बांदा | नरैनी में हुए ब्याह में दोना-कुल्हड़ या मउर-मंगलाचार कोई नवाचार नहीं, ऐसी परंपरा है, जिसे बिसार दिया गया है. और कुछ चेतना सम्पन्न लोग ऐसी परम्पराओं की ख़ूबियाँ याद दिलाकर उन्हें वापस अमल में लाने की कोशिश में लगे हैं. [….]