मलिकज़ादा मंज़ूर अहमद, उर्दू हलक़े में किसी तआरुफ़ के मोहताज नहीं. मंज़ूर साहब उम्दा शायर और मुशायरों के जाने-माने नाज़िम होने के साथ ही लखनऊ से छपने वाले माहनामा ‘इम्कान’ के चीफ़ एडिटर भी थे. 2004 में ‘रक़्स-ए-शरर’ के उन्वान से उनकी ख़ुदनविश्त छपकर आई [….]