पेरिस ओलंपिक | लक्ष्य से चूके सेन, विनेश मुक़ाबले में

एक बार क़िस्मत फिर दगा दे गई. एक बार फिर भारतीय खिलाड़ी पदकों से निशाना चूक गए. अगर खेलों का कोई देवता होता होगा तो निश्चित ही वो भारतीय खिलाड़ियों से नाराज़ रहा होगा. वरना ऐसा कहां होता है कि हर रोज़ खिलाड़ी पदक पर निशाना साधें और सूत भर से चूक जाएं. पर भारतीय खिलाड़ियों के साथ सोमवार को भी ऐसा ही हुआ. और ऐसा पिछले कई दिनों से होता चला आ रहा है.

बैडमिंटन में निशाना चूके सेन. लक्ष्य सेन एक बार फिर बढ़त लेने के बावजूद हार गए. इस बार कांस्य पदक के मुक़ाबले में मलेशिया के ली जी जिया के ख़िलाफ़ 21-13, 16-21, 11-21 से हार गए. सातवीं वरीयता प्राप्त ली जी जिया से लक्ष्य ने पहला गेम आसानी से जीत लिया तो लगा भारत का एक पदक पक्का हो गया. लेकिन लक्ष्य अगले दो गेम हारकर मैच ही नहीं बल्कि कांस्य पदक भी गवां बैठे. बस सांत्वना यही कि लक्ष्य सेन ने ओलंपिक खेलों में पुरुष एकल बैडमिंटन में भारत का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन दर्ज किया है. इससे पहले वे सेमीफ़ाइनल में बड़ी लीड लेने के बाद भी ओलंपिक चैंपियन विक्टर एक्सेलसेन से सीधे गेमों में मैच हार गए थे.

डेनमार्क के विक्टर एक्सेलसेन ने थाईलैंड के कुनलावुत विदितसर्न को 21-11, 21-11 से हराकर अपने ओलंपिक ख़िताब की रक्षा की. दो बार के विश्व चैंपियन 30 वर्षीय शटलर ने रियो 2016 में कांस्य पदक भी जीता था. वे अब ओलंपिक में पुरुष एकल बैडमिंटन में दो स्वर्ण पदक जीतने वाले खिलाड़ियों की सूची में चीन के लिन डैन के साथ शामिल हो गए हैं.

उधर महिला वर्ग की एकल स्पर्धा में विश्व नंबर एक कोरिया की एन से यंग ने चीन की हे बिंग जियाओ को 21-13, 21-16 से हरा स्वर्ण पदक जीता. एन से यंग ओलंपिक में महिला एकल का स्वर्ण पदक जीतने वाली केवल दूसरी दक्षिण कोरियाई खिलाड़ी हैं. बैंग सू-ह्यून ने अटलांटा 1996 में स्वर्ण पदक जीता था. चीन की हे बिंग जियाओ को रजत पदक से संतोष करना पड़ा. जबकि ग्रेगोरिया मारिस्का तुनजुंग को कांस्य पदक मिला क्योंकि कैरोलिना मारिन चोट के कारण ओलंपिक से बाहर हो गयी थीं.

आज का दूसरा कांस्य पदक भारत चूका निशानेबाज़ी में स्कीट की मिश्रित टीम स्पर्धा में. इस स्पर्धा के कांस्य पदक मैच में भारतीय निशानेबाज़ महेश्वरी चौहान और अनंत जीत सिंह नरूका चीन के जियांग यितिंग और ल्यू जियानलिन से 43-44 से हार गए. यहां भी हार का अंतर एक शॉट का था. शुरुआत में ही चीन के जियांग यितिंग ने लगातार तीन हिट गंवा दिए. पर भारतीय निशानेबाज़ इसका फ़ायदा नहीं उठा सके.

इससे पहले भारतीय जोड़ी ने क्वालिफ़िकेशन राउंड में 146/150 का स्कोर बनाया. इसमें महेश्वरी ने अपने अंतिम दो राउंड में 50/50 का स्कोर बनाया. जबकि नरूका ने तीन राउंड में 25, 23 और 24 स्कोर किया. वे इस स्कोर के साथ चौथे नंबर पर रहे और कांस्य पदक मैच के लिए क्वालीफ़ाई किया.

