साहित्य का नोबल पुरस्कार नॉर्वेजियन लेखक युन फ़ुस्से को

  • 11:58 pm
  • 5 October 2023

साहित्य का नोबल पुरस्कार इस बार नॉर्वेजियन लेखक युन फ़ुस्से को मिला है. रॉयल स्वीडिश अकादमी ने बृहस्पतिवार को इसकी घोषणा करते हुए कहा कि नाटकों में मौलिकता और अपने गद्य में अनकहे को आवाज़ देने की ख़ूबियों के आधार पर ज्यूरी ने उन्हें चुना. 64 वर्ष के युन फ़ुस्से ने नाटकों के साथ ही उपन्यास, कविताएं, निबंध और बच्चों के लिए भी किताबें लिखी हैं. वह लगातार अनुवाद भी करते रहते हैं. उनका लेखन अवामी ज़िंदगी की झांकी है.
नोबेल सम्मान मिलने पर युन फ़ुस्से ने कहा, “मैं अभिभूत हूं, और कुछ हद तक डरा हुआ हूँ. मैं इसे साहित्य के लिए एक पुरस्कार के रूप में देखता हूँ, जिसका सबसे पहले और सबसे महत्वपूर्ण उद्देश्य बिना किसी अन्य विचार के साहित्य होना है.”

सिक्किम में बाढ़ से अब तक 14 लोगों की मौत, 102 लापता
सिक्किम में अचानक बाढ़ आने से अब तक 14 लोगों की जान जा चुकी है और 102 लापता बताए गए हैं. ‘अमर उजाला’ के मुताबिक, प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में तीन हज़ार से अधिक पर्यटकों के फंसे होने की ख़बर है, जबकि सेना के जवान सहित लगभग 166 लोगों को अब तक बचाया जा चुका है. बाढ़ के बाद अपने घर छोड़ आने वाले लोगों के लिए 25 राहत शिविर बनाए गए हैं.

सेटेलाइट ब्लूवॉकर-3 से खगोलशास्त्रियों के अध्ययन में खलल

दुनिया भर के खगोलशास्त्री एएसटी स्पेस मोबाइल कंपनी के प्रोटोटाइप सेटेलाइलट ब्लूवॉकर-3 से परेशान हैं. यह बात इंपीरियल कॉलेज लंदन के और अन्य अंतर्राष्ट्रीय वैज्ञानिकों की टीम ने नेचर जर्नल में छपे अपने लेख में कही है. उन्होंने खगोल विज्ञान पर सेटेलाइट से होने वाले असर की विस्तार से चर्चा की है. लेख में बताया गया कि ब्लूवॉकर-3, एएसटी स्पेस मोबाइल की योजना अंतरिक्ष में सेटेलाइट का समूह स्थापित करने की योजना का हिस्सा है. ताकि वह दुनिया में कहीं भी मोबाइल या ब्रॉडबैंड सेवाएं देने में समर्थ हो सके. और भी कंपनिया हैं, जिन्होंने अपने सेटेलाइट छोड़े हैं. इनसे खगोलशस्त्रियों द्वारा रात में अंतरिक्ष अवलोकन से जुटाए गए डाटा गड़बड़ा जा रहे हैं. क्योंकि ये सेटेलाइट पृथ्वी के ज्यादा क़रीब की कक्षाओं में स्थापित हैं, आकार में बड़े हैं और इनकी चमक के कारण इनके गिर्द दूसरे तारे आदि नहीं दिखते. इनमें भी ब्लूवॉकर-3 सबसे तेज चमकता है. ‘द हिंदू’ की खबर में बताया गया है कि वैज्ञानिकों की चिंता आने वाले दशक में छोड़े जाने वाले सेटेलाइट को लेकर भी है.

अमेठी अस्पताल के लाइसेंस निलंबन के आदेश पर हाईकोर्ट की रोक

अमेठी में संजय गांधी मेमोरियल ट्रस्ट द्वारा संचालित संजय गांधी अस्पताल का लाइसेंस निलंबित करने के उत्तर प्रदेश सरकार के आदेश पर हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने रोक लगा दी है. जस्टिस विवेक चक्रवर्ती और जस्टिस मनीष कुमार की डिविजन बेंच ने कहा कि अस्पताल के ख़िलाफ़ जांच जारी रहेगी. फ़ैसले के बाद डॉक्टरों व अन्य कर्मचारियों ने अपना आंदोलन समाप्त कर दिया है. 18 सितंबर को आपरेशन के दौरान 22 साल की दिव्या शुक्ला की मौत के बाद स्वास्थ्य विभाग ने अस्पताल का लाइसेंस निलंबित कर दिया था. इसके बाद अस्पताल की ओपीडी और इमरजेंसी सेवाएं बंद हो गईं. ‘द हिंदू’ की खबर के मुताबिक, यहां रोज़ 800-900 मरीज़ इलाज़ के लिए पहुंचते रहे हैं. लाइसेंस निलंबन से वे परेशान तो थे ही, अस्पताल के स्टाफ़ और अप्रत्यक्ष रूप से अस्पताल पर आश्रित सैकड़ों लोगों की रोज़ी पर भी संकट आ पड़ा था.

आईआईटी-बी के प्रोफेसर ने कहा, भोजन में अलगाव सामाजिक बुराई
इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी बांबे (आईआईटी-बी) में जो बहस छिड़ी है, उसके पीछे एक हॉस्टल के मेस में शाकाहारी छात्रों के लिए छह अलग मेज़ें तय किया जाना है. इसके विरोध में कुछ छात्रों ने इन छह में से एक मेज़ पर मांसाहारी भोजन किया. हॉस्टल की मेस काउंसिल ने विरोध जताने वाले छात्रों पर 10 हजार रुपये का जुर्माना ठोंक दिया. एक प्रोफ़ेसर ने जुर्माने को अशोभनीय और खाने की मेज़ को लेकर इस अलगाव को सामाजिक बीमारी करार दिया. ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ की ख़बर के अनुसार, नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी की छात्र शाखा ने जुर्माना वापस न होने पर आंदोलन की चेतावनी दे डाली. आईआईटी-बी में समाजशास्त्र के प्रोफेसर सूर्यकांत वाघमोरे ने कहा कि भारतीय शाकाहारियों का शुद्धतावाद और पृथ्क्करण निश्चय ही सामाजिक बुराई है. कहा कि, इस बुराई को दूर किया जाना चाहिए लेकिन इसे किसी संस्थान का मुद्दा नहीं बनाया जाना चाहिए.

चयन-संपादन |
सुमित चौधरी

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