15 अक्टूबर | सिनेमाघर तो खुलेंगे, पर देखने वाले कितने मिलेंगे!
अनलॉक 5.0 | सरकार ने 15 अक्टूबर से सिनेमा घर खोलने की इज़ाजत दे दी है. टिकटों की ज़्यादा से ज़्यादा ऑनलाइन बुकिंग की अपेक्षा की गई है, साथ ही निर्देश दिए हैं कि कुल क्षमता के आधे दर्शक ही हर शो में सिनेमा देख सकेंगे. यानी दो दर्शकों के बीच एक सीट ख़ाली रहेगी. बिना मास्क वाले दर्शकों को प्रवेश नहीं मिलेगा, सैनिटाइज़ेशन का इंतज़ाम रहेगा और फ़िल्म पूरी होने पर सभी दर्शक एक साथ बाहर नहीं निकल सकेंगे.
यों महाराष्ट्र और तमिलनाडु में फ़िलहाल सिनेमाघर अभी बंद ही रहेंगे. वहां 31 अक्टूबर तक रोक जारी रहेगी.
पिछले क़रीब सात महीने से बंद पड़े सिनेमाघरों को खोलने के बारे में अभी कई तरह की दुविधा है. पहले से रिलीज़ के तैयार कुछ नई फ़िल्में इस अर्से में ओटीटी प्लेटफ़ार्म पर रिलीज़ हो चुकी हैं. लॉकडाउन के दौरान फ़िल्में बनाने का काम भी बंद ही रहा है. यानी रिलीज़ के लिए नई फ़िल्में तो नहीं मिलने वाली.
बरसों से त्योहार के मौक़े पर नई फ़िल्मों की रिलीज़ की रवायत बन गई थी. इस लिहाज़ से देखें तो ईद गुज़र गई, दशहरा और दीवाली क़रीब है. हिन्दी फ़िल्मों की दुनिया में इस बार तो इस रवायत पर अमल नहीं हो सकेगा.
पिछले एक-डेढ़ दशकों में मल्टीप्लेक्स की तादाद बढ़ने के साथ ही प्रोड्यूसर-डिस्ट्रीब्यूटर अपनी कमाई की योजना इन्हीं को ध्यान में रखकर बनाते आए हैं. बदले माहौल में नई फ़िल्मों की मल्टीप्लेक्स रिलीज़ का अर्थशास्त्र भी फ़िलहाल तो असरदार रह गया नहीं लगता है. फ़िल्मों की सफ़लता को लेकर मीडिया में तरह-तरह से प्रचार की भरमार का मौक़ा भी जाता रहा है.
ऐसे में कल से सिनेमाघर खुलने पर कौन सी फ़िल्में चलाएं, मौजूदा हालात में देखने वाले कितने मिलेंगे, इन बातों को लेकर सिनेमाघर के मालिक भी बहुत आश्वस्त नहीं हैं. ख़ासतौर पर सिंगिल स्क्रीन वाले सिनेमाघरों के मालिकों के लिए यह बड़े असमंजस का दौर है. कई शहरों में सिनेमाघरों के मालिकों ने फ़िल्मों के साथ ही सुरक्षा उपाय और दर्शकों की उपस्थिति जैसे मसलों पर बात करने के लिए दोपहर को बैठक बुलाई है. इसके बाद ही वे कुछ तय करेंगे.
आवरण | लखनऊ का जगत सिनेमा.
फ़ोटो | नागेंद्र प्रताप
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