इस देश के तमाम लोगों की तरह मुझे भी यक़ीन हो रहा है कि इस देश के भविष्य का निर्माण करने का काम सिर्फ़ फ़िल्मों का है. जैसा संदेश लोगों में पहुंचाना हो, वैसी फ़िल्म बनाकर लोगों को दिखला दीजिए – बस, दुनिया अपने-आप बदलती चली जाएगी. इधर जैसे ही मुझे फ़िल्मों के जरिए यह संदेश मिला, कि ‘समाज को बदल डालो’, तैसे ही मैंने अपनी समाज-सेवा को अधिक गहरे स्तर पर करने का फ़ैसला कर लिया, [….]