पेरिस में अंजाम को पहुंची सात प्रेम-कहानियाँ

खेल मैदान खिलाड़ियों के कौशल और प्रतिभा प्रदर्शन के मंच होते हैं. और इसका सबसे बड़ा मंच है ओलम्पिक खेल. ओलम्पिक खेलों का लक्ष्य ही सिटियस, अल्टियस, फोर्टियस है. क्या ही कमाल है कि और तेज़, और ऊँचा, और मज़बूत बनने के इस यज्ञ में आहुति देते हुए भी खिलाड़ियों के हृदय में बहती प्रेम की धारा सूखती नहीं है.

फिर ये खेल ‘प्रेम के शहर’ पेरिस में हो रहे हों तो बात ही क्या है. एक ऐसा शहर जिसकी प्रेम की एक ऐतिहासिक परंपरा रही हो. एक ऐसा शहर जिसका साहित्य, कला, वास्तु, संस्कृति सब मिलकर शहर में अद्भुत रूमान पैदा करते हों. एक ऐसा शहर जो अनगिनत रोमांटिक उपन्यासों, कहानियों और फ़िल्मों का बैकड्रॉप रहा हो. शहर जो एमिल जोला का है. शहर जो फ्रेडरिक बैरन का है. शहर जो क्लेयर कीटो का है. शहर जो मेरी एंटोनेट और लुई चौदहवें के प्रेम का है. शहर जिसमें प्रेम का प्रतीक बन चुका एफ़िल टावर हो. शहर जिसमें प्रेम का पुल पोंट डेस आर्ट्स हो, जिस पर खड़े होकर प्रेमी अपने प्रेम को ताला लगाकर हमेशा के लिए सुरक्षित रखने की कामना करते हों और जिसका नाम ही लव लॉक ब्रिज पड़ गया हो. शहर जिसमें मोंटमार्टे जैसा कोई रूमानी इलाका हो और उसके केंद्र में एक प्रेम की दीवार ‘ले मूर डेस जे टाइमे’ हो, जिस दुनिया की अढ़ाई सौ से भी ज्यादा भाषाओं में तीन शब्दों को ही बार बार लिखा गया हो आमी तोमाको भालोबाशी.

एक ऐसा शहर-ए-मोहब्बत जहां दुनिया भर के प्रेमी अपनी मोहब्बत का इज़हार करने आते हों. उस शहर में दुनिया के कोने-कोने से सद्भाव और मैत्री का संदेश लाए खिलाड़ियों को अगर प्यार न हो जाता तो फिर क्या होता. और क्या वजह रही होगी कि इस शहर में इन खेलों के दौरान एक नहीं, दो नहीं, बल्कि दुनिया भर के खिलाड़ियों के सात जोड़ों ने अपने साथियों को प्रपोज़ किया.

क्या ही ख़ूबसूरत वे दृश्य रहे होंगे, जो खेलों की दुनिया को रूमानी रंगों से सराबोर कर रहे थे.

दृश्य एक
ये इश्क़ नहीं आसाँ इतना ही समझ लीजे
इक आग का दरिया है और डूब के जाना है

जिगर मुरादाबादी.

ये जुलाई की चौबीसवीं तारीख़ थी. अभी भी ओलंपिक खेलों के औपचारिक उद्घाटन में दो दिन बाक़ी थे. हां, कुछ खेलों के मुक़ाबले ज़रूर शुरू हो गए थे. फ़ुटबॉल और रग्बी के. अगले दिन हैंडबॉल के मुक़ाबले भी शुरू होने थे.

समय गोधूलि की बेला. जगह पेरिस का खेल गांव. अर्जेंटीना की पुरुष हैंडबाल टीम और महिलाओं की हॉकी टीम के खिलाड़ी एक जगह इकट्ठे हैं. अचानक पाब्लो सिमोनेट घुटने के बल बैठते हैं और अपनी फियांसे हॉकी खिलाड़ी मारिया कैंपॉय का हाथ पकड़ विवाह प्रस्ताव रखते हैं. मारिया चौकती हैं और फिर इस प्रस्ताव को स्वीकार कर लेती हैं. वातावरण में प्रेम की नमी घुल जाती है. आठ सालों से पल रही प्रेम कथा के रंग कुछ और गाढ़े हो जाते हैं.

