हकीम असरारुल हसन ख़ान उस रोज़ सुल्तानपुर के मुशायरे में ग़ज़ल पढ़ने के लिए मंच पर न चढ़े होते और सुनने वालों ने उन्हें उस तरह हाथों हाथ न लिया होता तो मुमकिन है कि यूनानी दवाओं से इलाज़ करने वाला एक और हकीम हमारे पास होता मगर [….]
पारसी रंगमंच के बड़े नाटककारों में शुमार किए जाने वाले आग़ा हश्र का असली नाम तो आग़ा मुहम्मद शाह था. उनके वालिद ग़नी शाह तिजारत के सिलसिले में कश्मीर से कभी बनारस आए तो वहीं आबाद हो गए. उनकी पैदाइश बनारस ही के मुहल्ला गोविंद कलां में हुई और जब लिखने लगे तो अपने नाम के साथ पुरखों के वतन का जोड़ लिया था. [….]
अल्बर्ट आइंस्टाइन | 14 मार्च 1879 – 18 अप्रैल 1955
जर्मनी में एक यहूदी परिवार में जन्मे आइंस्टाइन का बचपन उनकी मेधा की तरह ही असामान्य लगने वाले क़िस्सों में कहा-सुना जाता है. फिर दुनिया ने जब उन्हें वैज्ञानिक के तौर पर पहचाना तो भी उनकी विलक्षण प्रतिभा के साथ ही भुलक्कड़ी और हाज़िरजवाबी के तमाम क़िस्से मशहूर हुए. [….]
(बलराज साहनी प्रतिबद्ध अभिनेता भर नहीं रहे, लेखक और चिंतक भी रहे. इप्टा के साथ ही वे प्रगतिशील लेखक मंच से भी जुड़े रहे. यहां हम उनके एक काफ़ी लम्बे पत्र का एक अंश छाप रहे हैं, जो उन्होंने सन् 1970 के आसपास लिखा था. उस दौर की हिन्दी की पत्र-पत्रिकाओं ने जब उनका यह ख़त नहीं छापा तो उन्होंने इसे पैम्फ़लेट की शक़्ल में छपाकर अपने कुछ लेखक दोस्तो के पास भेजा था. [….]