जौनपुर | आज हिंदी भवन के अजय कुमार सभागार में स्मृति सभा ‘याद-ए-अजय कुमार’ का आयोजन जन संस्कृति मंच द्वारा किया गया. इस आयोजन में उत्तर प्रदेश के कई शहरों से उनके चाहने वाले [….]
प्रयागराज | मूर्धन्य रंगकर्मी रतन थियाम की स्मृति में यूनिवर्सिटी थियेटर की ओर से स्वराज विद्यापीठ में आयोजित स्मृति-सभा में मणिपुर दूरदर्शन द्वारा रतन थियाम पर निर्मित वृत्तचित्र का प्रदर्शन किया गया और उनके कृतित्व पर चर्चा करके उन्हें याद किया गया.
इस मौक़े पर जुटे विद्यार्थी वृतचित्र देख कर रतन थियाम के निर्देशन और [….]
प्रयागराज | कवि और चिंतक प्रो. बद्रीनारायण मानते हैं कि शिशिर सोमवंशी की कविताओं की वाचिकता इसकी शक्ति है. श्रवण और वाचन कविता के और तरह के अर्थ खोलते हैं. कविता बहु अर्थ देने वाली विधा है. उनका ताज़ा संग्रह भी इसी की पुष्टि करता है.
शिशिर सोमवंशी की कविताओं के संग्रह ‘शायद तुमने हो पहचाना’ के लोकार्पण [….]
यूं तो खेल की समाप्ति के बाद जीत की ख़ुशी और हार के ग़म को मैदान का आधा-आधा हिस्सा शेयर कर लेना चाहिए. लेकिन ऐसा होता नहीं है. जीत के रंग इस क़दर प्रबल और चमकीले होते हैं कि हार के रंग स्वतः निस्तेज और क्षीण हो जाते हैं कि उनकी उपस्थिति या तो महसूस नहीं होती या फिर उसका हल्का-सा आभास भर होता है. लेकिन कोई [….]
नई दिल्ली | हिन्दी कविता की युवतम पीढ़ी में पार्वती तिर्की का स्वर अलग से पहचाना जा सकता है. उनकी कविताओं में आदिवासी जीवन-दृष्टि, प्रकृति और सांस्कृतिक स्मृतियों का वह रूप सामने आता है, जो अब तक मुख्यधारा के साहित्य में बहुत कम दिखाई देता रहा है. झारखंड के कुडुख आदिवासी समुदाय से आनेवाली कवि पार्वती तिर्की को उनके [….]
आपके पास हज़ारों तमगे हो सकते हैं,पर कोई एक तमगा आपके गले में शोभायमान नहीं होता है. हज़ारों जीत आपके खाते में होती हैं, पर कोई एक जीत आपके हाथों से फिसल-फिसल जाती है. और वो एक छूटा तमग़ा, वो बाक़ी रही एक जीत आपकी सबसे बड़ी चाहना बन जाती है, उम्र भर की सारी उपलब्धियों पर भारी पड़ती जाती है. अंततः उस [….]
बीते रविवार को फ़्रेंच ओपन के पुरुष वर्ग के फ़ाइनल मैच के बाद की एक वीडियो वायरल हो रही है. इस वीडियो में विजेता कार्लोस अल्काराज सेंटर कोर्ट पर बॉल किड्स के साथ जीत का जश्न मनाते दिख रहे हैं. वे भालू जैसी चाल में किशोरों के समूह के पास आते हैं,उनसे मिलते हैं,उनके साथ उछलते कूदते हैं,गाते हैं,और खुशी से चिल्लाते हैं. ख़ुशी [….]
दुनिया भर के खेल मैदान दुनिया की सबसे ख़ूबसूरत जगहों में से होते हैं. घोर प्रतिद्वंद्विताओं और भीषण संघर्षों के वातावरण में भी इन मैदानों में सद्भाव, मैत्री और प्रेम की भीनी-भीनी ख़ुशबू जो फैली रहती है. ये खेल मैदान ही होते हैं, जहां हर जीत के बाद भी गले मिलने के दृश्य नमूदार होते हैं और हर हार के बाद भी. आंखें सबकी बहती हैं जीत में भी, [….]
नई दिल्ली | बानू मुश्ताक़ के कहानी-संग्रह को अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार से सम्मानित किया जाना सभी भारतीय भाषाओं के लिए एक ऐतिहासिक उपलब्धि है. यह गौरवपूर्ण क्षण भारतीय भाषाओं की गहन रचनात्मकता, उनकी वैश्विक संभावनाओं और अनुवाद के माध्यम से उन्हें अंतरराष्ट्रीय मंच तक पहुँचाने की अद्भुत क्षमता पर गंभीरता से विचार करने की ओर [….]