कहानी पर गढ़ंत विषय पर सोचते हुए लगा कि दरअसल यह कोई एक विषय या एक सवाल नहीं, यह तो भारी भरकम गठरी है, जिसकी गांठ खोलते ही न जाने कितने सवालों से सामना होगा – रचना, रचना कर्म की प्रकृति, मायनों और उद्देश्यों से संबंधित लगभग सारे ही सवाल. सबसे पहले यही कि ‘गढ़ंत’ के क्या मायने? क्या यह वही है जिसके लिए हम ‘रचना’ शब्द का इस्तेमाल करते हैं या उससे कुछ अलग या इतर? [….]