इंडिया मार छलांग | खो-खो की नई लीग की शुरुआत

‘इंडिया मार छलांग’ के उद्घोष के साथ भारतीय खेल परिदृश्य पर एक नई लीग ‘अल्टीमेट खो-खो लीग’ ही छलांग लगाने नहीं जा रही है, बल्कि एक और देसी खेल ‘खो-खो’ आगे बढ़ने के लिए लंबी छलांग लगाने जा रहा है. आज यानी 14 अगस्त से ये नई लीग शुरू हो रही है. यह लीग 14 अगस्त से 04 सितंबर तक पुणे के श्री शिवछत्रपति स्टेडियम में आयोजित की जाएगी. इसमें 06 टीमें भाग लेंगी और कुल 34 मैच खेले जाएंगे.

यूं तो विश्व की पहली प्रोफ़ेशनल खेल लीग 1876 में खेलों का सम्राट (el rey de los deportes) कहे जाने वाले खेल बेसबॉल में शुरू हुई थी – मेजर लीग बेसबॉल यानि एमएलबी. उसके बाद विश्व के अनेक भागों में अनेक खेलों में लीग स्थपित हुईं. इनमें से कुछ बहुत ज़्यादा लोकप्रिय हुईं और आज भी हैं. फ़ुटबॉल में 05 से भी ज़्यादा विश्व प्रसिद्ध लीग हैं. लेकिन भारत में लीग का विचार बहुत देर से आया. कहावत है कि ‘देर आयद दुरुस्त आयद.’ 2008 में शुरू हुई आईपीएल विश्व की चौथी सबसे धनवान लीग है, जिसने इंग्लैंड की सुप्रसिद्ध प्रीमियर फ़ुटबॉल लीग को भी पीछे छोड़ दिया है. क्रिकेट की आईपीएल लीग 2008 में शुरू हुई. और केवल 14 सालों में इस लीग ने भारत में खेलों का पूरा परिदृश्य ही बदल दिया कि खेलों की लोकप्रियता और विकास के लिए लीग को एक आवश्यक शर्त बना दिया है.

भारत में लीग की स्थापना के प्रयास पिछली सदी के अंतिम दशक में शुरू हो गए थे. सन् 1996 में ऑल इंडिया फ़ुटबॉल एसोसिएशन द्वारा नेशनल फ़ुटबॉल लीग की स्थापना हुई. ये एक सेमी-प्रोफ़ेशनल लीग थी. 2007-08 के सत्र में फ़ुटबॉल को और अधिक प्रतिस्पर्धात्मक बनाने के लिए एएआईएफ़ ने इसे ‘आई-लीग’ में रूपांतरित कर दिया. इस लीग की प्रथम विजेता टीम जेसीटी फगवाड़ा और 2006-07 सत्र की अंतिम विजेता टीम डेम्पो क्लब गोआ थी.

सन् 2007-08 सत्र से आई-लीग की शुरुआत हुई. इसमें 12 क्लब खेलते हैं. सन् 2010 में एएआईएफ़ की आईएमजी-रिलायंस से 15 वर्षों के लिए 700 करोड़ का अनुबंध हुआ और 2013 में एएआईएफ़ ने रिलायंस और स्टार स्पोर्ट्स के साथ मिलकर एक नई लीग इंडियन सुपर लीग की स्थापना की. शुरुआत में इसमें आठ क्लब थे लेकिन अब बढ़कर 11 क्लब हैं. पहले तीन साल इस लीग को एएफ़ए और फीफा से मान्यता नहीं मिली. लेकिन इसकी लोकप्रियता बढ़ती रही. आई लीग के 12 फ़ुटबॉल क्लबों के संगठन इंडियन प्रोफ़ेशनल फ़ुटबॉल क्लब एसोसिएशन, एएआईएफ और रिलायंस-आईएमजी के प्रतिनिधियों के बीच लगातार बातचीत और फीफा और एएफ़सी के बीच बचाव के बाद अब आईसीएल प्रीमियर लीग और आई-लीग सेकेंड लीग के रूप में स्थापित हो गई हैं, जिनका एक साथ समानांतर आयोजन किया जाएगा. फ़िलहाल आईसीएल भारत की सबसे लोकप्रिय लीग में से एक है.

फ़ुटबॉल के बाद हॉकी में लीग शुरू हुई. सन् 2005 में इंडियन हॉकी फ़ेडरेशन प्रीमियर हॉकी लीग की शुरुआत की. पर 2008 में हॉकी फ़ेडरेशन को भ्रष्टाचार के आरोप में भंग कर दिया गया और लीग भी अपने आप ख़त्म हो गई. उसके बाद 06 टीमों के साथ हॉकी इंडिया ने 2013 में हॉकी इंडिया लीग शुरू की. जिसे 2017 में स्थगित कर दिया गया.

