रम्माण | इस बार सिर्फ़ सांकेतिक आयोजन
जोशीमठ | उत्तराखंड के सलूड़ गांव में हर साल होने वाला रम्माण उत्सव विश्व धरोहर भी है. कभी 11 दिन तो कभी 13 दिन तक मनाया जाने वाला रम्माण मेला इस बार सांकेतिक तौर पर मनाया गया. रामायण के प्रसंगों को नृत्य, मुखौटों, ढोल और दमाऊं के ज़रिये प्रस्तुति करते हैं, इसीलिए इसे रम्माण कहा गया.
यह मेला पूजा और अनुष्ठानों की शृंखला है, जिसमें सामूहिक पूजा, देवयात्रा, लोकनाट्य, नृत्य, गायन शामिल होते हैं. यह भूमियाल देवता की वार्षिक पूजा का मौक़ा भी होता है. यों डुंग्री, बरोशी, सेलंग गांवों में भी रम्माण का आयोजन होता है, मगर सलूड़ का रम्माण ज्यादा लोकप्रिय है.
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