मंगेतर अभी नाबालिग, फूट-फूटकर रोया अलखराम
महोबा | कुलपहाड़ तहसील. रोज़ जैसा ही मंज़र, लेकिन गर्मी कुछ ज्यादा…और पारा 39.5 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचने के बाद भी तहसील परिसर में लोगों की भीड़. बेसब्री इस क़दर कि छोटी-सी ख़बर पर भी उछल पड़ते. और आख़िर में वह ख़बर आई, वह फ़ैसला जिसे सुनने के फेर में ही वे इतनी गर्मी में यहाँ डटे हुए थे.
घोड़ी चढ़कर बारात ले जाने के अलखराम के सपने की तारीख मुल्तवी हो गई. साल भर के लिए. वजह यह कि उनकी मंगेतर के बालिग होने में अभी साल भर बाक़ी है. ब्याह की सारी तैयारियां हो चुकी हैं. 18 जून को शादी के न्योते बांटे जा चुके हैं. अब एक हफ़्ते भर पहले इस फ़ैसले पर अलखराम के सब्र का बांध टूट गया. तहसील सभागार में ही वह फूट-फूटकर रोए. अफ़सरों ने एहतियातन अलखराम और मंगेतर से लिखित बयान लेकर बालिग होने तक शादी नहीं करने के लिए पाबंद कर दिया है.
क़रीब एक पखवाड़े से माधवगंज गाँव के अलखराम की शादी चर्चा में है. अनुसूचित बिरादरी की रूढ़ियों के ख़िलाफ़ अलखराम ने अपनी बारात में घोड़ी पर चढ़कर की अपनी साध पूरी करने के लिए हरमुमकिन जतन किए थे. इसके पहले गाँव में अनुसूचित बिरादरी का कोई भी दूल्हा ब्याह में घोड़ी नहीं चढ़ा. सोशल मीडिया पर अलखराम की शादी की चर्चा से घटनाक्रम लगातार बदलते गए. शादी के हफ़्ते भर पहले मालूम हुआ कि अलखराम की मंगेतर नाबालिग है. तब से तूफ़ान मचा हुआ था. मामले की जांच भी कुलपहाड़ के सीओ को दी गई थी.
अभी कल ही
गांव में चौपाल बैठी थी. गांव के कुछ मानिंद और अलखराम व उनके घर वाले शामिल हुए. मंगेतर की उम्र को लेकर ख़ूब बहस हुई. चौपाल का निष्कर्ष बस इतना निकला कि जांच हो जाने दो. जो रिपोर्ट आएगी, उस पर अमल होगा. इसके घंटे-दो घंटे बाद ही सोशल मीडिया पर ख़बर आ गई कि अपने आधार कार्ड में मंगेतर जब नाबालिग है तो वोटर लिस्ट में नाम कैसे? ख़बर के साथ वोटर लिस्ट भी नत्थी की गई.
उधर मंगेतर के पिता की अर्जी पर मेडिकल जाँच कराके उम्र की पुष्टि के लिए डीएम ने सीएमओ को लिख दिया. मंगेतर कल जिला अस्पताल पहुंची भी मगर देर हो जाने से जांच नहीं हो सकी.
और अब आज
तहसील सभागार में पूरा प्रशासनिक अमला जुटा. समाज कल्याण अधिकारी अशोक कुमार, महिला कल्याण अधिकारी प्रिया गुप्ता, सामाजिक कार्यकर्ता जिला बाल संरक्षण मनोज कुमारी, महोबकंठ थाने के प्रभारी सुनील तिवारी, एसडीएम सुदन अब्दुल्ला, अपर एसडीएम अरुण दीक्षित, तहसीलदार न्यायिक सुबोध मणि शर्मा, तहसीलदार कृष्णराज सिंह, नायब तहसीलदार राधेश्याम गौड़, अलखराम, उनकी मंगेतर व पिता.
इन लोगों की मौजूदगी में अफ़सरों ने अलखराम और उनकी मंगेतर को बालिग होने तक शादी न करने के लिए समझाया. कहा कि यदि धोखे में रखकर अगर शादी कर ली तो दोनों के ख़िलाफ़ मुकदमा कराना होगा. अलखराम, मंगेतर और मंगेतर के पिता से अलग-अलग लिखित बयान भी लिए गए, जिसमें उन्होंने बालिग होने तक शादी न करने का आश्वासन दिया.
पटाक्षेप
लिखित बयान के आधार पर प्रकरण का पटाक्षेप हो गया है.
-सुदन अब्दुल्ला, एसडीएम.
कवर | तहसील सभागार में अफ़सरों के सामने अलखराम और उनकी मंगेतर.
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अलखराम का घोड़ी चढ़ना माधवगंज का यादगार वाक़या होगा
…तो अलखराम को घोड़ी चढ़ने के लिए साल भर इंतज़ार करना होगा
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