खेलों से पहले प्रेम का उत्सव शुरू हो जाता है. खेलों के उत्साह और उमंगों पर प्रेम का रंग भी चढ़ जाता है.

दृश्य दो
मोहब्बत में नहीं है फ़र्क़ जीने और मरने का
उसी को देख कर जीते हैं जिस काफ़िर पे दम निकले

मिर्ज़ा ग़ालिब

तारीख़ दो अगस्त की. समय गहराती रात. स्थान ला चैपल अरीना. चीन की बैडमिंटन खिलाड़ी हुआंग या क्वॉन्ग अपने साथी झेंग सिवेई के साथ दक्षिण कोरिया की किम वोन हो और जियांग ना यून के विरुद्ध मिश्रित युगल का फ़ाइनल मैच आसानी से 21- 08,21- 11 से जीत लेती हैं. दर्शकों में हुआंग या क्वांग के फियोंसे बैडमिंटन खिलाड़ी चीन के लियू यू चेन मैच देख रहे होते हैं. वे अपनी सीट से उठते हैं और अपनी मित्र हुआंग के सामने पहुंचते हैं. बधाई के लिए पहले गुलदस्ता भेंट करते हैं और फिर घुटनों के बल बैठकर उन्हें प्रस्तावित करते हैं और इंगेजमेंट रिंग उनकी अंगुली में पहना देते हैं. पूरा अरीना ख़ुशी से भर जाता है. प्रेम के रंग और गाढ़े होते जाते हैं.

प्रेम में डूबी हुआंग स्वर्ण पदक के साथ साथ इंगेजमेंट रिंग को भी लेकर घर वापस लौटती हैं.

दृश्य तीन
इक लफ़्ज़-ए-मोहब्बत का अदना ये फ़साना है
सिमटे तो दिल-ए-आशिक़ फैले तो ज़माना है

जिगर मुरादाबादी

तारीख़ 10 अगस्त. स्थान पोर्ते दे ला चैपल अरीना जहां चीन के लियू यू चेन ने हुआंग को प्रस्तावित किया था. बस फ़्लोर बदला हुआ था. यह बैडमिंटन कोर्ट की जगह लयबद्ध जिमनास्ट का फ़्लोर था.

इटली की लयबद्ध जिमनास्ट एलेसिया मौरेली का वो सपना पूरा हो रहा था जिसे वे बचपन से देखा करती थीं और उसके चित्र बनाया करती थीं. बचपन में उनसे उनके सबसे बड़े सपने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने ओलंपिक रिंग्स के अंदर स्प्लिट्स करते हुए खुद की एक तस्वीर बनाई थी.

हो भी क्यों न जो तस्वीर वे खुद बनाया करती थीं, उन्हें आज दुनिया भर के फ़ोटोग्राफ़र जो उतार रहे थे. उन्होंने लयबद्ध जिम्नास्टिक का कांस्य पदक जीता था. उनका सपना पूरा हुआ था. लेकिन तस्वीर अभी भी पूरी नहीं थी. इसमें प्रेम के रंग भरे जाने थे. और उनके कांसे के धूसर रंग को और चमकीला जो बनाया जाना था.

जैसे ही वे पोडियम से उतरी. उनके फियोंसे मास्सिमो बर्टेलोनी ने उनके समक्ष प्रस्ताव रखा और मौरेली की उंगली पर एक चमकदार हीरे की सगाई की अंगूठी. अब वे एक पदक के अलावा चमकदार अंगूठी के साथ विदा हो रही थीं. उनके चेहरा जीत की ख़ुशी से ही नहीं दमक रहा था बल्कि प्रेम के रंग से सुर्ख़ भी हुआ जाता था.
वे कह रही थीं “यह अंगूठी और यह पदक भविष्य की ख़ुशबू है और मैं अपने सबसे अच्छे दोस्तों, टीम के साथियों और अपने भावी पति के साथ इसे जीकर बहुत ख़ुश हूं.”

