पेरिस ओलंपिक | मिल जाए तो मिट्टी है खो जाए तो सोना है

हर दिन एक समान नहीं होते. खेलों में भी जीवन की तरह ही धूप छाया का खेल चलता रहता है. भारत के लिए पिछले कई दिन छोटी जीत और बड़ी हार वाले थे. कम खुशी और ज़्यादा उदासी वाले थे. खिलाड़ी जीतते तो ज़रूर थे लेकिन वे जैसे ही पदक के पास आते, पदक खिलाड़ियों के हाथों से ऐन मौके पर फिसल जाते.

लेकिन कल दिन ने पलटी खाई. क्षण उदासी के भी आए क्योंकि सोने या चाँदी की एक उम्मीद कांसे में बदली. लेकिन मुस्कुराहटों की भी वजहें ख़ूब बनी. चांदी का एक पदक पक्का हुआ जिसके सोने में बदलने की पूरी आस है. और एक सोने की जो उम्मीद तीन साल पहले यथार्थ में बदल गयी थी वो उम्मीद इस बार भी एक शानदार उड़ान से पंख पा चुकी है. मगर नियति का खेल देखिए, मंगलवार की रात को सेमीफ़ाइनल मुक़ाबला जीतकर फ़ाइनल के लिए क्वालिफ़ाई करने वाली विनेश फोगाट के बारे में आज सुबह जो ख़बर आई, उसने अचानक बदले हुए मौसम की तरह इतनी बड़ी ख़ुशी को कालिमा के घटाटोप से ढांक दिया है. भारतीय ओलंपिक एसोसिएशन ने इसके ख़िलाफ़ अपील की है.

तो सबसे पहले बात मंगलवार की उड़ान की. नीरज चोपड़ा अब गोल्डन बॉय कहलाते है. उन्होंने ओलंपिक के सवा सौ साल के इतिहास में भारत को पहला स्वर्ण पदक दिलाया था. और अपनी कल की शानदार थ्रो से उस कारनामे को दोहराने की अपनी मंशा साफ जाहिर कर दी है.

मौजूदा ओलंपिक चैंपियन नीरज चोपड़ा कल पुरुषों के भाला फेंक क्वालिफ़िकेशन राउंड में शीर्ष पर रहे. 26 वर्षीय नीरज के भाले ने 89.34 मीटर लंबी उड़ान भरी जो उनका इस सीज़न का सर्वश्रेष्ठ प्रयास ही नहीं था बल्कि उनकी अब तक की दूसरी सर्वश्रेष्ठ थ्रो है. उनकी इस पहली थ्रो ने ही उन्हें स्टेड डी फ्रांस में गुरुवार को होने वाले जेवलिन थ्रो के फ़ाइनल में पहुंचा दिया है.

मंगलवार का क्वालिफ़िकेशन राउंड बहुत ज़बरदस्त रहा और उसने ये भी बताया कि नीरज के लिए फ़ाइनल मुक़ाबला आसान नहीं होने जा रहा है. कुल पांच एथलीटों ने इसमें अपने इस सीज़न की सर्वश्रेष्ठ थ्रो दर्ज की. जबकि ब्राजील के लुइज मौरिसियो दा सिल्वा ने दक्षिण अमेरिकी रिकॉर्ड को फिर से दर्ज किया और फिनलैंड के टोनी केरेनन ने एक नया व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ दर्ज किया.
इस स्पर्धा में दूसरे भारतीय किशोर जेना ग्रुप ए में थे. उनकी बेस्ट थ्रो 80.73 मीटर की थी. वे अपने ग्रुप में नवें नंबर पर रहे और फ़ाइनल के लिए क्वालीफ़ाई नहीं कर सके. ग्रुप ए से जर्मनी के जूलियन वेबर, केन्या के जूलियस येगो, चेक गणराज्य के जैकब वाडलेज्च और फ़िनलैंड के टोनी केरेनन ने फ़ाइनल में जगह बनाई.

भारतीय धावक किरण पहल सोमवार को 400 मीटर दौड़ में सीधे हीट से सेमीफ़ाइनल के लिए प्रवेश नहीं कर पाई थीं. लेकिन रेपेचेज के जरिए सेमीफ़ाइनल में जाने का एक मौक़ा और था उनके पास. लेकिन कल रेपेचेज राउंड की हीट एक में छठे स्थान पर रहीं और आगे के लिए क्वालीफ़ाई नहीं कर सकीं.

