किसी भी देश की कला वहां के लोगों के मनोविज्ञान की प्रतिच्छाया होती है. उस कला की गुणवत्ता का स्तर उसकी राजनीतिक शक्ति की समृद्धि और दारिद्रय, दोनों का प्रतिबिंब होती है और उस देश के लोगों की बौद्धिकता और सौंदर्यबोध के विकास का एक संकेत होता है. [….]