दृश्य चार
तुम्हें ज़रूर कोई चाहतों से देखेगा
मगर वो आँखें हमारी कहाँ से लाएगा

बशीर बद्र

तारीख़ पांच अगस्त. दिन सोमवार. दिन का उजला समय. स्थान ख़ूबसूरत सीन का किनारा. बैकड्रॉप एफ़िल टावर.

अमेरिका के जस्टिन बेस्ट ने 01 अगस्त को अपने साथियों निक मीड, माइकल ग्रैडी और लियाम कॉरिगन के साथ मिलकर रोइंग की पुरुषों की कॉक्सलेस फोर स्पर्धा का स्वर्ण पदक जीता था. ये 64 वर्षों में इस स्पर्धा में अमेरिका का पहला स्वर्ण पदक था.

इस ख़ूबसूरत जगह पर अपने दोस्तों और पारिवारिक सदस्यों के साथ इससे बेख़बर प्रेमिका को लैनी डंकन को 2738 पीले गुलाबों के साथ प्रपोज किया. इतने गुलाब इसलिए कि वे इतने दिनों से स्नैपचैट पर एक दूसरे से प्रेम का इज़हार कर रहे थे और पीले इसलिए कि स्नैपचैट के नोटिफिकेशन का बिंदु पीले रंग का होता है.

सीन नदी के किनारे 2738 दिनों की एक प्रेम यात्रा अब अपने अंजाम को प्राप्त हो चुकी थी. सीन नदी के किनारे एक और धारा बहने लगी थी, प्रेम की और गुलाबों की ख़ुशबू में घुल कर प्रेम महकने लगा था.

दृश्य पांच
बहुत दिनों में मोहब्बत को ये हुआ मा’लूम
जो तेरे हिज्र में गुज़री वो रात रात हुई

फ़िराक़ गोरखपुरी

तारीख़ छह अगस्त. दिन मंगलवार. स्थान स्टेड डी फ्रांस. स्थानीय धावक 33 वर्षीय
एलिस फिनोट एक रूमानी अंदाज़ में ख़ुद से किया गया एक वादा पूरा कर रही थीं.

वे पहली बार ओलंपिक में भाग ले रही थीं. स्पर्धा थी महिलाओं की 3,000 मीटर स्टीपलचेज़. वे उसमें चौथे स्थान पर रही. केवल तीन सेकंड से पदक चूक गईं. हालाँकि उन्होंने 8:58.67 के समय के साथ यूरोपीय स्टीपलचेज़ रिकॉर्ड तोड़ दिया .

लेकिन दौड़ से पहले उन्होंने स्वयं से भी एक वादा किया थे कि “नौ मेरा भाग्यशाली अंक है. मैं नौ मिनट से कम समय में ये दौड़ पूरी कर लूं और हमारे साथ के भी नौ वर्षों हो चुके हैं. तो मैं प्रपोज़ करूंगी.”

और ख़ुद से किए गए वादे को पूरा करने के लिए दौड़ के कुछ ही क्षणों बाद फिनोट ट्रैक पर एक घुटने के बल बैठी और पानी भरी आंखें लिए अपने स्पेनी प्रेमी ब्रूनो मार्टिनेज बार्गीला को, जो ट्रायथलीन के खिलाड़ी हैं, एक पिन भेंट की. इस पर लिखा था “प्यार पेरिस में है.” बाद में उन्होंने वो पिन बारगीता शर्ट में टांक दिया मानो ये पिन न हो उनका दिल हो कि अब दो दिल एक साथ धड़कने लगे थे.

दृश्य छह
दिल पे आए हुए इल्ज़ाम से पहचानते हैं
लोग अब मुझ को तिरे नाम से पहचानते हैं

क़तील शिफ़ाई

तारीख़ 30 जुलाई. दिन मंगलवार. पेरिस में कोई जगह. अमेरिका की महिला रग्बी सेवन खिलाड़ी अलेव केल्टर ने अपनी स्पर्धा में कांस्य पदक जीतने के बाद साथी खिलाड़ीकैथ ट्रेडर के सामने घुटनों के बल बैठी और अपनी 96 साल की दादी की मौजूदगी में शादी का प्रस्ताव रखा.

