देश की संसद में खेती-किसानी से जुड़े विधेयकों के पारित होते ही सब्जियों के साम्राज्य में हलचल मच गई. सब्जियों के राजा आलू को पहली बार अपनी सत्ता पर ख़तरा मंडराता दिखा. कभी बहादुर शाह जफ़र को बादशाह होते हुए भी यह भान न हुआ था कि उनकी सत्ता ख़त्म हो रही है [….]