2008 में जब प्रीमियर हॉकी लीग बंद हो रही थी और नेशनल फ़ुटबॉल लीग नए कलेवर के साथ आई-लीग के रूप में अवतरित हो रही थी, ठीक उसी समय क्रिकेट में भारत में इसकी नियामक संस्था बीसीसीआई इंडियन प्रीमियर लीग की स्थापना कर रही थी. बीसीसीआई सबसे सुगठित और प्रोफ़ेशनल खेल संस्था थी. इसके प्रोफ़ेशनलिज़्म और भारत में क्रिकेट की लोकप्रियता ने आईपीएल को प्रसिद्धि के चरम पर पहुंचा दिया. ये लीग 08 टीमों के साथ शुरू हुई थी और पिछले सीज़न में इसकी संख्या 10 हो गई है. ये न केवल देश की सबसे लोकप्रिय लीग है बल्कि एनएफ़एल , एमएलबी और एनबीए के बाद विश्व की चौथी सर्वाधिक कमाई वाली लीग बन गई है.

आईपीएल की सफलता ने अन्य खेलों में भी लीग की स्थापना को प्रेरित किया. लेकिन कबड्डी को छोड़ कर बाकी लीग एसोसिएशन के अपने अंतर्विरोधों और फिर कोरोना के दौर में सीमित गतिविधियों के चलते बहुत लोकप्रिय या सफल नहीं हो सकीं.

इनमें से प्रो-वॉलीबॉल लीग की स्थापना 06 टीमों के साथ वॉलीबॉल फ़ेडरेशन ऑफ़ इंडिया और बेसलाइन वेंचर इंडिया ने 2019 में की. इसका पहला सीज़न 2019 में और दूसरा सीज़न फ़रवरी 2022 में हैदराबाद में खेला गया.

प्रीमियर बैडमिंटन लीग की स्थापना 2016 में बैडमिंटन एसोसिएशन ऑफ़ इंडिया ने स्पोर्टज़ एंड लाइव इंडिया लिमिटेड के साथ की. इसमें सात फ़्रेंचाइज़ी टीमें है, जिसमें दुनिया के श्रेष्ठ खिलाड़ी भाग लेते हैं और यह दुनिया की प्रमुख बैडमिंटन लीग में से है. इसके अब तक पांच सीज़न हो चुके हैं. अंतिम सीज़न 2020 में हुआ था.

प्रो कुश्ती लीग 2015 में 06 फ़्रेंचाइज़ी टीमों के साथ शुरू हुई. इसे रेसलिंग फ़ेडरेशन ऑफ़ इंडिया ने प्रो स्पोर्टिफ़ाई के साथ मिलकर शुरू किया. इसके अब तक चार सीज़न में से 2015 का पहला सीज़न मुम्बई गरुड़ और 2019 का अंतिम सीज़न हरियाणा हैमर्स ने जीता था.

अल्टीमेट टेबल टेनिस लीग की स्थापना 2017 में इलेविन स्पोर्टस और टेबल टेनिस फ़ेडरेशन ऑफ़ इंडिया ने 06 फ़्रेंचाइज़ी टीमों के साथ शुरू की और 2017, 2018 और 2019 में तीन सीज़न हुए.

2014 में प्रो कबड्डी लीग की स्थापना 08 टीमों के साथ हुई. 2017 में इसमें चार और टीमों को शामिल किया गया और अब कुल 12 टीमें हैं. कोरोना के चलते केवल इसका 8वां सीज़न रद्द किया गया. 2022 के सीज़न का ड्राफ्ट हो चुका है. 2014 में कबड्डी लीग शुरू करने का निर्णय कबड्डी के भाग्य को बदल देता है. यह आईपीएल के बाद सबसे लोकप्रिय लीग बन गई है. पहले सीज़न में ही इसे 43.2 मिलियन दर्शक मिले जो अब 55 मिलियन से ज़्यादा पहुंच चुके हैं. लीग ने इसे केवल लोकप्रिय ही नहीं बनाया. बल्कि इसका चरित्र ही बदल दिया. किसी समय का ये गंवईं खेल अब इलीट खेल के रूप में बदल गया है.

किसी समय मिट्टी पर नंगे पैर खेले जाने वाला खेल अब शानदार मैट पर ब्रांडेड जूते पहनकर खेला जाने वाला खेल बन गया है. इसमें अब पैसा और ग्लैमर दोनों का समावेश हो गया है. अब इसमें खिलाड़ी करोड़ों रुपये कमा रहे हैं. 2022 के ड्राफ्ट में पवन कुमार सहरावत को 2 करोड़ 423 लाख मिले. उसने अब अपने खिलाड़ियों के करोड़पति बनने के सपने को हक़ीक़त में बदल दिया है. कम से कम 5 खिलाड़ी ऐसे हैं, जिन्हें करोड़ से अधिक मिले. इसके खिलाड़ी क्रिकेट या फ़िल्मी सितारों की तरह स्टारडम का स्टेटस पा रहे हैं. अब इसके खिलाड़ी शानदार हेयर और बेयर्ड कट में दिखाई देने लगे हैं.

