बड़े बखार के एक सिरे की तरफ एक चबूतरे पर मेजर पहले ही अपने पुआल के बिस्तर पर आराम से पसरा हुआ था. उसके ऊपर एक शहतीर से एक लालटेन लटकी हुई थी. उसकी उम्र बारह बरस की थी और पिछले कुछ अरसे से वह कुछ मुटिया गया था, लेकिन उसके बावजूद वह अभी भी राजसी ठाठ-बाटवाला सूअर था. [….]