दस्तावेज़ | टैंक मैन की याद

चीन के तियानानमेन चौक पर टैंकों की क़तार के सामने खड़े इस शख्स की तस्वीर याद है न आपको! 5 जून 1989 की इस तस्वीर में दुनिया ने प्रतिरोध की इस ख़ामोश मूर्ति को देखा और यह शख़्स ‘टैंक मैन’ के नाम से मशहूर हो गया. टैंक मैन का असली नाम, उसका पता या ठिकाना कोई नहीं जानता. इस प्रतिरोध के बाद उसका क्या हुआ, इसके बारे में कई तरह के क़िस्से हैं मगर सच किसी को नहीं पता. दुनिया को उसके वजूद का एक ही पता मालूम है – टैंक मैन की तस्वीर.

चार जून 1989 की शाम बीज़िंग के तियानानमेन चौक पर हज़ारों छात्र और नागरिक जनतंत्र की अपनी मांग को लेकर शांतिपूर्वक प्रदर्शन कर रहे थे. शाम को क़रीब सात बजे से फ़ौजियों और बख़्तरबंद गाड़ियों का आना शुरू हुआ. फ़ौज ने चौक पर घेरा डाल दिया. डेढ़-दो घंटे बीते थे कि फ़ौज ने आंदोलनकारियों पर गोलीबारी शुरू कर दी. इस ख़ून-ख़राबे में कितनी जानें गईं, इसके बारे में भी किसी को ठीक-ठीक नहीं पता. कुछ सौ या फिर कुछ हज़ार. यह वाक़या उस ख़ूनी रात के अगले रोज़ का है. बीजिंग होटल में ठहरे विदेशी फ़ोटोजर्नलिस्ट्स को बाहर जाने की मनाही थी तो वे होटल में अपने कमरे की खिड़कियों से बाहर की दुनिया का अंदाज़ा लगाने की कोशिश कर रहे थे कि यह वाक़या हुआ.

बीजिंग होटल से तियानानमेन चौक थोड़ी ही दूरी पर था. ‘टाइम’ के लिए काम कर रहे स्टुअर्ट फ़्रैंकलिन ने न्यूयॉर्क टाइम्स को बताया था – मैं और चार्ली कोल बालकनी में खड़े थे कि कहीं से गोलियों की तड़तड़ाहट सुनाई दी, साथ ही टैंकों की गड़गड़ाहट भी. हमने देखा कि तियानानमेन चौक की तरफ़ से कई टैंक हमारी ओर बढ़े चले आ रहे हैं. अचानक एक शख़्स ने टैंक के सामने खड़े होकर रास्ता रोक दिया. सफ़ेद कमीज़ और काले रंग की पतलून पहने उस शख्स के हाथ में दो शॉपिंग बैग थे. टैंक रुक गए थे. हमने देखा कि वह शॉपिंग बैग वाला अपना हाथ उठाकर पीछे की तरह इशारा कर रहा था. उस आदमी को बचाकर उसके आसपास से टैंक निकालकर आगे बढ़ने की कोशिश हर बार बेकार हुई क्योंकि वह उछलकर टैंक के सामने आ खड़ा होता. आगे वाले टैंक का इंजन बंद होता देखकर पीछे वाले टैंक के इंजन भी बंद हो गए.

शांतिपूर्ण विरोध से पैदा यह गतिरोध बना रहा. फिर देखा कि वह शख़्स टैंक के ऊपर चढ़ गया है और अंदर बैठे फ़ौजियों से कुछ बात करता सा लगा. जब वह टैंक से नीचे उतर आया तो सामने वाले टैंक को आगे बढ़ता देखकर वह फिर उछला और उसके सामने खड़ा हो गया. वीडियो फुटेज में नीली पोशाक वाले दो लोग उसे खींचते हुए पास खड़े लोगों की भीड़ में ग़ायब होते देखे जा सकते हैं, मगर वे कौन लोग थे, यह कोई नहीं जानता. किसी का कहना है कि वे बीजिंग म्युनिसिपल पब्लिक सिक्योरिटी ब्यूरो (पीएसबी) के लोग थे तो कोई कहता है कि वे भीड़ में खड़े आम लोगों में से ही थे.

