़ी ज्यादा ही लाल हुई जाती है. उत्साह और ख़ुशी से उसकी चमक थोड़ी और ज्यादा हुई जाती है और विछोह की उदासी से थोड़ी-थोड़ी नम भी. आज उसे कुछ ऐसे दृश्य उद्भूत जो करने हैं, जो लोगों की स्मृति में अनंत काल के लिए अंकित हो जाने हैं. उसे आज इस मैदान के सबसे बड़े विजेता को आख़िरी बार होस्ट करना है. यह विजेता कोई और नहीं, फ्रेंच ओपन के चौदह बार के विजेता राफ़ेल नडाल हैं.

एक के बाद एक दृश्य बन मिट रहे हैं. इन्हीं एक फ्रेम में राफ़ा बीच कोर्ट में खड़े हैं. वे इंतज़ार कर रहे हैं. इसी बीच उनके तीन प्रतिद्वंद्वी मैदान में प्रवेश करते हैं. ये कोई और नहीं रोजर फ़ेडरर, नोवाक जोकोविच और एंडी मरे हैं. कोर्ट में उनके सबसे बड़े प्रतिद्वंद्वी. टेनिस के महानतम खिलाड़ी. वे खिलाड़ी जिनके विरुद्ध खेलते हुए संघर्ष के नए प्रतिमान रचे गए. सफलता के नए पैमाने स्थापित हुए. टेनिस खेल को नई ऊंचाइयां मिली. और उस खेल का इतिहास ही नए सिरे से लिखा गया. लेकिन आज वे संघर्ष के लिए नहीं आए थे. वे आते हैं और आते ही बारी-बारी से राफ़ा को गले लगाते हैं. आंखें सबकी नम हो आती हैं और वातावरण कुछ कुछ गीला. प्रेम, मैत्री और सौहार्द्र से वातावरण महक-महक जाता है. उसके बाद राफ़ा अंपायरों और ग्राउंड स्टाफ़ से मिलते हैं और अंत में, अपने दो साल के बेटे को गोद में लेते हुए धीरे-धीरे क़दमों से कोर्ट से बाहर चले जाते हैं.

नाटक का पर्दा गिर गया है. एक युग का समापन हो रहा है. किरदार चला जाता है. बाक़ी कुछ रह जाता है तो एक उदास जाल. कुछ फीकी-सी सफ़ेद चूने की लाइनें. नम लाल मिट्टी. एक इलेक्ट्रॉनिक बोर्ड. और, और एक सफेद रंग की आयताकार पट्टिका. जिस पर अंकित हैं राफ़ा के पदचिह्न, उनका नाम, 14 का अंक, जीती गई 14 ट्राफियों का विवरण और ट्रॉफी कूप डी मस्केटियर का चित्र भी. उसकी स्मृति को उसके चाहने वालों के लिए ही नहीं बल्कि उनसे ईर्ष्या करने वालों के मन में भी हमेशा के लिए जीवित रखने के लिए.

उद्घोषक उद्घोषणा कर रहा है, ‘आपके पदचिह्न सदैव यहां रहेंगे.’

इस साल के फ्रेंच ओपन के पहले दिन इस कोर्ट के सबसे बड़े खिलाड़ी को एक शानदार विदाई से नवाजा जा रहा है. ये स्पेन के राफ़ेल नडाल हैं.

लेकिन ऐसे दृश्य न तो पहले थे और न ही अंतिम होंगे. याद कीजिए साल 2022 के 24 सितंबर के दिन को. उस दिन लंदन के प्रसिद्ध विंबलडन मैदान में लेवर कप के आख़िरी मैच को खेल कर रोजर फेडरर विदा हो रहे थे. उनके दो सबसे बड़े प्रतिद्वंद्वी राफ़ा और नोवाक के साथ साथ ख़ुद रोजर की आँखें बह रही थीं. और उनके वे दोनों प्रतिद्वंद्वी उनको अपने कँधे पर बिठाए मैदान से विदा किए जाते थे.

लंदन अतीत था. वहां फ़ेडरर थे. पेरिस वर्तमान है. यहां राफ़ा हैं. भविष्य शायद मेलबर्न हो और उसके किरदार नोवाक.

आख़िर वो क्या बात है, जो राफ़ा को एक बड़ा और बहुत बड़ा खिलाड़ी बनाती है और उतना ही लोकप्रिय भी.

किसी खिलाड़ी की इमेज केवल खेल मैदान के अंदर उसके खेल भर से नहीं बनती. यह बनती है उसके खेल और खेल मैदान के बाहर उसके आचार-विचार और व्यवहार से. यह बनती है उसके संपूर्ण व्यक्तित्व से.

राफ़ा टेनिस के महान खिलाड़ी हैं. इसमें कोई संदेह नहीं. बहुतों के लिए तो वे टेनिस के सार्वकालिक महानतम खिलाड़ी हैं. उनके हिस्से 22 ग्रैंड स्लैम ख़िताब हैं. नोवाक से दो कम और फ़ेडरर से दो ज्यादा. नोवाक के अलावा सिर्फ़ वह ही हैं, जिन्होंने दो बार ग्रैंड स्लैम पूरा किया. दोनों के पास ही गोल्डन ग्रैंड स्लैम हैं यानी ग्रैंड स्लैम के साथ ओलंपिक गोल्ड भी. लेकिन राफ़ा अकेले हैं जिनके पास एकल और युगल दोनों ओलंपिक गोल्ड हैं.