हॉकी में भारत ने टोक्यो में 41 साल बाद कांस्य पदक जीता था. इस बार भी अपने शानदार खेल से बड़े मैडल की उम्मीद जगा दी थी. उसने सेमीफ़ाइनल तक के रास्ते मे न्यूज़ीलैंड, ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड जैसी दिग्गज टीमों को हराया था. लेकिन कल जर्मनी के विरुद्ध खेले गए सेमीफ़ाइनल में वे एक बेहद कांटे के और संघर्ष पूर्ण मुक़ाबले में 2-3 से हार गई. अब भारतीय टीम कांस्य पदक मैच में स्पेन से खेलेगी. मैच के पहले हाफ़ में भारत की टीम ने आक्रामक खेला. लेकिन हाफ़टाइम तक जर्मनी की टीम 2-1 से आगे हो चुकी थी. भारतीय टीम ने तीसरे क्वार्टर में बराबरी कर ली. लेकिन जर्मनी ने अंतिम पलों में निर्णायक गोल करके आठ बार की ओलंपिक चैंपियन को पीछे छोड़ दिया.

दूसरे सेमीफ़ाइनल में नीदरलैंड ने स्पेन को 4-0 से हराकर पहले ही फ़ाइनल में प्रवेश कर लिया है. नीदरलैंड की और से जिप जानसेन (12′), थियरी ब्रिंकमैन (20′), थिज्स वैन डैम (32′) और डुको टेलजेनकैंप (50′) ने नीदरलैंड के लिए गोल किए. हालांकि नीदरलैंड का बॉल पजेशन स्पेन के मुकाबले कम रहा लेकिन उनका आक्रमण संतुलित और बेहतर था.

अब आठ अगस्त को फ़ाइनल में नीदरलैंड और जर्मनी का मुक़ाबला होगा. जबकि कांस्य पदक मैच के लिए भारत और स्पेन के बीच मुक़ाबला होगा.

भारत की और से अब तक का सबसे शानदार प्रदर्शन महिला कुश्ती में आया. भारत की विनेश फोगाट ने चैंप-डे-मार्स एरिना में महिलाओं के 50 किग्रा फ्रीस्टाइल सेमीफ़ाइनल कुश्ती मैच में क्यूबा की युसनेलिस गुजमान लोपेज को 5-0 से हराया.
वे ओलंपिक के फ़ाइनल में जगह बनाने वाली पहली भारतीय महिला पहलवान बन गईं. रियो 2016 और टोक्यो 2020 में दिल टूटने के बाद 29 वर्षीय खिलाड़ी ने पेरिस ओलंपिक में पदक पक्का कर लिया है. ये ग्रीष्मकालीन खेलों में उनका पहला पदक होगा. इस सेमीफ़ाइनल बाउट में विनेश ने पहले राउंड में पैसिविटी के जरिए 1-0 की बढ़त ली. दूसरे राउंड में वे और अधिक आक्रामक नज़र आईं और अपनी बढ़त को 5-0 करते हुए मुक़ाबला जीत लिया.

कल विनेश ने कुल मिलाकर तीन मुक़ाबले खेले. इससे पहले विनेश फोगाट ने क्वार्टरफ़ाइनल में यूक्रेन की ओक्साना लिवाच को 7-5 से हराया. लेकिन उनकी सबसे शानदार जीत राउंड ऑफ 16 में टोक्यो ओलंपिक चैंपियन और चार बार की विश्व विजेता जापान की युई सुसाकी पर रही. जापान की सुसाकि का इससे पहले अंतरराष्ट्रीय मुकाबलों में स्कोर 82-0 रहा था. वे एक भी अंतरराष्ट्रीय मुक़ाबला नहीं हारी थीं. पहले राउंड के बाद सुसाकी ने 1-0 से बढ़त बना ली. विनेश मैच समाप्ति से 10 सेकंड पहले तक 0- 2 से पिछड़ रही थीं. लेकिन एक शानदार दांव लगाकर जापानी पहलवान को 3-2 से हरा दिया.

चौथी वरीयता प्राप्त भारतीय पहलवान अंतिम पंघाल आज अपना अभियान शुरू करेंगी. वे 53 किग्रा वर्ग में राउंड ऑफ़ 16 मुकाबले में तुर्की की जेनेप येटगिल से भिड़ेंगी. 19 साल की पंघाल पेरिस में सबसे कम उम्र की भारतीय पहलवान हैं. वे दो बार की जूनियर वर्ल्ड चैंपियन और वर्ल्ड चैंपियनशिप में पदक विजेता है.

भारतीय पुरुष टेबल टेनिस टीम राउंड ऑफ़ 16 मैच में चीन से 3-0 से हार गई. टाई के पहले मैच में हरमीत देसाई और ठक्कर की जोड़ी चीन की मा लोंग और वांग चुकिन की जोड़ी से सीधे गेमों में 11-2, 11-3, 11-7 से हार गए. इसके बाद शरत कमल पेरिस ओलंपिक में एकल स्वर्ण पदक विजेता फैन जेंडॉन्ग के खिलाफ शुरुआती बढ़त लेने के बावजूद मैच 9-11, 11-7, 11-7, 11-5 हार गए. तीसरे मैच में ठक्कर वांग चुकिन से 11-9, 11-6, 11-9 से सीधे सेटों में हार गए. इस हार के साथ ही भारतीय पुरुष टेबल टेनिस खिलाड़ियों का पेरिस ओलंपिक का अभियान समाप्त हो गया.

