वर्ल्ड प्रेस फ़ोटो ने निक यूट का क्रेडिट निलंबित किया

कृत्रिम बुद्धिमत्ता के शोर के बीच, कैमरे और फ़ोटोजर्नलिज़्म की ज़रूरत ख़त्म मान लेने वाली दुनिया में ताज़ा बवंडर वर्ल्ड प्रेस फ़ोटो के उस फ़ैसले को लेकर खड़ा हुआ है, जिसमें उन्होंने दुनिया भर में ‘नापाम गर्ल’ के नाम से पहचानी जाने वाली तस्वीर ‘द टेरर ऑफ वॉर’ के लिए निक यूट का श्रेय निलंबित कर दिया है. 8 जून, 1972 को बनाई हुई इस तस्वीर को लेकर विवाद की शुरुआत इस साल जनवरी में सनडांस फ़िल्म उत्सव में दिखाई गई सेवेन फ़ाउण्डेशन की डॉक्यूमेंट्री ‘द स्ट्रिंगर’ से हुई, जिसमें दावा गया है कि यह तस्वीर एसोसिएटेड प्रेस के फ़ोटोग्राफ़र निक यूट ने नहीं, बल्कि वियतनाम के फ़्रीलांस फ़ोटोग्राफ़र गुयेन थान्ह न्हे ने खींची थी. निक यूट को इस तस्वीर के लिए 1973 में वर्ल्ड प्रेस फ़ोटो ऑफ़ द ईयर और पुलित्ज़र अवार्ड भी मिला था.
वर्ल्ड प्रेस फ़ोटो की कार्यकारी निदेशक ने जौमाना एल ज़ीन खोरी ने अपने वक्तव्य में कहा है कि वर्ल्ड प्रेस फ़ोटो की सबसे सार्थक भूमिका अंतिम निर्णायक या बिचौलिये के तौर पर काम करना नहीं है, बल्कि मुश्किल और ईमानदार संवाद के लिए मंच बनना है.‘द स्ट्रिंगर’ के हवाले से उन्होंने लिखा है यह फ़िल्म, फोटोग्राफ़र के तौर पर निक यूट को श्रेय दिए जाने पर संदेह जताती है और इस बात के पुख़्ता सबूत पेश करती है कि फ़ोटो एपी के लिए काम करने वाले वियतनामी स्ट्रिंगर गुयेन थान्ह न्हे की बनाई हुई हो सकती है.
उन्होंने लिखा, ‘हमने अपने विश्लेषण के निष्कर्षों और एपी की अपनी गहन आंतरिक जाँच दोनों की गहन समीक्षा की. यह मूल्यांकन सच समझने के इरादे से किया, न कि आरोप लगाने के इरादे से.’
डॉक्युमेंट्री के प्रदर्शन के बाद एसोसिएटेड प्रेस ने अपनी ओर से जाँच की और यह निष्कर्ष निकाला कि चूँकि इस बात का कोई पक्का सबूत नहीं है कि तस्वीर निक यूट ने नहीं ली है, इसलिए फ़ोटोग्राफ़र का श्रेय उन्हें ही दिया जाना चाहिए.
वर्ल्ड प्रेस फ़ोटो ने जो दो फ़ैसले लिए हैं, उनमें से एक यह है कि आधिकारिक तौर पर ‘द टेरर ऑफ़ वॉर’ का निक यूट का श्रेय तब तक निलंबित रहेगा, जब तक कि इसकी पुष्टि या खंडन वाला कोई और साक्ष्य नहीं मिल जाता है. दूसरा यह कि फ़ोटोग्राफ़ के साथ टिप्पणी में इसका साफ़ ज़िक्र करने के साथ यह भी लिखा होगा कि फ़ोटोग्राफ़ अपने आप में निर्विवाद है, और फ़ोटोग्राफ़ को मिला पुरस्कार बरकरार है.
हालाँकि निक यूट के प्रशंसकों ने ‘द स्ट्रिंगर’ के प्रदर्शन के बाद से ही इसे मानहानि ठहराते हुए इसके ख़िलाफ़ संघर्ष की तैयारी कर ली थी. फ़ेसबुक के निक यूट फैंस पेज पर 20 फ़रवरी की एक पोस्ट में डेविड केनर्ली ने ‘सपोर्ट निक यूट्स फंड टु फ़ाइट हिज़ डिफ़ेमेशन’ का ब्योरा दे रखा है.
मार्च 2018 में, निक पहली बार भारत आए थे, और तिरुवनंतपुरम् में इंटरनेशनल प्रेस फ़ोटोग्राफ़ी फ़ेस्टिवल में शरीक भी हुए थे. फ़ोर्ब्स इंडिया के लिए जशोधरा बनर्जी को दिए एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा था – आय टुक द पिक्चर दैट चेण्ड द वॉर.
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