वह खड़ा हो गया. शायद पैकेट से अंदाजा लगा चुका था. और बिना देर किए कहने लगा कि मांगता नहीं हूं दीदी, राशन में केवल चावल मिला है. और डेढ़ महीना होने को आया, ऑटो खड़ा है, कोई काम नहीं. एक पैकेट मिल जाएगा क्या? [….]
अंबरांत ..# अर्थात क्षितिज . क्षितिज – एक बिंदु, ऐसा स्थान, जहां पर धरती और अम्बर मिलते हुए प्रतीत होते है, किन्तु जिसकी कोई सीमा नहीं होती या यूं कह सकते हैं कि जो अनंत हो.. कल्पना और यथार्थ दोनों ही जहां पर एक होते हुए प्रतीत होते हैं, वही क्षितिज, वही अंबरांत ही तो होती है, कला. है न! [….]