फुटबॉल इतिहास के दो सिरों – पेले और मेसी के बीच अपनी तमाम कमज़ोरियों और अवगुणों के साथ एक मानुस – माराडोना सीना ताने खड़ा है जो सीना ठोककर फुटबॉल के देवताओं को चुनौती देता है. [….]
बीसवीं सदी के भारतीय कलाकारों के जीवन पर दृष्टिपात करें तो भाऊ समर्थ और हरिपाल त्यागी ही देश के दो ऐसे कलाकार रहे हैं जिन्होंने कला व जीवन की शर्तों को कभी बाज़ार के अधीन नहीं होने दिया और इसकी एक बड़ी क़ीमत भी उन्होंने चुकाई. बाज़ार और उसकी चकाचौंध हरिपाल जी को कभी अपने छद्म एश्वर्य से बाँध नहीं पाई. [….]