6 मई | कुछ दास्तानें हैं, जो तस्वीरों में ही कही जाती हैं

अल्मोड़ा | लाट गांव की एक शादी में दुल्हन की कोरोना जाँच रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद खलबली मच गई. घर वाले कुछ सोच पाते इसके पहले बारात बीकानेर से आ पहुंची.

आपस में तय करके शादी का इंतज़ाम घर से कुछ दूरी पर एक खेत में किया गया. दूल्हा-दुल्हन और दोनों पंडितों ने पीपीई किट पहनकर सारी रस्में पूरी कीं. तय हुआ कि विनीता की विदाई नहीं होगी और उनके क्वांरटीन का समय पूरा होने के बाद भूपेंद्र आकर ले जाएंगे.


यह तस्वीर टुंडला के ठार गोला गाँव की है.

और ये बागेश्वर में गलई गाँव के लोगों की.
इन दोनों तस्वीरों के बारे में कुछ और बताने की ज़रूरत लगती है क्या?


नौगढ़ से आई यह तस्वीर नज़ीर है कि आवश्यकता किस तरह आविष्कार की जननी है!! वहाँ परसहवां और शमशेरपुर गांव में नौ मई को पुनर्मतदान है. मुर्ग़ पार्टी करने वाले चार लोगों को पुलिस ने जेल भेज दिया. कोरोना कर्फ़्यू है तो भीड़ जुटाकर प्रचार करने से बच रहे हैं. ऐसे में यह तरक़ीब दूसरे प्रत्याशियों को नागवार लगी है. उन्होंने एतराज करते हुए अफ़सरों से शिकायत की है. और प्रत्याशी का कहना है कि चुनाव आयोग की नियमावली में ऐसा कोई नियम नहीं है जो प्रचार के लिए आवारा कुत्तों का इस्तेमाल करने से रोकता हो.

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