एलेव केल्टर तीसरी बार ओलंपिक खेलने पेरिस आई थीं. उनका पदक जीतने का सपना जब पूरा हुआ, जब उन्होंने कांस्य पदक मैच में 30 जुलाई को ऑस्ट्रेलिया को 14-12 से हराकर एक इतिहास रचा. अमेरिकी सेवन्स स्क्वाड के लिए ये अब तक का पहला पदक था. इस जीत में केल्टर ने अहम भूमिका निभाई. उन्होंने अमेरिका को और से पहला स्कोर किया.

इस जीत के बाद वे सीधे अपनी दोस्त ट्रेडर के पास हैं और उन्हें प्रपोज किया. ट्रेडर उसी अमेरिकी महिला XVs टीम के लिए खेलती हैं, जिसके लिए केल्टर भी खेलती हैं और यहीं पर इस प्यारे जोड़े की मुलाकात हुई थी.

ये प्रपोज़ल दूसरे प्रपोज़ल से थोड़ा अलग बहुत ही वैयक्तिक रहा और इसका पता तब चला जब 06 अगस्त को उन्होंने एक वीडियो के ज़रिये इस बात को साझा किया.

एक और प्रेम कहानी को अपनी मंजिल पर पहुंची अमेरिका से बहुत दूर सिटी ऑफ़ लव पेरिस में.

दृश्य सात
मोहब्बत एक ख़ुशबू है हमेशा साथ चलती है
कोई इंसान तन्हाई में भी तन्हा नहीं रहता

बशीर बद्र

तारीख़ चार अगस्त. दिन रविवार. समय एक चमकीला दिन. स्थान सुप्रसिद्ध एफ़िल टावर का बैकड्रॉप. इस दिन एक और खिलाड़ी प्रेमी घुटनों के बल झुका और प्रेम निवेदन किया.

ये अमेरिका के शॉट पटर पेटन ऑटरडल थे. वे शॉट पुट में भाग लेने वाले तीन अमेरिकियों में से एक थे. वे बहुत मामूली से अंतर से जमैका के आर कैंपबेल से पीछे रह कर पदक से चूक गए. पहले दो स्थानों पर अमेरिकी खिलाड़ी रहे.

अगले दिन ही एफ़िल टावर के बैकड्रॉप में उन्होंने अपनी मेडी नील्स के सामने प्रस्ताव रखा .वे उनके साथ इन दिनों पेरिस में ही हैं. एक बार फिर सीन के किनारे दो दिल मिले प्रेम की ऊष्मा से पिघले और इसके समानांतर एक प्रेम की एक और धारा बह निकली.

यों प्रेम के इस शहर में प्रेम की कुछ कहानियां अपने अंजाम को पहुंची. कहने को तो इनकी गिनती एक दर्जन तक पहुँचती हैं. पर कुछ सामने आईं, कुछ पर्दे में रह गईं.

पर कहते हैं न कि प्यार के दुश्मन हज़ार. इन प्रस्तावों के चर्चा में आते ही इनकी आलोचना शुरू हो गई कि इनकी सुर्ख़ियों ने ओलंपिक में महिलाओं की वास्तविक उपलब्धियों को पृष्ठभूमि में धकेल दिया.

जो हो इस प्रेम नगर में कितनी ही प्रेम कहानियाँ पूरी हुई. लेकिन ऐसा भी हुआ होगा कि इन सोलह दिनों के और न जाने कितनी नई प्रेम कहानियों ने जन्म लिया होगा जो कहीं और उनके अपने प्रेमनगर में, अपने सपनों के शहर ने पूरी होंगी.

और ये भी कि पेरिस में बने इन सुंदर दृश्यों की तरह ऐसे न जाने कितने दृश्य आगे भी आने वाले समय में बनते रहेंगे और लोगों की स्मृति का हिस्सा भी कि बकौल मिर्ज़ा ग़ालिब

इश्क़ पर ज़ोर नहीं, है ये वो आतिश ‘ग़ालिब’
कि लगाए न लगे और बुझाए न बने!

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