ये एक इश्तिहार है लेकिन चूँकि आम इश्तिहार बाज़ों से बहुत ज़्यादा तवील है इसलिए शुरू में ये बता देना मुनासिब मालूम हुआ वर्ना शायद आप पहचानने न पाते.
मैं इश्तिहार देने वाला एक रोज़नामा अख़बार का एडिटर हूँ. चंद दिन से हमारा एक छोटा सा इश्तिहार इस मज़मून का अख़बारों में ये निकल रहा है कि हमें मुतर्जिम और सब-एडिटर की ज़रूरत है. [….]