एथलेटिक्स से जरूर एक अच्छी खबर आई. भारत के जाने-माने धावक अविनाश साबले पुरुषों की 3000 मीटर स्टीपलचेज स्पर्धा के राउंड 1 की हीट 2 में पांचवें स्थान पर रहे और फ़ाइनल के लिए क्वालीफाई करने में सफल रहे. उन्होंने सोमवार को स्टेड डी फ्रांस में 8:15.43 का समय दर्ज किया. हालांकि ये समय उनके व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ समय (8:09.91) से कम है. पर वे आराम से दौड़े क्योंकि छठे नंबर के धावक उनसे बहुत पीछे थे. इस हीट से पहले पांच धावकों को फ़ाइनल के लिए क्वालीफ़ाई करना था और उन्होंने आसानी से कर लिया. हीट 2 से साबले के अतिरिक्त फ़ाइनल के लिए मोहम्मद टिंडौफ्ट (मोरक्को), सैमुअल फायरवु (इथियोपिया), अब्राहम किबिवोट (केन्या) और रयुजी मिउरा (जापान) ने क्वालीफ़ाई किया है. साबले हीट 2 की रेस में शुरुआत में आगे थे. पर दो लैप शेष रहते हुए वह चौथे स्थान पर खिसक गए. अंतिम लैप में वह एक और स्थान पीछे हो गए लेकिन छठे स्थान पर मौजूद यूएसए क मैथ्यू विल्किंसन से काफी आगे रहे.

भारत की किरण पहल 400 मीटर दौड़ स्पर्धा के पहले दौर में हीट 5 में दौड़ी. वे 52.51 सेकेंड का समय लेकर हीट में सातवें और कुल मिलाकर 39वें स्थान पर रहीं. हालांकि वे सीधे सेमीफ़ाइनल के लिए क्वालीफ़ाई नहीं कर सकीं पर उनके पास क्वालीफ़ाई करने का अभी एक मौक़ा और है. वे अब रेपेचेज राउंड में पुनः प्रयास करेंगी.

भारत के लिए सोमवार कुश्ती में भी ख़ासा दुर्भाग्यपूर्ण दिन रहा. भारतीय पहलवान निशा दहिया महिलाओं की 68 किग्रा फ़्रीस्टाइल स्पर्धा में बेहतरीन प्रदर्शन कर रही थीं. लेकिन दुर्भाग्य उनके साथ रहा. वे क्वार्टरफ़ाइनल बाउट में कोरिया की पाक सोल गम के 8-10 से हार गईं. पिछले साल एशियाई चैंपियनशिप की रजत पदक विजेता दहिया ने गंभीर चोट लगने से 33 सेकेंड पहले दूसरे राउंड में 8-2 की आसानी से बड़ी बढ़त बना ली थी. लेकिन इसके बाद उनकी कोहनी व उंगली में चोट लग गयी और शायद कंधा भी उतर गया. इसके बावजूद वे लड़ती रहीं, लेकिन मुक़ाबला 8-10 से हार गईं. इससे पहले निशा दहिया ने राउंड ऑफ 16 मुक़ाबले में यूक्रेन की तेतियाना सोवा को 6-4 से हराया था.

भारत की विनेश फोगाट आज महिलाओं के 50 किग्रा की स्पर्धा के राउंड ऑफ़ 16 के मुक़ाबले में जापान की युई सुसाकी से भिड़ेंगी. सुसाकी शीर्ष वरीयता प्राप्त हैं और चार बार की विश्व चैंपियन भी. उनसे मुक़ाबला कड़ा होगा. यहां उल्लेखनीय है कि अपने ओलंपिक अभियान के लिए तैयार विनेश फोगाट को रियो 2016 में चोट का सामना करना पड़ा था. जिससे वह पदक की दौड़ से बाहर हो गईं थीं. विनेश आज जब मैट पर उतरेंगी तो किसी भी भारतीय महिला पहलवान की तुलना में सबसे अधिक बार ओलंपिक खेलों में हिस्सा लेने वाली रेसलर बन जाएंगी.

टेबल टेनिस से भी भारत के लिए अच्छी ख़बर है. भारत की महिला टीम ने महिला टीम स्पर्धा में राउंड ऑफ 16 में रोमानिया को 3-2 से हराया. साउथ पेरिस एरिना में श्रीजा अकुला-अर्चना कामथ की जोड़ी और मनिका बत्रा के पहले दो मैच जीतने के बाद भारत 2-0 से आगे हो गया. अगले दो मैच रोमानिया ने जीत कर मैच में जान डाल दी. लेकिन निर्णायक पांचवें गेम में मनिका बत्रा ने एडिना डायकोनू पर 11-5, 11-9, 11-9 से जीत हासिल कर भारत को अगले राउंड में पहुंचा दिया.

