इंदौर | प्रगतिशील लेखक संघ के राष्ट्रीय सचिव विनीत तिवारी ने कहा कि आज़ादी के पहले के भारत को समझने के लिए प्रेमचंद और आज़ादी के बाद का भारत समझने के लिए परसाई को पढ़ना ज़रूरी है. अंग्रेज़ों और उनसे पहले मुगलों ने भी भारत को समझने के लिए तत्कालीन साहित्य का अध्ययन किया था. [….]