लेकिन खेल में उनका सबसे बड़ा प्लस किसी एक खेल सतह पर उनका प्रभुत्व. जैसा डॉमिनेंस उनका मिट्टी वाली सतह पर है, वैसा किसी का भी किसी भी सतह पर नहीं है. वे 14 बार फ्रेंच ओपन जीतते हैं. वे यहां 116 में से 112 मैच जीते हैं और केवल चार बार हारे हैं. इतना ही नहीं उन्होंने फ्रेंच ओपन के अलावा 12 बार्सिलोना ओपन,11 मोंटे कार्लो और 10 रोम ओपन ख़िताब जीते. क्ले कोर्ट पर उनको अजेय बनाती है उनकी टॉप स्पिन की कला. उनके फोरहैंड शॉट्स 4000 आरपीएम से भी ज्यादा गति से स्पिन होते हैं. ये गति अविश्वसनीय थी. इससे उन्हें उछाल भी अधिक मिलती जिसे विपक्षी संभालने में असमर्थ होते. और वे अजेय प्रतीत होते.

लेकिन जितना कूल वे खेल मैदान में रहते हैं, उससे कहीं अधिक कूल मैदान के बाहर होते हैं. यहां तक कि फ़ेडरर को भी कभी-कभी निराशा में रैकेट पटकते हुए देखा जा सकता है, लेकिन राफ़ा को कभी नहीं. वे खेल मैदान में अपने शानदार खेल से खेल प्रेमियों का दिल जीतते हैं तो मैदान के बाहर अपने शालीन व्यवहार से अपने प्रशंसकों का दिल.

इस शताब्दी के पहले 25 वर्ष नोवाक, राफ़ा और फ़ेडरर की त्रयी के डॉमिनेंस के हैं. इनमें से फ़ेडरर और नोवाक दो विपरीत ध्रुवों के नाम हैं. फ़ेडरर बहुत ही नफ़ासत वाले खिलाड़ी हैं. दर्शकों और मीडिया के सबसे चहेते. उनका हावभाव, व्यवहार ही नहीं बल्कि पूरा खेल नफ़ासत भरा है. वे एलीट खेल के प्रतिनिधि खिलाड़ी हैं. इसके उलट नोवाक जोकोविच इस खेल की अवाम का प्रतिनिधि चेहरा हैं. अंतिम समय तक संघर्ष करने का जज्बा, ख़ांटी व्यवहार, गुस्सैल, मीडिया और टेनिस जगत के विलेन की तरह. लेकिन असाधारण खेल प्रतिभा और उपलब्धियां ऐसी कि उसके आगे हर कोई नतमस्तक.

राफ़ा उन दोनों के बीच कहीं ठहरते हैं. उन दोनों में संतुलन साधते. उन दोनों की विशेषताओं को अपने में समाहित करते. वे फेडरर की तरह खेल और व्यवहार में नफ़ासत से भरे, लेकिन संघर्ष करने और अंतिम समय तक हार न मानने वाला जज़्बा लिए, बहुत ही विनीत और ‘डाउन टू अर्थ ‘ व्यक्तित्व वाले. एलीट और मास दोनों तत्वों को एक साथ साधते हुए.

12 साल की उम्र तक वे एक साथ फ़ुटबॉल और टेनिस खेलते हैं. एक एलीट खेल और दूसरा मास का खेल. उनके खेल में फ़ुटबॉल की ताक़त और गति है और टेनिस की नफ़ासत भी. वे नफ़ासत के खेल टेनिस को चुनते हैं लेकिन उसमें फ़ुटबॉल की गति और ताक़त का समावेश करा देते हैं. वे संतुलन साधने में सिद्धहस्त हैं. खेल में भी और व्यवहार में भी. वे मूलतः रक्षात्मक खिलाड़ी हैं लेकिन आक्रमण में करने में भी उस्ताद.

वे लेफ्टी थे. ये उनके खेल का सबसे बड़ा आकर्षण था. खेल चाहे कोई भी हो लेफ्टी को खेलते देखना सबसे बड़ा ट्रीट है. उसमें ग़ज़ब का सौंदर्य होता है. एलिगेंस होता है. नफ़ासत होती है. राफ़ा के खेल में भी सब कुछ है. राफ़ा का लेफ्टी होना उनकी अतिरिक्त विशेषता है जो उनके खेल को ज्यादा ख़ूबसूरत और आकर्षक बनाती है.

तो अब, जब राफ़ा कोर्ट में नहीं होंगे तो यकीन मानिए टेनिस खेल वैसा बिल्कुल नहीं रह जायेगा जैसा उनके कोर्ट में उपस्थित होने से होता था.

‘मर्सी राफ़ा’. खेल को इतना ख़ूबसूरत और आकर्षक बनाने के लिए.

कवर | राफ़ा नडाल/ ट्विटर से साभार


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