अब एक और देशी खेल खो-खो की लीग शुरू हो रही है. इसका ड्राफ्ट जुलाई में पूरा हो गया था. और आज से मुकाबले शुरू हो रहे हैं. इस लीग को खो-खो फ़ेडरेशन ऑफ़ इंडिया द्वारा डाबर इंडिया के साथ 06 फ्रेंचाइजी टीमों के साथ शुरु किया गया है. ये टीमें हैं – केएलओ स्पोर्ट्स के स्वामित्व वाली चेन्नई क्विक गन्स, जी एम आर स्पोर्ट्स की तेलुगु योद्धाज़, ओडिशा प्रदेश सरकार की ओडिशा जॉगरनॉट्स, कापरी ग्लोबल्स की राजस्थान वारियर्स और अडानी स्पोर्ट्सलाइन की गुजरात जायंट्स.

पिछले महीने हुई नीलामी में देश भर के कुल 240 खिलाड़ियों को चार ग्रुप में बांटा गया था. ग्रुप ए में सर्वश्रेष्ठ 77 खिलाड़ियों को रखा गया था, जिनका बेस प्राइज 5 लाख था. इनमें प्रमुख थे – वाइकर, आंध्र पदेश के पोथिरेड्डीसिवारेड्डी, तमिलनाडु के एम विग्नेश, कर्नाटक के एम के गौतम. महाराष्ट्र के महेश शिंदे पहले चुने जाने वाले खिलाड़ी थे जिन्हें क्विक गन्स चेन्नई ने लिया. कुल 143 खिलाड़ी ड्राफ्ट किए गए हैं.

जब ये लीग शुरू होगी तो कुछ ख़िलाडियों पर सबकी विशेष नज़र रहेगी. देश के सर्वश्रेष्ठ ऑल राउंडर और पोल डाइवर सिवारेड्डी गुजरात टीम में हैं. वाइकर तेलुगु योद्धाज़ के पास हैं तो एम के गोतम ओडिशा के पास. विग्नेश चेन्नई टीम में हैं. इसके अलावा चेन्नई के अमित पाटिल, गुजरात जायंट्स के रंजन शेट्टी और अनिकेत पोटे, मुम्बई ख़िलाडीज़ के विजय हज़ारे और राजेश कुमार, ओडिशा के दीपेश मोरे और मिलिंद, राजस्थान के अक्षय भारत मजहर जमादार और तेलुगु के प्रज्वल का शानदार खेल भी आपको देखने को मिलेगा.

दरअसल खो-खो खेल में भी कबड्डी की तरह सफल होने के सभी गुण है. इसमें गति है, एक्शन है और सबसे बड़ी बात एक्शन में एक कंटीन्यूटी है जिसमें विश्राम के लिए कोई जगह नहीं है. एक प्लस ये भी की ये एक बहुत ही कम समय में ख़त्म होने वाला खेल है.

इस खेल को आसानी से फॉलो किया जा सकता है. उन लोगों द्वारा भी जिन्होंने इसको नहीं देखा है और इसके बारे में कुछ नहीं जानते हैं. प्रत्येक टीम में 9-9 खिलाड़ी होते हैं. एक टीम चेज़र होती है और दूसरी रनर. चेज़र टीम के 8 खिलाड़ी दो पोल के बीच निर्धारित समान दूरी पर पर बैठे होते हैं और नवां चेज़र एक्टिव रहता है. रनर टीम के खिलाड़ी तीन-तीन के ग्रुप में मैदान पर पर आते हैं. जब चेज़र टीम द्वारा पहले ग्रुप के तीनों को आउट कर दिया जाता है तो दूसरा ग्रुप आता है.इस तरह ये क्रम चलता रहता है. मैच दो पारियों का होता है. प्रत्येक पारी नौ मिनट की होती है. जो टीम विपक्षी टीम के ज़्यादा खिलाड़ियों को आउट करता है, वो जीत जाती है.

इस बार कुल 34 मैच होंगे. नॉक आउट चरण प्ले ऑफ़ प्रारूप में खेला जाएगा, जिसमें क्वालीफ़ायर और एलिमिनेटर शामिल होंगे.

मिट्टी पर खेला जाने वाले ये खेल भी अब विशेष रूप से विकसित कृत्रिम मैट पर और डिजायनर ड्रेस में खेला जाएगा. उम्मीद की जानी चाहिए जिस तरह से ‘ले पंगा’ के उद्घोष के साथ कबड्डी अपने जलवे बिखेर रही है खो-खो भी ‘इंडिया मार छलांग’ के उद्घोष के साथ इतनी लंबी छलांग लगाएगा कि किसी के हाथ न आएगा.


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