वह इस समय दूसरे कमरे में बेहोश पड़ा है. आज मैंने उसकी शराब में कोई चीज़ मिला दी थी कि ख़ाली शराब वह शरबत की तरह गट-गट पी जाता है और उस पर कोई ख़ास असर नहीं होता. आँखों में लाल डोर-से झूलने लगते हैं, माथे की शिकनें पसीने में भीग कर दमक उठती हैं, होंठों का ज़हर और उजागर हो जाता है, [….]