वह अपनी मोहिनी सूरत की कशिश, अलग रंग की हाज़िर जवाबी, अपनी आंखों की मुरव्वत, अपने लहजे की मिठास, अपनी ग़ुफ़्तगू की मौसिक़ी, अपनी मुस्कुराहट के सुकून, अपने ख़ानदान की इज़्ज़त, अपने दिल की आसमान की सी बेइंतहा गुंजाइश, [….]