कल दिन की समाप्ति पर अमेरिका पदक तालिका में शीर्ष पर बना हुआ है. उसने कुल 86 पदक जीते हैं जिसमें 24 स्वर्ण, 31 रजत और 31 कांस्य पदक शामिल हैं. अब दूसरे स्थान पर चीन आ गया है. उसने 22 स्वर्ण 21 रजत और 16 कांस्य पदक सहित कुल 59 पदक जीते हैं. ऑस्ट्रेलिया अब मेजबान फ्रांसे को पीछे छोड़कर तीसरे स्थान पर आ गया है. उसने 14 स्वर्ण 12 रजत और 09 कांस्य पदक सहित कुल 35 पदक जीते हैं. जबकि मेज़बान फ्रांस अब चौथे स्थान पर है. उसने 13 स्वर्ण 16 रजत और 19 कांस्य सहित कुल 48 पदक जीते हैं. भारत तीन कांस्य पदकों के साथ 63वें स्थान पर खिसक गया है.

और चलते चलते

एक, अल्जीरिया की 17 साल की टीनएजर कायलिया नेमोर अनइवन बार्स स्पर्धा के फ़ाइनल में चीन की किउ कियुआन और अमेरिका की सुनीसा ली को पछाड़कर अल्जीरिया के लिए पहला पदक जीता. ये अल्जीरियाई किशोरी स्वर्ण पदक जीतने के साथ ही ओलंपिक जिम्नास्टिक पदक जीतने वाली पहली अफ्रीकी एथलीट बन गईं. उन्होंने प्रतियोगिता में कई बड़े नामों को पछाड़ दिया और 2024 ओलंपिक खेलों में अपने देश के लिए पहला पदक दर्ज किया. फ़्रांसीसी मूल की इस जिम्नास्ट ने अपने शानदार प्रदर्शन बर्सी एरिना में मौजूद दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया. चीन ने इस स्पर्धा का रजत और अमेरिका ने कांस्य पदक जीता. जबकि मौजूदा ओलंपिक चैंपियन बेल्जियम की नीना डेरवेल चौथे स्थान पर रहीं.

दो, महिलाओं की ट्रिपल जंप में डोमिनिका की थिया लाफॉन्ड ने 15.02 मीटर की छलांग के साथ ओलंपिक स्वर्ण पदक जीता. जमैका की शैनीका रिकेट्स ने 14.87 मीटर की अपनी सीज़न की सर्वश्रेष्ठ छलांग लगाकर रजत पदक जीता और अमेरिका की जैस्मीन मूर ने 14.67 मीटर की सीज़न की सर्वश्रेष्ठ छलांग लगाकर कांस्य पदक जीता. लाफॉन्ड की जीत कैरेबियाई द्वीप राष्ट्र डोमिनिका के लिए ऐतिहासिक पहला ओलंपिक पदक है. लाफॉन्ड ने तीसरे राउंड में अपनी विजयी छलांग लगाई. वे प्रतियोगिता में 15 मीटर का आंकड़ा छूने वाली महिला प्रतिभागी बन गई हैं.

तीन, स्टेड डी फ्रांस में एथलेटिक्स स्पर्धाएं 02 अगस्त से शुरू हुईं. इस बार इस स्टेडियम का एथलेटिक्स ट्रैक आकर्षक का केंद्र है. इसकी विहंगमता इसका रंग है. आमतौर पर यह लाल या नीला होता है पर इस बार यह बैंगनी रंग का है. बैंगनी रंग के ट्रैक पर आयोजित होने वाली पहली प्रतियोगिता है.

चार, चीन के जू जियायु,किन हैयांग,सुन जियाजुन और पान झानले ने पुरुषों की 4×100 मीटर मेडले रिले में 3:27.46 के समय के साथ स्वर्ण पदक जीता है. जबकि अमेरिका के रयान मर्फी, निक फिंक, कैलेब ड्रेसेल और हंटर आर्मस्ट्रांग की टीम ने 3:28.01 के समय के साथ रजत जीता. मेजबान फ्रांस के योहान एनडोये-ब्रौर्ड, लियोन मार्चैंड, मैक्सिम ग्रौसेट और फ्लोरेंट मनौडौ की टीम ने 3:28.38 के समय के साथ कांस्य जीता.

इस जीत के साथ चीन ने से टीम यूएसए का पुरुषों की 4×100 मीटर रिले में जीत का शानदार 40 साल से चले आ रहै वर्चस्व को तोड़ दिया. जो 1984 के लॉस एंजिलिस से चला आ रहा था.

कवर | x/@CivilLearning1


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