7 मई | कुछ दास्तानें हैं, जो तस्वीरों में ही कही जाती हैं
पिथौरागढ़ | व्यास घाटी को जोड़ने वाली कैलाश मानसरोवर सड़क खुल गई है. घाटी की तवाघाट-लिपुलेख सड़क में बुंदी से छियालेख तक 25 से ज़्यादा मोड़ हैं. बूंदी और छियालेख का यह मोड़ इनमें सबसे खतरनाक था. बीआरओ के मजदूरों ने दिन-रात काम करके सड़क को चौड़ा भी किया है.
गोरखपुर | बहरामपुर इलाक़े में स्त्रियों का यह समूह महामारी से बचाव के लिए पूजा कर रहा है.
गोरखपुर | किन्नर महामंडलेश्वर किरन नन्द गिरी ने कोरोना के प्रकोप से यजमानो की रक्षा के लिए मंगलवार से तीन दिन का निराजल व्रत रखा. शुक्रवार को पीपीगंज के काली मंदिर में हवन और पूजा-पाठ के साथ व्रत का पारायण किया.
धारचूला | सीबीटीएस (क्लाइम्बिंग बियॉँण्ड द समिट्स) की छह सदस्यों की टीम मनाली से पर्वतारोहण का बेसिक कोर्स करके लौटी आई है. ये मेनका गुंज्याल, कला बराल, मनीषा, माधुरी, मीनाक्षी रावत और द्रौपदी रौकली हैं, जो सितंबर में होने वाले ऑल विमेन एक्सपीडिशन टीम का हिस्सा होंगी. यह टीम भागीरथी चोटी की चढ़ाई करेगी.
ऊना | बंगाणा के नीरज ब्याह करने चंडीगढ़ जा रहे हैं. कोरोना गाइडलाइंस में हालांकि बीस लोगों की बारात की इज़ाजत है, लेकिन उनकी बारात में तीन लोग ही हैं – माँ-पिता और एक रिश्तेदार. बक़ौल नीरज, महामारी की वजह से उन्होंने पिछले साल भी शादी स्थगित कर दी थी.
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