सेलिंग की डिंगी स्पर्धा में भारतीय सेलर विष्णु सरवनन और नेत्रा कुमानन पुरुष और महिलाओं की शुरुआती सीरीज़ के शीर्ष 10 में जगह नहीं बना सके और अपनी-अपनी स्पर्धाओं में मेडल रेस से बाहर हो गए. पुरुषों की डिंगी में, एशियन गेम्स के कांस्य पदक विजेता सरवनन आठ रेस के बाद 114 के नेट स्कोर के साथ 18वें स्थान पर रहे. महिलाओं की स्पर्धा में नेत्रा नौ रेस के बाद 155 के नेट स्कोर के साथ 21वें स्थान पर रहीं. उन्होंने शुरूआती रेस में छठे स्थान पर रहकर शानदार शुरुआत की थी. लेकिन इस प्रदर्शन को आगे भी जारी रखने में असफल रहीं.

इसके साथ ही इस ओलंपिक में भारत का सेलिंग अभियान समाप्त हो गया.

यहाँ उल्लेखनीय है कि इस ओलंपिक में लक्ष्य सेन पांचवे खिलाड़ी हैं जो कांस्य पदक से चूक गए. उनसे पहले पुरुषों की 10 मीटर एयर राइफ़ल स्पर्धा में अर्जुन बाबूता, तीरंदाज़ी मिश्रित टीम स्पर्धा में धीरज बोम्मदेवरा और अंकिता भकत, महिलाओं की 25 मीटर एयर पिस्टल स्पर्धा में मनु भाकर और स्कीट मिश्रित टीम स्पर्धा में अनंत जीत सिंह नरुका और महेश्वरी चौहान भी कांस्य पदक प्राप्त करने से चूक गए.

सोमवार को खेलों की समाप्ति पर अमेरिका पदक तालिका में शीर्ष पर बना हुआ है. उसने कुल 79 पदक जीते हैं जिसमें 21 स्वर्ण, 30 रजत और 28 कांस्य पदक शामिल हैं. अब दूसरे स्थान पर चीन आ गया है. उसने 21 स्वर्ण 18 रजत और 14 कांस्य पदक सहित कुल 53 पदक जीते हैं. जबकि मेज़बान फ्रांस तीसरे स्थान पर है. उसने 13 स्वर्ण 16 रजत और 19 कांस्य सहित कुल 48 पदक जीते हैं. भारत तीन कांस्य पदकों के साथ 60वें स्थान पर खिसक गया है.

और चलते-चलते

एक, 22 वर्षीय भारतीय निशानेबाज मनु भाकर को अब पेरिस 2024 ओलंपिक में समापन समारोह के लिए भारत के ध्वजवाहक के रूप में चुना गया है. भारतीय ओलंपिक संघ ने इस बात की पुष्टि कर दी है. इस ओलंपिक में उनका शूटिंग अभियान शानदार रहा. वे ओलंपिक में पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला निशानेबाज़ बनीं. इसके अलावा वे एक ही ओलंपिक खेलों के दो पदक जीतने वाली स्वतंत्र भारत की पहली एथलीट भी हैं.

दो, अमेरिका के नोआ लाइल्स ने पेरिस ओलंपिक में पुरुष 100 मीटर दौड़ स्पर्धा का स्वर्ण पदक जीत लिया है. इसके साथ ही वे दुनिया के सबसे तेज़ धावक बन गए है. इस दौड़ का नाटकीय अंत हुआ जिसने इस ओलंपिक के यादगार पलों में से एक का निर्माण किया. हुआ यूं कि स्लो मोशन में साफ़ दिख रहा है कि जमैका के किशन थॉम्पसन का पैर पहले लाइन के पार गया. लेकिन विजेता धावक के शरीर पार करने पर निर्धारित होता है, जो लाइल्स का पहले पार हुआ.

छह बार के विश्व चैंपियन और चार बार के डायमंड लीग फ़ाइनल विजेता यूएसए के नोह लाइल्स ने इस रेस को जीतने के लिए 9.79 सेकंड का समय लिया जो व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है. वे इस दौड़ में अविश्वसनीय रूप से, जमैका के किशन थॉम्पसन से केवल 0.005 सेकेंड से आगे रहे, जिन्होंने रजत पदक जीता था. लाइल्स के हमवतन फ्रेड केर्ली ने पोडियम को पूरा किया.

