शादी न सही, ‘रोका’ के लिए घुड़चढ़ी कर सकते हैं अलखराम
महोबा | माधवगंज गाँव में अलखराम के ब्याह को लेकर शुरू हुई हलचलें अभी थमी नहीं है. अब ख़बर यह है कि अनुसूचित बिरादरी के अलखराम चाहें तो कल घोड़ी चढ़ सकते हैं. अफ़सरों के साथ ही गांव के लोग भी सहयोग करेंगे.केंद्रीय अनुसूचित जाति आयोग की सदस्य और पूर्व सांसद अंजू बाला ने अफ़सरों को इस आशय के निर्देश दिए हैं.
अलखराम की मंगेतर के नाबालिग होने की वजह से 18 जून को प्रस्तावित ब्याह टाल दिया गया था. पूर्व सांसद ने सुझाया है कि दोनों के घर वाले चाहें तो 18 जून यानी कल ‘रोका’ (इंगेजमेंट) की रस्म कर सकते हैं. इसके लिए अलखराम घोड़ी पर चढ़कर जा भी सकते हैं.
इस रस्म के बारे में दोनों परिवारों की रज़ामंदी के बारे में अभी कुछ पता नहीं चल सका है. सबको बस इतना पता है कि अगर मंगेतर की उम्र को लेकर बात न बिगड़ होती तो शादी की तैयारियों के बीच अलखराम को घुड़चढ़ी का अपना इरादा मुल्तवी न करना पड़ता.
अलखराम ने राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग की सदस्य डॉ. अंजू बाला को बताया कि प्रशासन की बैठक में उनकी बात सुनी ही नहीं गई. न ही मंगेतर की उम्र की पुष्टि के लिए मेडिकल जांच कराई गई. मंगेतर बालिग है और उसने इस बार के पंचायत चुनाव में वोट भी दिया है. कहा कि अफ़सरों के डर से उन्हें शादी साल भर तक टालने का फ़ैसला लेना पड़ा. उनसे कहा गया था कि नाबालिग लड़की से शादी करोगे तो जेल जाओगे.
डॉ.अंजू बाला के साथ पूरा अमला आज माधवगंज पहुंचा तो पूरे गांव में मारे कौतूहल के लोग आगे-पीछे दौड़ पड़े. कौतूहल इसलिए भी कि तमाम लोग पहले से न डॉ. अंजू बाला को जानते थे, न ही यह कि अनुसूचित जाति आयोग दरअसल है क्या.
डॉ.अंजू बाला की गाड़ी सीधे अलखराम के घर जाकर रुकी. कार्यक्रम पूर्व घोषित था, सो स्वागत का इंतज़ाम भी पहले से था. डॉ.अंजू के साथ राज्य अनुसूचित जाति आयोग के सदस्य तरुण खन्ना भी थे.
डॉ.अंजू ने अंदर कमरे में अलखराम के माता-पिता और से बात की. उनके बयान भी लिए. लेकिन यह सब जानने से पहले अलखराम की मंगेतर के गांव बीहट का हाल भी सुनते चलिए.
ठीक वैसे ही, जैसे माधवगंज में. अंजू दीदी की गाड़ी रुकते ही जिज्ञासु पीछे हो लिए. हालांकि ऐसे लोगों को दीदी के आसपास नहीं जाने दिया गया. डॉ. अंजू ने अलखराम की मंगेतर से बात की, आधार कार्ड देखा, वोटर लिस्ट पर भी नज़र डाली. फिर बोलीं – लग तो रहा है कि लड़की की उम्र शादी लायक़ है.
उन्होंने लड़की के पिता और मां से भी पूछताछ की. पिता ने साफ कहा कि 20 से कम की नहीं है. लड़की ने ख़ुद कहा, अभी ग्राम पंचायत के चुनाव में मतदान किया है. मेरे दो बड़े भाई हैं. जिनकी उम्र 22-23 साल है. शादी की पूरी तैयारी कर ली थी. रिश्तेदार भी आ गए थे, मगर अड़ंगा लग गया.
ठीक यही बात अलखराम के घर हुई. मां की आंखों से झर-झर आंसू बहे. बोलीं – मेरे बेटे को ख़तरा है. कुछ लोग हैं, जो नहीं चाहते कि शादी हो. पिता गयादीन ने कहा – कुछ लोगों को अलखराम का घोड़ी पर बारात निकालना अपनी तौहीन लग रही है.
डॉ.अंजू ने बाहर आकर गांव के लोगों से भी बात की. लोगों ने कहा कि अलखराम के घोड़ी चढ़ने में उन्हें कोई समस्या नहीं. वे सब शादी में सहयोग करेंगे. डॉ. अंजू ने आश्वस्त किया कि हर पहलू पर जांच की जाएगी. कोई भी दोषी मिलेगा, उसके ख़िलाफ़ कार्रवाई ज़रूर की जाएगी. ज़रूरत पड़ी तो लड़की का मेडिकल भी कराया जाएगा.
बाद में महोबा जाकर उन्होंने डीएम सत्येंद्र कुमार और एसपी सुधा सिंह के साथ बैठक की. कहा कि अलखराम के घर वालों से बात की जाए. अगर वे चाहें तो 18 जून को तय शादी के दिन रोका का कार्यक्रम कर सकते हैं, जिसमें अलखराम घोड़ी चढ़कर लड़की के घर जा सकता है.
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