मिठाई के साथ अब ‘बेस्ट बिफ़ोर डेट’ लिखना ज़रूरी
मिठाई की दुकानों को अब यह बताना ज़रूरी होगा कि कौन सी मिठाई कब तक खाने के लायक़ है. फ़ूड सेफ़्टी एण्ड स्टैण्डर्ड्स अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया (एफ़एसएसएआई) ने एक अक्टूबर से ‘बेस्ट बिफ़ोर डेट’ लिखने की अनिवार्यता कर दी है.
खुली हुई मिठाई बेचने वाले दुकानदारों को मिठाई की ट्रे के साथ एक स्लिप लगाकर तारीख़ लिखनी होगी ताकि ख़रीदार समझ सकें कि कोई मिठाई कब तक इस्तेमाल की जा सकती है. यह तारीख़ मिठाई बनाने में इस्तेमाल होने वाली चीजों और स्थानीय मौसम को ध्यान में रखकर बतानी होगी.एफ़एसएसएआई ने यह भी कहा है कि दुकानदार चाहें तो वे मिठाई बनाने की तारीख़ भी लिख सकते हैं, हालांकि नए नियम के तहत यह लिखना ज़रूरी नहीं है.
एफ़एसएसएआई के मुताबिक, यह फ़ैसला ख़ासतौर पर त्योहार के दिनों में मिठाई में मिलावट और ख़राब गुणवत्ता की शिकायतों को ध्यान में रखकर किया गया है. एफ़एसएसएआई बेकरी उत्पादों और खाद्य तेलों के बारे में भी नए मानक पर विचार कर रहा है.
यह तो आप जानते ही हैं कि दूध और खोये से बनने वाली मिठाइयों को खाद्यान्न और मेवों से बनने वाली मिठाइयों के मुक़ाबले कम समय में ही इस्तेमाल करना बेहतर होता है. इसी तरह बंगाली मिठाइयों में ‘संदेस’ को चौबीस घंटे में ही इस्तेमाल न करने पर वह ख़राब हो जाता है. खोये से बनने के बावजूद पेड़े की उम्र ज़्यादा है.
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