तीन, युगांडा के जोशुआ चेप्टेगी ने 10000 मीटर की दौड़ नए ओलंपिक रिकॉर्ड से जीत ली है. वे टोक्यो में रजत पदक जीत पाए थे. हालांकि टोक्यो में 5000 मीटर में उन्होंने स्वर्ण पदक जीता था. वे 5000 मीटर में मौजूदा ओलंपिक चैंपियन और 10,000 मीटर में तीन बार के विश्व चैंपियन भी हैं. वे अब युगांडा के लिए सर्वाधिक ओलंपिक पदक जीतने वाले खिलाड़ी बन गए हैं.

चार, बेल्जियम की एम्मा मेसेमन का ओलंपिक की बास्केटबॉल स्पर्धा में शानदार प्रदर्शन जारी है. उनके आल राउंड प्रदर्शन से बेलजियामंकी महिला टीम बास्केटबॉल के क्वार्टरफ़ाइनल में पहुंचभायी है. उन्होंने ग्रुप स्टेज के मैचों में लगातार सात मैचों 20 या उससे अधिक का स्कोर किया. ये एक रिकॉर्ड है.

और अंत में बात प्रकाश पादुकोण की. वे भारत के महान बैडमिंटन खिलाड़ी हैं. इस समय कोच की हैसियत से पेरिस ओलम्पिक में मौजूद हैं. लक्ष्य सेन के कांस्य पदक में हारने के बाद उन्होंने एक वक्तव्य में कहा, “मुझे लगता है कि अब बहुत हो गया है और खिलाड़ियों को ख़ुद ज़िम्मेदारी लेनी होगी. इस ओलंपिक में और पिछले ओलंपिक में आप संघों, सरकारों को अच्छे या बुरे प्रदर्शन के लिए ज़िम्मेदार नहीं ठहरा नहीं सकते. वह जो कर सकते थे, उन्होंने किया. आख़िर में खिलाड़ियों को ही जाकर प्रदर्शन करना है.”

लेकिन यहां कहना ये है कि बस सरकार संघ और कोच ने अपने हिस्से का किया तो आप ये कहना चाहते हैं कि बस खिलाड़ी ने नहीं किया. आप ख़ुद खिलाड़ी हैं. आप जानते हैं कि खिलाड़ी तो चार साल पसीना बहाता है. हाड़तोड़ मेहनत करता है. तब जाकर ओलंपिक कोटा हासिल करता है. और फिर ओलंपिक में भी बल भर प्रयास करता है, मेडल जीतने के लिए. उसकी और क्या ज़िम्मेदारी तय करना चाहते हैं. ठीक है आप उसकी ज़िम्मेदारी तय कीजिए. लेकिन 117 खिलाड़ियों के साथ 150 से भी अधिक का जो कोचिंग और सपोर्टिंग स्टाफ़ गया है, उसकी क्या ज़िम्मेदारी है. वो भी तो तय की जानी चाहिए. ख़ुद आपकी क्या ज़िम्मेदारी है, वो भी तय की जानी चाहिए. जब लक्ष्य ने तीसरी रैंक के जोनाथन क्रिस्टी को हराया तो श्रेय आपने लिया, 13वीं रैंक के प्रनॉय को हराया, तो श्रेय आपने लिया. 11वीं रैंक के चाउ तियेन चेन को हराया, तो श्रेय आपने लिया कि आप लक्ष्य के मानसिक, शारीरिक और खेल पक्ष पर काम कर रहे हैं. लेकिन वो एक पदक मैच हार गया तो ज़िम्मेदारी खिलाड़ियों को लेनी चाहिए. यानी मीठा मीठा गप, तीखा तीखा थू. जिस देश में सांसद से लेकर एक कारपोरेटर तक की कोई ज़िम्मेदारी नहीं है और न वे लेते हैं, वहां आप खिलाड़ियों को ज़िम्मेदारी लेने को कहते हैंं जो स्वयं ही अपने ख़राब प्रदर्शन पर शर्मिंदा होते हैं. आप ख़ुद खिलाड़ी रहे हैं. एक बार सोच तो लिया होता कि आप कह क्या रहे हैं!

कवर | Sandro Halank/ Wikimedia Commons
नोआ लाइल्स | इंटाग्राम

सम्बंधित

पेरिस ओलंपिक | चर्चा में चांदी

पेरिस ओलंपिक के दो ख़ास सितारे

मनु भाकर | सीन किनारे साकार हुआ सपना


अपनी राय हमें  इस लिंक या feedback@samvadnews.in पर भेज सकते हैं.
न्यूज़लेटर के लिए सब्सक्राइब करें.