स्टुअर्ट ने जो तस्वीरें बनाई थीं, उसका फ़िल्म रोल उन्होंने एक फ़्रेंच स्टुडेंट की मदद से चाय के डिब्बे में छिपाकर बाहर भेजा. स्टुअर्ट की खींची हुई इस घटना की सबसे ज़्यादा तस्वीरें ‘टाइम’ और ‘लाइफ़’ पत्रिका में छपीं. ‘न्यूज़वीक’ के लिए काम कर रहे चार्ली कोल भी उनके साथ बालकनी से तस्वीरें बना रहे थे. ये सारे लोग इस बात से बख़ूबी वाक़िफ़ थे कि उनके तस्वीरें खींचने पर पुलिस की निगाह है और इसलिए फ़िल्मों को बचाया जाना भी ज़रूरी होगा. चार्ली ने इस वाकये का फ़िल्म रोल कैमरे निकालकर पॉलीथिन में लपेटकर टॉयलेट में छिपा दिया था. पीएसबी के लोगों ने जब उनके कमरे पर छापा मारा तो तलाशी में चार्ली की दो फ़िल्में ज़ब्त करके नष्ट कर दीं, इनमें से एक में घायल प्रदर्शनकारियों की तस्वीरें थीं और दूसरी ख़ाली थी. मगर इस बहाने चार्ली वह फ़िल्म बचा ले गए, जिसमें टैंक मैन की तस्वीरें थीं. इस तस्वीर के लिए 1990 में उन्हें वर्ल्ड प्रेस फ़ोटो का अवार्ड मिला. 2003 में लाइफ़ पत्रिका ने इस फ़ोटो को ऐसी सौ तस्वीरों में शामिल किया, जिन्होंने दुनिया बदल दी.

सबसे ज्यादा छपने वाली तस्वीर ‘एसोसिएटेड प्रेस’ के जेफ़ विडनर की खींची हुई है. जेफ़ होटल की छठी मंज़िल पर थे. बक़ौल जेफ़, यह तस्वीर खींचने का मौक़ा उनके हाथ से जाते-जाते बचा. उस वक़्त गंभीर फ़्लू की चपेट में थे, उन्हें चोट लगी हुई थी और उनके पास फ़िल्में ख़त्म हो गई थीं. जेफ़ ने अपने दोस्त किर्क से कहा कि वह देखें कि कहीं से फ़िल्म मिल सकती है. किर्क ने होटल की लॉबी में मिल गए एक ऑस्ट्रेलियन बैकपैकर जॉन फ्लिटक्रॉफ्ट से पूछा कि क्या उनके पास कोई फ़िल्म है. जॉन ने बताया कि वह फ़िल्म दे सकते हैं मगर उनके होटल के कमरे तक चलना होगा, जो चौक के दूसरी तरफ़ था. किर्क ने जॉन से फ़ूजी की एक नई फ़िल्म हासिल करके ज़ेफ़ को दी. टैंक मैन की तस्वीरें इसी निगेटिव फ़िल्म पर बनीं. बाद में किर्क ने जॉन की किराये की बाइक उधार लेकर जेफ़ की खींची हुई फ़िल्म डिप्लोमेटिक कम्पाउण्ड में एपी के दफ़्तर तक पहुंचाई भी. जेफ़ की तस्वीर दुनिया भर में ख़ूब छपी-देखी गई, अगले साल यह पुलित्ज़र पुरस्कार के लिए भी नामित हुई हालांकि उन्हें यह पुरस्कार नहीं मिल सका.

रायटर्स के लिए काम रहे आर्थर त्सांग हिन वाह के तमाम तस्वीरों में से उनके दफ़्तर ने टैंक मैन की वह तस्वीर छांटी, जिसमें वह टैंक के ऊपर खड़ा है. जेफ़ की तस्वीर देखने के बाद रायटर्स स्टाफ़ ने आर्तर के निगेटिव फिर से देखे और दूसरी तस्वीरें जारी कीं. बक़ौल आर्थर, पीएसबी ने उन्हें होटल से बाहर जाने से रोक दिया था, इसलिए वह अपने कमरे में ही थे. वहीं से उन्होंने इस वाक़ये की तस्वीरें बनाईं.

कवर | जेफ़ विडनर की तस्वीर. टाइम से साभार.

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