चमोली | फूलों की घाटी के साथ ही क़रीब पांच वर्ग किलोमीटर के दायरे में फैली एक और घाटी है, जहां जैव विविधता का ख़ज़ाना बिखरा हुआ है, मगर जिस पर ज़माने की निगाह से अभी दूर है. यह चेनाप घाटी है. [….]
जोशीमठ | चिपको आंदोलन का साक्षी रहा रैणी गांव का वह जंगल भी ऋषिगंगा के सैलाब की भेंट चढ़ गया, जहाँ से 1973 में ‘चिपको आंदोलन’ शुरूआत हुई थी. जहाँ गौरा देवी की अगुवाई में गांव की महिलाओं ने पेड़ों से चिपककर जंगल बचाया था. [….]